केंद्रीय सडक़ परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने किया ऐलान
भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों का निर्माण और इनकी बिक्री तेजी से बढ़ रही है। इलेक्ट्रिक वाहनों के उत्पादन के क्षेत्र में आए दिन देश में अनेक स्टार्टअप खोले जा रहे हैं। वाणिज्यिक वाहन निर्माता कंपनी टाटा मोटर्स सहित कई अन्य ऑटोमोबाइल कंपनियों ने इलेक्ट्रिक वाहन बाजार में उतार दिए हैं। दोपहिया और तिपहिया वाहनों से लेकर कार, बस और ट्रकों के अनेक मॉडल इलेक्ट्रिक वेरिएंट में आने लगे हैं। यहीं नहीं विदेशी कंपनियों के भी ईवी वाहन भारत में बिकने के लिए लाए जा रहे हैं। केंद्र और राज्य सरकारें इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रोडक्शन और इनकी खरीददारी को लगातार प्रोत्साहित कर रही हैं। इस तरह ऑटो मार्केट में ईवी की बिक्री में निरंतर इजाफा हो रहा है। इसी के चलते केंद्रीय सडक़ परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने अपने एक इंटरव्यू में कहा है कि भारत आगामी दो वर्षों में इलेक्ट्रिक वाहनों के क्षेत्र मेंं वर्ल्ड लीडर बन जाएगा। जानते हैं केंद्रीय सडक़ परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इंटरव्यू में और क्या-क्या कहा? कैसे बनेगा भारत इलेक्ट्रिक व्हीकल्स में दुनिया का सिरमौर।
ईवी के चलन से डीजल-पेट्रोल आयात का भार होगा कम
भारतीय ऑटो मार्केट मे वाहन निर्माता कंपनियों के लिए अब आने वाला भविष्य इलेक्ट्रिक वाहनों का है। यह बात भारत की कार निर्माता कंपनियां भी बेहतर तरीके से समझ चुकी हैं। यही कारण है कि भारत सरकार भी इलेक्ट्रिक वाहन को लेकर खासी उत्साह दिखा रही हैं। इसके लिए केंद्र सरकार की ओर से इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर सब्सिडी योजना भी संचालित की जा रही है। कुल सप्ताह पहले ही केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने अपने एक बयान में कहा था कि भारत अगले करीब दो साल में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के क्षेत्र में दुनिया का लीडर बन जाएगा। इसके लिए भारत को ईवी के क्षेत्र दुनिया का नेतृत्व करने की क्षमता प्राप्त हो जाएगी। वहीं केंद्र सरकार डीजल और पेट्रोल की खपत को कम करने के आयात के भार को कम करना चाह रही है। गडकरी ने अपने बयान में कहा था कि 7 से 8 लाख करोड़ रुपये के कच्चे तेल का आयात कर रहा है।
100 फीसदी इलेक्ट्रिकफिकेशन लाया जाएगा
इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती संख्या और इन वाहनों के प्रति लोगों के आकर्षण के चलते निश्चित रूप से परिवहन मंत्री गडकरी का कथन सत्य साबित हो सकता है। इधर भारतीय परिवहन मंत्रालय पहले देश में सार्वजनिक परिवहन और लॉजिस्टिक सॉल्यूशन के लिए 100 प्रतिशत इलेक्ट्रिकफिकेशन लाएगा। बुनियादी ढांचे में पहले रेल्वे, रोडवेज और विमानन के बाद जलमार्गों को प्राथमिकता दी जाएगी।
इथेनॉल का उपयोग बढ़ाने पर भी रहेगा ध्यान
एक तरफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को बढ़ावा दिया जा रहा है तो दूसरी तरफ ईंधन की मांग को कम करने के लिए सरकार इथेनॉल के उपयोग पर भी ध्यान दे रही है। इथेनॉल का वर्तमान मार्केट 20,000 करोड़ रुपये का है। सरकार अगले दो सालों में इस बाजार को पूंजीकरण को 5 लाख करोड़ तक ले जाने के लिए इसे बढ़ाने की अनुमति दे रही है।
ईवी कीमतों पर यह बोले गडकरी
इलेक्ट्रिक वाहनों की भारत में बढ़ती संख्या को लेकर केंद्रीय सडक़ परिवहन मंत्री ने आगामी दो साल में भारत के वल्र्ड लीडर होने का ऐलान किया है तो दूसरी ओर उन्होंने यह भी कहा है कि उन्हे 100 प्रतिशत विश्वास है कि दो साल में इलेक्ट्रिक बसों की कीमत डीजल बसों के बराबर होगी, इलेक्ट्रिक कारों की कीमत पेट्रोल कारों के समान होगी और दोपहिया ईवी की कीमत पेट्रोल दोपहिया वाहनों के की लागत के बराबर होगी।
स्क्रैपेज पॉलिसी से मिलेगा ईवी को बढ़ावा
यहां बता दें कि इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रति सभी कंपनियों का जैसे रूझान बढ़ रहा है उसे और आगे बढ़ाने में केंद्र सरकार की नई स्क्रैपेज पॉलिसी भी बहुत मददगार साबित होगी। केंद्रीय परिवहन मंत्री गडकरी ने कहा है कि स्क्रैपेज पॉलिसी के कारण देश आगे बढ़ेगा। विश्व में नंबर एक इलेक्ट्रिक वाहन केंद्र के रूप में हमारे देश को जाना जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि स्क्रैपेज पॉलिसी निर्माताओं को ज्यादा इलेक्ट्रिक वाहन और स्वच्छ वाहनों के उत्पादन करने की अनुमति देगी।
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