Posted On : 01 December, 2022
कमर्शियल वहीकल्स का उपयोग करने वाले हर एक ड्राइवर या मालिक को अपने मिनी ट्रक, पिकअप, ट्रक, ट्रेलर और ट्रांजिट मिक्सर का थर्ड पार्टी इंश्योरेंस अवश्य करवाना चाहिए। क्योंकि ट्रक जैसे बड़े कमर्शियल व्हीकल(HCV) को भारी भरकम सामान को उच्चे मोड़ वाले रास्ते, गड्ढे वाली सड़कें और उतार-चढ़ाव वाले कई रास्तों का सामना करना पड़ता है, वहीं कई बार ट्रक में इतनी ज्यादा मात्रा में सामान भर दिया जाता है कि वो अपनी बॉडी के आकार से भी काफी ज्यादा बड़े दिखने लग जाते हैं। इसके अलावा, ड्राइविंग करते समय सामान की सही समय पर डिलीवरी करना और ग्राहकों की तरफ से लगातार आने वाला दबाव या फिर ड्राइविंग के अनुभव की कमी होने के कारण अक्सर बड़ी सड़क दुर्घटनाएं देखने को मिलती है, साथ ही रोजाना अखबार का पहला पेज खोलते ही ट्रक एक्सीडेंट की खबरें देखने को मिलती है। ऐसे में यदि आपके पास आपके कमर्शियल व्हीकल का थर्ड पार्टी इंश्योरेंस होता है तो आप सभी कानूनी देनदारियों से बच सकते हैँ। वहीं इसके अलावा आपको बता दें, मोटर वाहन अधिनियम 1988 के तहत, भारतीय सड़कों पर चलने वाले सभी व्हीकल्स के लिए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस करवाना अनिवार्य हो गया है।
कमर्शियल व्हीकल्स के लिए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कुछ इस प्रकार है जैसे दो व्यक्तियों के बीच कॉन्ट्रैक्ट में कोई तीसरा व्यक्ति शामिल हो। थर्ड पार्टी योजना की डिटेल्स जानने से पहले आइए इससे जुड़ी कुछ शर्तों को समझें। यदि हम बीमा पॉलिसियों की बात करें, तो कमर्शियल व्हीकल का मालिक जिसने इंश्योरेंश करवा रखा होता है वो पहला पक्ष होता है, वहीं बीमा करने वाली कंपनी दूसरा पार्टी होती है, और पहले पक्ष के वाहन से टक्कर में शामिल होने वाले अन्य व्हीकल का मालिक थर्ड पार्टी कहलाता है। इसलिए हम कहते हैं कि थर्ड पार्टी इंश्योरेंश कवरेज किसी अन्य वाहन पर हुए नुकसान से आपको बचा सकता है।
थर्ड पार्टी इंश्योरेंस प्लान के कवरेज क्या-क्या हैं?
थर्ड पार्टी इंश्योरेंस में शामिल है ये सभी क्लेम
1. पहले पक्ष के व्हीकल के साथ टक्कर में थर्ड पार्टी के व्हीकल का नुकसान कवर किया जाता है। एक्सीडेंट में नुकसान हुए थर्ड पार्टी के व्हीकल पर आए मरम्मत सहित सभी अन्य खर्च बीमा कंपनी देती है।
2. इस बीमा पॉलिसी के आधार पर थर्ड पार्टी व्हीकल के ड्राइवर का अस्पताल से लेकर उसकी सभी दवाईयों का खर्च बीमा कंपनी उठाती है। यदि ड्राइवर की मृत्यु हो जाती है तो ऐसे में बीमा कंपनी अदालत द्वारा तय किए गए मुआवजे के मूल्य का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी हो जाती है।
3. वहीं इसके अलावा पहले पक्ष के व्हीकल से थर्ड पार्टी के वाहन के नुकसान का खर्च तीसरे पक्ष के दावों के अनुसार ही आता है।
मोटर वाहन अधिनियम 1988 के तहत, थर्ड पार्टी अपने वाहन के लिए केवल इन दो परिस्थितियों में क्लेम के लिए दावा कर सकता है- नो-फॉल्ट लायबिलिटी क्लेम (No Fault Liability Claim) या फॉल्ट लायबिलिटी क्लेम (Fault Liability Claim) ।
इस मामले में बीमा कंपनी ये देखते हुए क्लेम करती है कि इंश्योर्ड व्हीकल और थर्ड पार्टी के व्हीकल की अचानक टक्कर हुई हो। आप ऐसे समझ सकते हैं कि इस हादसें में किसी भी ट्रक ड्राइवर की गलती ना हों।
इस मामलें में थर्ड पार्टी के व्हीकल के मालिक को ये साबित करना होता है कि इस सड़क दुर्घटना में मेरी कोई गलती नहीं थी बल्कि इंश्योर्ड व्हीकल के ड्राइवर की लापरवाही के चलते ये हादसा हुआ है। क्लेम मांग रहे व्यक्ति को कानून के सामने भी ये ही सिद्ध करना होता है कि इस हादसे में बीमित व्यक्ति की ही गलती थी। इस तरह के मामलों में मुआवजा अदालत के फैसलों पर निर्भर करता है। वैसे इस प्रकार के मामलों में अक्सर न्यायाधीश, निर्णय पारित करने से पहले थर्ड पार्टी के ड्राइवर की आय और उसके द्वारा नुसार व अवशिष्ट मानव संपत्ति मूल्य को ध्यान में रखते हैं।
कभी-कभी कुछ परिस्थितियां ऐसी हो जाती है जब आप अपने कमर्शियल व्हीकल के लिए बीमा कंपनी से मुआवजे के लिए दावा नहीं कर सकते है। ये है वो कंडीशन -
- यदि एक्सीडेंट के दौरान थर्ड पार्टी व्हीकल का ड्राइवर शराब या किसी और नशे में पाया जाता है तो ऐसे में बीमा कंपनी से वो अपने मुआवजे का हक खो देता है।
- यदि थर्ड पार्टी के ड्राइवर ने अपने फायदे के लिए इंश्योर्ड व्हीकल से टक्कर का कारण बनाता है तो ऐसे में बीमाकर्ता थर्ड पार्टी के वाहन के मरम्मत शुल्क को कवर नहीं करेगा।
- यदि थर्ड पार्टी के ड्राइवर के पास वैध लाइसेंस नहीं है या वह नाबालिग है।
- मालिक के कमर्शियल व्हीकल की चोरी भी थर्ड पार्टी इंश्योरेंस बीमा के अंतर्गत नहीं आती है।
- खुद से किए गए वाहन पर नुकसान में इस पॉलिसी में प्रोटेक्टेड नहीं रहते हैं।
कमर्शियल व्हीकल्स के लिए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने के लाभ?
कानूनी कवर और वित्तीय सहायता (Legal Cover and Financial Assistance)
कमर्शियल व्हीकल थर्ड पार्टी बीमा किसी अन्य वाहन से टक्कर के दौरान कानूनी देनदारियों के खिलाफ कवरेज प्रदान करता है। इसमें तीसरे पक्ष के वाहन में हुए नुकसान से लेकर उसके चिकित्सा बिल सहित अन्य खर्चों को कवर करता है। वहीं इस पॉलिसी में लाभ लेने वाला थर्ड पार्टी व्हीकल का मालिक या ड्राइवर होता है।
इंश्योर्ड व्हीकल का मालिक थर्ड पार्टी बीमा के तहत कवरेज कराकर मन की शांति सुनिश्चित कर सकता है। यदि उनसे किसी थर्ड पार्टी के व्हीकल को भारी नुकसान पहुंचता है तो उसके मरम्मत शुल्क से लेकर ड्राइवर के चिकित्सा बिलों तक का भुगतान बीमा कंपनी ही करती है आपको करने की आवश्यकता नहीं होती।
अफॉर्डेबल कमर्शियल व्हीकल इंश्योरेंस प्लान (Affordable Commercial Vehicle Insurance Plan)
थर्ड पार्टी कमर्शियल व्हीकल इंश्योरेंस का प्रीमियम व्यापक नीतियों की तुलना में कम है क्योंकि यह केवल सीमित कवरेज ही प्रदान करता है।
आप बेहद कम दिनों के अंदर अंदर कम से कम कागजी कार्रवाई करके एक थर्ड पार्टी कमर्शियल व्हीकल खरीद सकते हैं। इसके अलावा, आप इन योजनाओं को बिना किसी समस्या के रिन्यू भी करवा सकते हैं।
यदि एक्सीडेंट में आपके ट्रक की किसी अन्य वाहन से टक्कर या बड़ी सड़क दुर्घटना हो जाएं तो सबसे पहले आपको इस घटना की जानकारी पुलिस को देनी चाहिए। फिर इस घटना को डिटेल के साथ, अन्य वाहन के नंबर, ड्राइवर का नाम और लाइसेंस नंबर साथ ही इस मामले के गवाहों को संपर्क की डिटेल के साथ FIR दर्ज करवाएं। ज्ञात रहे दावे के लिए आपको आवेदन करते समय चार्जशीट प्राप्त करना भी अनिवार्य है। वहीं इसके बाद आपको दुर्घटना स्थल के पास न्यायालय में मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण (MACT) में मामला दर्ज करना होगा। अदालत दावे का निपटारा करती है और दायित्व के संबंध में निर्णय लेती है।
Q.1 थर्ड पार्टी इंश्योरेंस क्या है?
Ans कमर्शियल व्हीकल्स के लिए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस को आप इस प्रकार से समझ सकते हैं जैसे दो व्यक्तियों के बीच एक कॉन्ट्रैक्ट में कोई तीसरा व्यक्ति शामिल हो। कमर्शियल व्हीकल का मालिक जिसने इंश्योरेंश करवा रखा होता है वो पहला पक्ष होता है, वहीं बीमा करने वाली कंपनी दूसरा पार्टी होती है, और पहले पक्ष के वाहन से टक्कर में शामिल होने वाले अन्य व्हीकल का मालिक थर्ड पार्टी कहलाता है।
Q.2 थर्ड पार्टी इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने के लाभ?
Ans इससे कानूनी कवर और वित्तीय सहायता, मन की शांति सुनिश्चित करता है, अफॉर्डेबल कमर्शियल, व्हीकल इंश्योरेंस प्लान और सुविधा अनुसार योजनाओं की खरीद सकते है।
Q.3 किन परिस्थितियां में थर्ड पार्टी इंश्योरेंस मान्य नहीं होता?
Ans यदि अन्य वाहन का ड्राइवर नशे में हो, अन्य ड्राइवर की गलती से टक्कर हुई हो, ड्राइवर के पास वैध लाइसेंस ना हो या वो नाबालिग हो, वाहन पर खुद से किया गया नुकसान और चोरी हुए व्हीकल की स्थिति में थर्ड पार्टी इंश्योरेंस मान्य नहीं होता।
Q.4 थर्ड पार्टी इंश्योरेंस करवाना क्यों जरूरी है?
Ans मोटर वाहन अधिनियम 1988 के तहत, भारतीय सड़कों पर चलने वाले सभी व्हीकल्स के लिए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस करवाना अनिवार्य हो गया है।
आपको बता दें ट्रक जंक्शन हमेशा ही भारत में कमर्शियल व्हीकल्स से जुड़ी सभी अपडेट आप तक पहुंचाता है। भारत में नये मॉडल का पिकअप या ट्रक लॉन्च होते ही हम सबसे पहले आपके पास उसकी सभी स्पेसिफिकेशन्स और फीचर्स अपनी बेवसाइट के माध्यम से पहुंचाते है। भारत में लॉन्च होने वाले या लॉन्च हो चुके सभी ट्रकों के मॉडल और ट्रांसपोट से जुड़ी सभी खबरें ट्रक जंक्शन बेवसाइट पर रोजाना पोस्ट की जाती है। ट्रक जंक्शन आप तक ट्रकों की प्रमुख कंपनियां जैसे टाटा मोटर्स, महिंद्रा, अशोक लेलैंड और वोल्वो सहित कई कंपनियों की मासिक सेल्स रिपोर्ट जिसमें ट्रकों की थोक व खुदरा बिक्री की विस्तृत जानकारी आप तक पहुंचाता है। यदि आपने भी हमसे जुड़ने का मन बना लिया है तो आप हमसे हमारी इस ट्रक जंक्शन बेवसाइट के माध्यम से मासिक सदस्य के रूप में जुड़ सकते हैं।
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