जल्द शुरू होगा वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे का निर्माण, जानें इसके फायदे
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण जल्द ही वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे का निर्माण शुरू करेगा। इस एक्सप्रेस वे का कोड नाम एनएच319बी है। इस एक्सप्रेस वे के माध्यम से वाराणसी और कोलकाता की दूरी कम हो जाएगी और यह मात्र 7 घंटों में तय की जा सकेगी। यह एक्सप्रेस वे ना सिर्फ उत्तरप्रदेश और कोलकाता से बल्कि यह बिहार और झारखंड राज्य के कई जिलों से भी जुड़ेगा। यह बिहार और झारखंड के चार चार जिलों को जोड़ेगा। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने बताया कि यह एक्सप्रेस वे 610 किलोमीटर लंबा होगा, जिससे क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियां बढ़ेगी और क्षेत्र में कनेक्टिविटी बेहतर होगी।
वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे की खास बातें
6 लेन का यह वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेस वे उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल और झारखंड से होकर गुजरेगा। यह यूपी में 22 KM, बिहार में 159 KM, झारखंड में 187 KM और पश्चिम बंगाल में 244 KM की दूरी तय करेगी। बता दें कि इस परियोजना का अनुमानित बजट 30,000 करोड़ रुपये है, जिससे पूरे पूर्वी भारत की कनेक्टिविटी और बेहतर होगी।
बिहार में बन रहे कई अन्य एक्सप्रेस वे
आमस-दरभंगा ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे के माध्यम से बिहार के कई इलाकों में कनेक्टिविटी बेहतर होगी। इससे उत्तर बिहार और दक्षिण बिहार के बीच की दूरी कम हो जाएगी। मगध से मिथिला तक का जुड़ाव स्थापित करने वाली इस सड़क के महत्व को देखते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से इस एक्सप्रेसवे के लिए अनुरोध किया था। करीब 200 किमी लंबाई वाले इस एक्सप्रेस वे के बनने राज्य के विकास को तेजी मिलेगी। यह सड़क राज्य के सात जिलों से होकर गुजरेगी, जिसमें गया, नालंदा, पटना, वैशाली, जहानाबाद, समस्तीपुर और दरभंगा जिले शामिल हैं, और इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण पर करीब 8000 करोड़ रुपये खर्च का अनुमान है। इस निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण का काम प्रगति पर है। इस एक्सप्रेस वे की खास बात यह है कि यह एक्सप्रेस वे 198 किलोमीटर लंबा है जो उत्तर से दक्षिण बिहार को चार घंटे से भी कम समय के यात्रा समय से जोड़ेगा।
रक्सौल-हल्दिया ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे की भी मिली सौगात
केंद्र की ओर से रक्सौल-हल्दिया ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे निर्माण के लिए भी बिहार सरकार को सौगात मिली है। यह एक्सप्रेस वे बिहार के रक्सौल से पश्चिम बंगाल के हल्दिया बंदरगाह तक 6 लेन सड़क के तौर पर निर्माण किया जाएगा। 692 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेसवे के निर्माण में 40,000 करोड़ रुपये की लागत अनुमानित है। यह एक्सप्रेस वे पटना के माध्यम से उत्तर बिहार से बंगाल तक माल की आवाजाही को तेजी प्रदान करेगा। यह एक्सप्रेस वे नेपाल के निर्यातकों के लिए एक वरदान होगा और उनकी पहुंच कोलकाता और हल्दिया बंदरगाहों तक आसान होगी।
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