दिल्ली, गुरूग्राम समेत अन्य शहरों में भी इसे लांच किया जाएगा
भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों का चलन तेजी से बढ़ रहा है। ईवी उपयोगकर्ताओं का भरोसा इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के प्रति बढऩे का प्रमुख कारण बैटरी स्वैपिंग की सुविधाओं का विस्तार और इनकी व्यावसायिक कार्यकुशलता मानी जा रही है। वहीं इलेक्ट्रिक मोबिलिटी की ओर अधिक रुख होने से बैटरी सदस्यता और इसके स्वैपिंग के समाधानों के नये-नये निर्णय हो रहे हैं। यहीं कारण है कि राष्ट्रीय राजमार्ग के परियोजना निदेशक अभिजीत सिन्हा ने कहा है कि भारत सक्रिय रूप से इलेक्ट्रिक मोबिलिटी की ओर बढ़ रहा है और आंतरिक दहन इंजन आधारित वाहनों से इलेक्ट्रिक वाहनों में स्विच की सुविधा के लिए बैटरी स्वैपिंग स्टेशनों पर भरोसा कर रहा है। यहां जानते हैं कि इलेक्ट्रिक बैटरी स्वैपिंग के समाधान के कारण कैसे बढ़ रही है ईवी अपनाने की होड़?
बैटरी स्वैपिंग की व्यावसायिकता
यहां बता दें कि इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए नेशनल हाइवे के परियोजना निदेशक अभिजीत सिन्हा ने कहा है कि भारत सक्रिय रूप से इलेक्ट्रिक मोबिलिटी की ओर बढ़ रहा है। गुरूग्राम और नौएडा में एनएच ईवी प्रोटोटाइप स्टेशनों पर स्थापित की जाने वाली बैटरी स्वैपिंग इकाइयों पर चर्चा की। इन्होंने कहा है कि दिल्ली-जयपुर ई हाइवे के लिए 60 दिनों के भीतर नोएडा में समान आकार और पैमाने के दो और प्रोटोटाइप मॉडलिंग स्टेशन स्थापित किए जाएंगे। अभिजीतसिंह ने कहा है कि सार्वजनिक उपक्रमो, निजी संस्थाओं को को आवंटन की तिथि 90 दिन के रिकार्ड समय के अंदर 30 और ई- हाइवे चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंंगे।
केंद्रीय बजट में बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी से बढ रही ई- मोबिलिटी
यहां बता दें कि गत फरवरी माह में केंद्र सरकार का जो बजट पेश किया गया उसमें भी इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बड़े स्तर पर इंफ्रास्ट्रैक्चर निर्माण पर जोर दिया है। अपने बजट में केंद्रीय वित्त मंत्री ने एलान किया है कि सरकार जल्द ही बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी लेकर आएगी। इसी का परिणाम है कि बैटरी स्वैपिंग के अनेक नये स्टेशन खोलने की योजनाएं बन रही हैं। बता दें कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन द्वारा घोषित बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी लागू होने के बाद बैटरी स्वैपिंग सुविधा का यह फायदा होगा कि इलेक्ट्रिक व्हीकल में बैटरी चार्जिंग की समस्या खत्म हो जाएगी। इसके साथ ही कोई भी ईवी स्वामी अपनी डिस्चार्ज बैटरी के बदले फुल चार्ज बैटरी ले सकता है।
सार्वजनिक परिवहन में ग्रीन तकनीक को बढ़ावा
सरकार की नई बैटरी स्वैपिंग नीति से पब्लिक ग्रीन तकनीक को बढ़ावा मिलेगा। सरकार इंटरऑपरेबिलिटी मानकों को तैयार करेगी। वहीं बुनियादी ढांचे में सुधार आएगा। बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी के आने से बैटरी बनाने के लिए निजी सेक्टर को भी प्रोत्साहन मिलेगा। सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों के विकास के लिए स्पेशल मोबिलिटी जोन विकसित करने की भी घोषणा की है। वहीं वर्ष 2030 तक निजी कारों के लिए 30 प्रतिशत, वाणिज्यिक वाहनों के लिए 70 प्रतिशत और बसों के लिए 40 प्रतिशत इलेक्ट्रिक वाहन संचालन का लक्ष्य रखा है। इसके अलावा दोपहिया वाहन 80 प्रतिशत तक चलने लगेंगे।
अभी देशभर में 1,028 सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन
यहां बता दें कि सडक़ परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार भारत में जनवरी 2022 के अंत तक केवल 1028 सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन थे। वहीं देश में इलेक्ट्रिक पंजीकृत वाहनों की संख्या 9 लाख, 74 हजार 313 है। ऐसे में सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों की संख्या बढ़ाने की जरूरत है।
बैटरी स्वैपिंग स्टेशन बनाने के लिए कई कंपनियां तैयार
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कई राज्यों में निजी कंपनियों ने बैटरियों की अदला-बदली के लिए बैटरी स्वैपिंग स्टेशन बनाने शुरू कर दिए हैं। भारत की रिलायंस इंडस्ट्री और ब्रिटेन की बीपी पीएलसी ने देश में बैटरी स्वैपिंग के लिए एक ज्वाइंट वेंचर बनाया है। वहीं हीरो मोटोकार्प और ताइवान के गोगोरो ने भी बैटरी स्वैपिंग के लिए साझेदारी की है। इसके अलावा इंडियन ऑयल की ओर से भी बैटरी स्वैपिंग सुविधा शुरू की गई है। उधर आईओसी यह सुविधा पायलट प्रोजेक्ट के तहत चंडीगढ़ के एक पेट्रोल पंप पर उपलब्ध करवा चुका है जहां से कोई भी व्यक्ति चंद मिनटों में डिस्चार्ज बैटरी के बदल फुल चार्ज बैटरी ले जा सकता है। इस सुविधा के बाद दिल्ली, गुरूग्राम समेत अन्य शहरों में भी इसे लांच किया जाएगा। इससे इलेक्ट्रिक ऑटो, रिक्शा सहित कमर्शियल व्हीकल्स मालिकों को फायदा मिलेगा।
क्या है बैटरी स्वैपिंग, क्या होगा फायदा ?
इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने से पहले आपको यह जान लेना बहुत जरूरी है कि बैटरी स्वैपिंग सुविधा क्या है? इसके क्या फायदे हैं? बता दें कि आप अपनी गाड़ी में जैसे डीजल, पेट्रोल या सीएनजी गैस भरवाने के लिए फिलिंग स्टेशन पर जाते हैं वैसे ही सरकार की बैटरी स्वैपिंग नीति आने के बाद आपको कंपनियों के स्वैपिंग स्टेशन पर जाना होगा। वहां आपको अपनी पुरानी डिस्चार्ज बैटरी देने होगी। इसके बदल आपको फुल चार्ज दूसरी बैटरी मिल जाएगी। स्वैपिंग स्टेशन पर कई ब्रांड्स की बैटरी उपलब्ध होगी। यहां लगातार कई बैटरियां चार्ज होती रहेंगी। बदले में आपको फुल बैटरी का बिल चुकाना होगा।
वहीं बैटरी स्वैपिंग का फायदा यह होगा कि आपका समय बचेगा। सामान्यत: ईवी की बैटरी चार्ज होने के नार्मल चार्जर से 8 से 10 घंटे लगते हैं जबकि फास्ट चार्जर से डेढ़ या दो घंटे में बैटरी फुल चार्ज हो जाती है। ऐसे में यदि चार्जिंग स्टेशन पर भीड़ हुई तो आपको लंबा इंतजार भी करना पड़ सकता है जबकि बैटरी स्वैपिंग स्टेशन पर बैटरी की अदला-बदली कर आप इस समस्या से बच सकते हैं।
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