टाटा ने करवाए रिकॉर्ड 333 पेटेंट्स, जानें क्या होगा लाभ
पेटेंट का बड़ा महत्व होता है। जब कंपनियां आर एंड डी में निवेश कर कोई आइडिया तैयार करती है तो वो उस आइडिया का पेटेंट जरूर करवाती है। हाल ही में जारी आंकड़ों के मुताबिक टाटा मोटर्स ने पिछले वित्तीय वर्ष में 333 से ज्यादा पेटेंट दर्ज करवाया है। इन पेटेंट में से ज्यादातर पेटेंट भारतीय पेटेंट कार्यालय से कंपनी को प्राप्त हुए हैं। यह टाटा के लिए एक बड़ी सफलता है। कंपनी ने रिसर्च पर लगातार बड़ी मात्रा में निवेश किया है, जिससे कंपनी फ्यूचर तकनीक के साथ कंफर्टेबल रहे और भविष्य में बेहतर से बेहतर गाडियां सस्ते दरों पर लांच कर सके।
ट्रक जंक्शन के इस पोस्ट में हम टाटा मोटर्स द्वारा दायर किए गए पेटेंट्स और स्वीकृति को लेकर अपडेट दे रहे हैं।
टाटा मोटर्स के अध्यक्ष और चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर ने क्या कहा जानिए
टाटा मोटर्स के अध्यक्ष और चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर राजेंद्र पेटकर ने बताया, कंपनी द्वारा रिकॉर्ड संख्या में पेटेंट दायर किया जाना और पेटेंट की स्वीकृति हासिल करना कंपनी की ऑटोमोटिव उत्कृष्टता को परिभाषित करती है। उन्होंने आगे कहा, "समय के साथ नई तकनीक और रिसर्च एंड डेवलपमेंट में टाटा मोटर्स सबसे आगे रहता है, जो सभी के लिए एक स्मार्ट, ज्यादा कनेक्टेड भविष्य सुनिश्चित करता है। कंपनी का मानना है कि “हम भविष्य के लिए खुद को तैयार करने के महत्व को समझते हैं; इसलिए, हमने सभी महत्वपूर्ण आरएंडडी में निवेश किए हैं ताकि कि हम प्रौद्योगिकी और प्रतिभा के मामले में आगे रहें।
क्या पेटेंट मिला?
टाटा मोटर्स को पिछले वित्त वर्ष के दौरान 333 पेटेंट प्राप्त हुए जिसमें अब तक सबसे अधिक अनुदान भी टाटा को ही मिला। बता दें कि कंपनी को मिली स्वीकृत पेटेंट की कुल संख्या 850 से अधिक हो चुकी है। इसके अलावा कंपनी ने FY24 में 222 पेटेंट और 117 डिज़ाइन एप्लीकेशन भी फाइल किए हैं, जो अब तक नंबर के हिसाब से सबसे ज्यादा है। पेटेंट में विभिन्न वाहन प्रणालियों जैसे पावरट्रेन, सस्पेंशन, ब्रेक और उत्सर्जन नियंत्रण भी शामिल हैं।
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