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एक अप्रैल से हाईवे पर गाड़ी चलाना होगा महंगा, 5 प्रतिशत ज्यादा टोल टैक्स वसूलने की तैयारी

Posted On : 16 March, 2021

मासिक पास की कीमत भी 10 रुपए से बढक़र 20 रुपए हो जाएगी

नए वित्तीय वर्ष 1 अप्रैल से हाईवे पर गाड़ी चलाना महंगा हो जाएगा। टोल प्लाजा से गुजरने वाले वाहनों को ज्यादा टैक्स देना होगा।  भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने टोल दरों में 5 प्रतिशत की वृद्धि करने की तैयारी कर ली है। वहीं मासिक पास की कीमत भी 10 रुपए से बढक़र 20 रुपए हो जाएगी। एनएचएआई अपने सभी टोल प्लाजा पर टैक्स बढ़ाएगा। नई कीमतें एक अप्रैल से टोला प्लाजा पर चस्पा कर दी जाएगी। जिसके बाद चार पहिया या उससे अधिक पहिया वाले  वाहनों को ज्यादा टैक्स देना होगा। आपकों बता दें कि एनएचएआई हर वित्तीय वर्ष में टोल दरों में वृद्धि करता है। इस वृद्धि से आमजनता के साथ कॉमर्शियल वाहनों पर भी टैक्स का बोझ बढ़ेगा। 


सन् 2008 से हर साल बढ़ता है टोल टैक्स

राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने साल 2008 में हर साल टोल प्लाजा में टैक्स बढ़ाने का प्रावधान किया था। इसके बाद से हर वित्तीय वर्ष के पहले दिन से टोल टैक्स बढ़ाया जाता है। 


ट्रांसपोर्टेशन होगा महंगा, जरूरी चीजों की कीमतों पर असर

देश के हाईवे पर बड़ी संख्या में ट्रक, बस, पिकअप, थ्री व्हीलर, कार, 12 चक्का ट्रक, डंपर आदि गुजरते हैं और टोल कलेक्शन में इनका अनुपात सबसे ज्यादा है। इसके अलावा देश में पेट्रोल-डीजल के दाम भी लगातार बढ़ रहे हैं। ऐसे में ट्रांसपोर्ट व्यवसायी भी माल भाड़ा बढ़ा सकते हैं ऐसे में जरुरी चीजों के दाम बढऩे की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। उल्लेखनीय है कि टोल प्लाजा पर 5 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी का सीधा असर सडक़ पर सफर करने वालों पर पड़ेगा, क्योंकि सभी राज्यों के परिवहन विभाग किराया महंगा कर देंगे। इसके साथ ही ट्रांसपोर्टेशन भी महंगा हो जाएगा। जिससे सब्जी, फल और दूध जैसी जरूरी चीजें महंगी हो जाएंगी। 


फास्टैग अनिवार्य होने के बाद डिजिटल टोल कलेक्शन में भारी वृद्धि

हालांकि टोल टैक्स में  1 अप्रैल से वृद्धि संभावित है। इससे पहले देशभर में 16 फरवरी से फास्टैग को अनिवार्य किया जा चुका है। इसके बाद से देश्भर के टोल प्लाजाओं पर डिजिटल टोल कलेक् शन में भारी वृद्धि हुई है। एनएचएआई के अनुसार देश में प्रतिदिन 100 करोड़ रुपए से अधिक का टोल टैक्स कलेक्शन किया जा रहा है। वहीं फरवरी में 104 करोड़ रुपए का का रिकॉर्ड टोल कलेक्शन दर्ज किया गया है। यहां उल्लेखनीय है कि 1 दिसंबर 2017 से नए चारपहिया वाहन के रजिस्ट्रेशन पर फास्टैग लेना अनिवार्य है। फास्टैग को लागू करने वाली संस्था राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण यानी एनएचएआई ने बताया है कि यदि टोल प्लाजा से गुजरने वाले वाहन में फास्टैग नहीं होगा तो ऐसे वाहनों से दोगुना टोल टैक्स वसूला जाएगा।  


फास्टैग के उपयोग से 20 हजार करोड़ रुपए के ईंधन की बचत का अनुमान

फास्टैग के उपयोग से देश में 20 हजार करोड़ रुपए के ईंधन की बचत का अनुमान जताया गया है। इसके पीछे कारण बताया गया है कि फास्टैग से उपयोग से जहां एक तरफ टोल प्लाजा पर गाडिय़ों की लंबी कतार से छुटकारा मिलेगा वहीं दूसरी ओर ईंधन की बचत भी होगी। केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के अनुसार अगर देश में सभी वाहन फास्टैग का उपयोग करना शुरू कर दें तो इससे हर साल 20 हजार करोड़ रुपये के ईंधन की बचत की जा सकती है। फास्टैग एक डिजिटल स्टीकर है जिसे गाडिय़ों के शीशे पर लगाया जाता है। यह रेडियो फ्रिक्वेंसी आईडेंटिफिकेशन तकनीक (RFID) पर काम करता है। जब गाडिय़ां टोल प्लाजा से गुजरती हैं तब फास्टैग से जुड़े बैंक या प्रीपेड अकाउंट से अपने आप ही टोल टैक्स का भुगतान हो जाता है। इससे गाडिय़ों को टोल प्लाजा पर रुककर टोल टैक्स के भुगतान करने की आवश्यकता नहीं पड़ते जिससे समय की बचत होती है और प्रदूषण भी कम होता है। फास्टैग को सभी पैसेंजर चार पहिया वाहन, बस, ट्रक, लॉरी और निर्माण में उपयोग होने वाले कमर्शियल वाहनों के लिए लागू किया गया है। जबकि दोपहिया वाहनों में फास्टैग लगवाना जरूरी नहीं है।

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