अगले दो सप्ताह में नई ई-वाहन नीति को लेकर जारी हो सकते हैं दिशा निर्देश
सरकार ने 15 मार्च 2024 को नई ई-वाहन नीति को मंजूरी दी थी ताकि भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा दिया जा सके। इस नीति के अनुसार, ई-वाहनों के लिए मैन्युफैक्चरिंग सुविधाएं स्थापित करने वाली कंपनियों को टैक्स छूट और कई तरह की अन्य सब्सिडी दी जाती है। इन कंपनियों को लोकलाइजेशन या लोकल लेवल पर पार्ट्स का निर्माण भी करना होगा। हालांकि, इसके लिए शर्तें भी है जैसे ऐसी कंपनियों को तीन साल के अंदर भारत में विनिर्माण प्लांट लगाना होगा और पांचवें साल तक कम से कम 50 प्रतिशत तक लोकल निर्माण का बेंचमार्क हासिल करना होगा। अभी सरकार द्वारा मंजूर की गई नई ई वाहन नीति को लेकर कोई गाइडलाइन नहीं आई है। उम्मीद है कि अगले 2 सप्ताह तक सरकार इस नीति की गाइडलाइन जारी करेगी।
क्या है नई ई-वाहन नीति?
नई ई वाहन नीति की जारी अधिसूचना के अनुसार, भारत में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट स्थापित करने और ई वाहनों का कमर्शियल प्रोडक्शन शुरू करने के लिए कंपनी को 4,150 करोड़ रुपये (500 मिलियन डॉलर) का कम से कम निवेश करना होगा। हालांकि अधिकतम निवेश की कोई सीमा नहीं है। इस नीति के तहत प्लांट लगाने वाली कंपनियों को मैन्युफैक्चरिंग सेटअप लगाने के लिए 3 वर्ष का समय भी प्रदान किया जाएगा।
सरकार की इस नई नीति में स्थानीयकरण का पूरा ध्यान रखा गया है ताकि लोकल उत्पादों को बढ़ावा मिल सके और भारत में ही ज्यादा से ज्यादा रोजगार पैदा हो सके। इस नीति के तहत कंपनियों को तीसरे साल तक अपने निर्माण किए गए उत्पादों को 25 प्रतिशत तक लोकलाइज करना होगा। साथ ही पांचवें साल तक 50 प्रतिशत लोकल निर्माण का लक्ष्य हासिल करना भी अनिवार्य होगा। इसके अलावा सरकार प्लांट लगाने के लिए जमीन अधिग्रहण में मदद करेगी और ज्यादा से ज्यादा सरकारी सुविधाएं भी प्रदान करेगी।
बढ़ेगा ईवी का इकोसिस्टम, सस्ती होगी गाडियां
देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण को बढ़ाने के लिए जरूरी है कि देश में बेहद मजबूत ईवी इकोसिस्टम स्थापित किया जाए। इसे ही बढ़ावा देने के उद्देश्य से सरकार ने इस नीति को मंजूरी दी है। सरकारी बयान के मुताबिक इस स्टेप से इलेक्ट्रिक वाहनों को लेटेस्ट तकनीक मिल सकेगी। बाहरी कंपनियां भारत में ही अपना रिसर्च एंड डेवलपमेंट भी स्थापित करेगी। जिससे ईवी इकोसिस्टम को बढ़ावा मिलेगा।
गौरतलब है कि मेक इन इंडिया अभियान के तहत भारत सरकार विदेशी कंपनियों को लगातार देश में इन्वाइट कर रही है। सरकार द्वारा इन कंपनियों को सहायता प्रदान की जाएगी। इन कंपनियों को आयातित सामानों पर शुल्क छूट देने के साथ सरकार हर साल इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण पर पीएलआई प्रोत्साहन भी देगी। बता दें कि सरकार ने पीएलआई प्रोत्साहन के तौर पर हाल ही में 6484 करोड़ रुपए की भी मंजूरी दी है। बड़े स्तर पर निर्माण और सरकारी सब्सिडी की वजह से देश में और भी ज्यादा सस्ती इलेक्ट्रिक गाड़ियों का मार्ग खुलेगा।
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