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सौरजेश कुमार
21 अक्टूबर 2024

नई गाइडलाइन : वाहनों का ये सर्टिफिकेट नहीं बना, तो भरेंगे ₹1000 जुर्माना

By सौरजेश कुमार News Date 21 Oct 2024

नई गाइडलाइन : वाहनों का ये सर्टिफिकेट नहीं बना, तो भरेंगे ₹1000 जुर्माना

वाहनों का जल्दी बनाएं ये सर्टिफिकेट नहीं तो लगेगा जुर्माना

हाल ही में राज्य सरकार ने वाहनों के फिटनेस प्रमाणपत्र से संबंधित एक महत्वपूर्ण घोषणा की है, जो लाखों वाहन मालिकों के लिए अलर्ट से कम नहीं है। नई गाइडलाइंस के अनुसार, जो वाहन मालिक अपने वाहनों का फिटनेस प्रमाणपत्र निर्धारित समय सीमा के अंदर रेन्यू नहीं करवाते हैं, उन्हें ₹1000 तक का जुर्माना भरना होगा। सरकार का यह फैसला 31 मार्च 2025 की समय सीमा तक लागू रहेगा।

किन वाहनों पर लागू होंगे नए निर्देश?

गोवा राज्य सरकार द्वारा जारी किए गए निर्देश केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 के तहत आते हैं। ये विशेष रूप से भारी माल वाहनों, भारी पैसेंजर वाहनों, मीडियम पैसेंजर वाहनों और बसों पर लागू होंगे। साथ ही सरकार की इस नई गाइडलाइंस के तहत हल्के मोटर वाहनों के अंतर्गत आने वाले वाहनों के फिटनेस प्रमाणपत्र नवीनीकरण में देरी के लिए अब ₹1000 से ज्यादा का जुर्माना नहीं देना होगा।

वाहनों को मिली राहत

गोवा राज्य सरकार का यह फैसला वाहन मालिकों के लिए एक महत्वपूर्ण राहत साबित हो सकता है। नए नियमों के अनुसार, फिटनेस प्रमाणपत्र नवीनीकरण में देरी होने पर भी पेनाल्टी ज्यादा से ज्यादा ₹1000 रुपए तक ही रहेगी, जो पहले हजारों रुपये तक पहुंच सकती थी। यह फैसला वाहन मालिकों को समय पर रिन्यू कराने के लिए प्रेरित करेगा और उन्हें भारी आर्थिक बोझ से भी बचाएगा।

कितना देना होता है वाहन फिटनेस नवीनीकरण का शुल्क?

फिटनेस प्रमाणपत्र नवीनीकरण की मौजूदा प्रक्रिया की बात करें तो वर्तमान में, मोटर वाहन अधिनियम के तहत फिटनेस प्रमाणपत्र का अनुदान या नवीनीकरण कराने के लिए ₹200 का शुल्क लिया जाता है। यदि कोई वाहन मालिक समय पर नवीनीकरण नहीं कराता है, तो उसे प्रमाणपत्र की समाप्ति के बाद देरी के प्रत्येक दिन के लिए ₹50 का अतिरिक्त शुल्क देना होता है। हालांकि, नए नियमों के तहत यह अतिरिक्त शुल्क अब ₹1000 से ज्यादा नहीं लिया जाएगा, भले ही देरी कितनी भी लंबी हो।

सरकार ने क्यों लिया ये फैसला?

कोविड-19 महामारी के कारण लगाए गए लॉकडाउन और अन्य प्रतिबंधों के चलते कई परिवहन वाहन, खासकर भारी माल और यात्री वाहन, सड़कों से गायब रहे। यही वजह है कि, इन वाहनों का फिटनेस प्रमाणपत्र समय पर रिन्यू नहीं हो सका। कई वाहनों के मालिकों पर प्रतिदिन 50 रुपए जुर्माना के हिसाब से हजारों रुपये तक ड्यू पहुंच गया था। जिससे उनके लिए वाहन फिर से सड़कों पर लाना चुनौतीपूर्ण हो गया था। इसी को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया है कि इन जुर्मानों को अधिकतम ₹1000 तक सीमित किया जाएगा ताकि वाहन मालिकों को वित्तीय राहत मिल सके।

यह फैसला न केवल आर्थिक रूप से वाहन मालिकों की मदद करेगा, बल्कि यह यह सुनिश्चित करेगा कि अधिक से अधिक वाहन सड़क पर वापसी कर सकें और फिटनेस प्रमाणपत्र नवीनीकरण प्रक्रिया का पालन हो सके। इसके साथ ही, यह निर्णय वाहन मालिकों को समय पर अपने प्रमाणपत्र नवीनीकरण की प्रक्रिया पूरी करने के लिए प्रेरित करेगा ताकि भविष्य में किसी भी तरह के बड़े जुर्माने से बचा जा सके।

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