इलेक्ट्रिक वाहनों के उत्पादन में चाइना की तरह प्रमुख उत्पादक देश बनेगा भारत : मार्क मोबियस
इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण में अमेरिका और चीन का दबदबा बरकरार है और भारत तीसरे नंबर की पॉजिशन पर बना हुआ है। भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के उत्पादन को लेकर प्रमुख वैश्विक निवेशक ने एक खास टिप्पणी की है, जिससे ईवी निर्माताओं को एक पॉजिटिव मैसेज मिला है। वैश्विक निवेशक मार्क मोबियस ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस से कहा है कि भारत आने वाले वर्षों में चीन की तरह इलेक्ट्रिक वाहनों का "प्रमुख उत्पादक" बनने के लिए तैयार है।
विशाल घरेलू बाजार से भारत को मिलेगी शानदार ग्रोथ
मार्क मोबियस के अनुसार भारत का घरेलू बाजार इतना बड़ा है कि उसे अपने इलेक्ट्रिक वाहन बेचने के लिए बाहर किसी भी देश में जाने की जरुरत महसूस नहीं होगी। मोबियस ने आईएएनएस को बताया कि भारत उम्मीद से पहले ही इलेक्ट्रिक वाहन सेक्टर में एक प्रमुख उत्पादक बनने जा रहा है। भारत ने छोटे ईवी के साथ अपनी शुरुआत की थी, लेकिन यह अंततः इलेक्ट्रिक वाहनों का एक प्रमुख उत्पादक बन जाएगा। चूंकि भारत घरेलू बाजार इतना बड़ा है, इसलिए उसे इलेक्ट्रिक वाहनों का निर्यात करने की आवश्यकता नहीं होगी। वे स्थानीय बाजार की आपूर्ति के लिए आसानी से बड़ी संख्या में उत्पादन कर सकते हैं।
चीने के समान उत्पादक देश बनने के पीछे यह बताया कारण
प्रमुख वैश्विक निवेशक मार्क मोबियस ने यह टिप्पणी उस समय की है जब भारत में त्योहारी सीजन के दौरान इलेक्ट्रिक वाहनों की रिकॉर्ड सेल हुई है। उन्होंने भारत के चीन के समान उत्पादक देश बनने के लिए कई तर्क दिए हैं। उनका कहना है कि भारत की ईवी यात्रा चीन के समान है जो अब ग्लोबल लीडर है। चीन ने यह उपलब्धि अपने घरेलू बाजार के कारण हासिल की है। उन्होंने आईएएनएस को बताया, "भारत भी जल्द ही उसी स्थिति में होगा और वैश्विक ईवी बाजार में बहुत सारे अच्छे काम करने में सक्षम होगा।
मोबियस ने आगे कहा कि भारत आने वाले वर्षों में 5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है। "भारत की ताकत विभिन्न संस्कृतियों का संरक्षण है। अलग-अलग राज्य हैं, जिनकी भाषाएं और परंपराएं अलग-अलग हैं और यह रचनात्मकता का एक बड़ा स्रोत है जो कई लोगों को नए उद्योग, नए विचार और नए आविष्कार करने के लिए सशक्त बनाएगा।"
सरकारी नीतियों से बढ़ रही ईवी की सेल
भारत में सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनी नीतियों के माध्यम से प्रोत्साहन दे रही है। केंद्रीय मंत्रिमंडल 1 अक्टूबर 2024 से पीएम ई-ड्राइव योजना को लागू किया है जिसमें ईवी सब्सिडी व मांग प्रोत्साहन के लिए 10,900 करोड़ रुपये के वित्तीय परिव्यय की स्वीकृत दी जा चुकी है। यह योजना 31 मार्च, 2026 तक लागू रहेगी। पीएम ई-ड्राइव योजना के तहत ईवी की बिक्री में रिकॉर्ड उछाल देखा गया है, जो ईवी अपनाने की बढ़ती गति को दर्शाता है। इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रमोशन स्कीम (ईएमपीएस) और पीएम ईड्राइव योजनाओं जैसी पहलों के माध्यम से, 2024-25 में इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों (ई-2डब्ल्यू) की बिक्री बढ़कर 5,71,411 इकाई हो गई। इसी अवधि के दौरान, ई-रिक्शा और ई-कार्ट सहित इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर्स (ई-3W) की बिक्री 1,164 यूनिट तक पहुंच गई, जबकि L5 श्रेणी में इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर्स की बिक्री 71,501 यूनिट तक पहुंची है, जिसके आगे भी बढ़ने की संभावना है।
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