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05 Oct 2021
Automobile

कैमरे की नजर में कैद होंगे ओवर स्पीड वाहन, कटेगा भारी चालान

By News Date 05 Oct 2021

कैमरे की नजर में कैद होंगे ओवर स्पीड वाहन, कटेगा भारी चालान

सावधान : स्पीड डिटेक्शन सिस्टम से पुलिस हुई एक्टिव  

लगातार बढ़ती सडक़ दुर्घटनाओं के कारण आए दिन भारत में प्रतिदिन सैकड़ों लोगों की जान चली जाती है। विश्व के कई देशों से भारत में सडक़ दुर्घटनाओं का अनुपात बहुत अधिक है। इन दुर्घटनाओं में सबसे बड़ा कारण तेज गति से वाहन चलाना है। ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं करने से सडक़ हादसों में वृद्धि होती है। ऐसे में सडक़  दुर्घटनाओं को कम करने के लिए पुलिस ने सख्त कदम उठाना शुरू कर दिया है। 

यहां बता दें कि नेशनल हाइवे ऑथोरिटी और पुलिस ने मिलकर संयुक्त रणनीति बनाई है। नेशनल हाइवे ऑथोरिटी की ओर से सडक़ पर लगे खंभों पर सीसीटीवी कैमरे  ( CCTV Camera ) लगाए जाएंगे। ये कैमरे तेज गति से वाहन चलाने वाले चालकों पर कड़ी नजर रखेंगे। ऑटोमैटिक कैमरों से तेज गति से वाहन चलाने वालों की सूचना तुरंत पुलिस को दी जाएगी और पुलिस फौरन मौके पर पहुंच कर संबंधित वाहन का चालान करेगी। इस नई प्रणाली को स्पीड डिटेक्शन सिस्टम नाम दिया गया है। स्पीड डिटेक्शन सिस्टम  ( Speed Detection System) के लागू होने के बाद सडक़ों पर तेज गति से चलने वाले ट्रक, टिपर, पिकअप, मिनी ट्रक, कार, बाइक आदि सभी प्रकार के वाहनों की स्पीड पर कंट्रोल लग सकेगा। आपको बता दें कि तेज स्पीड से वाहन चलाने पर चालानी कार्रवाई के अलावा और कौन-कौन सी कानूनी कार्रवाई ऐसे वाहन चालकों पर की जाएगी। 

मारुति सुजुकी अर्टिंगा में किया इंस्टाल 

सडक़ हादसों में कमी लाने के लिए नेशनल हाइवे आथॉरिटी और पुलिस की ओर तेज गति से वाहन चलाने वालों पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है। पुलिस विभाग ने स्पीड डिटेक्शन सिस्टम मारुति सुजुकी अर्टिंगा में इनस्टॉल किया है। इस पर पुलिस का एक सिपाही हर समय नजर बनाए रखता है।
तेज गति से वाहन चलाने पर 2000 रुपये का जुर्माना संबंधित वाहन मालिक से वसूला जाएगा । इसके अलावा तीन माह के लिए लाइसेंस भी निरस्त किया जा सकता है। 

इन सडक़ मार्गों पर फिट किए ऑटोमैटिव कैमरा

यहां बता दें कि दिल्ली और हरियाणा में पुलिस विभाग ने  ऑटोमैटिव कैमरे फिट किए हैं। उधर पुलिस ने अपनी गाडी के पीछे एक स्पीड डिटेक्शन सिस्टम लगाया है। इस पर तेज स्पीड से चलने वाले वाहनों की जानकारी पुलिस को प्राप्त होती है। इस सिस्टम की मदद से पुलिस तेज स्पीड से चलने वाले वाहनों का चालान करती है।  

स्पीड ट्रैक कैमरों की कार्य प्रणाली 

जानकारी के लिए बता दें कि पुलिस की ओर से लगाए जाने वाले स्पीड ट्रैक कैमरे रडार पर आधारित होते हैं। इसमें स्पीड को ट्रैक करने के लिए डॉप्लर इफेक्ट का इस्तेमाल किया जाता है। ये कैमरे रेडियो वेव्स पर काम करते हैं और सिस्टम तक स्पीड की रियल टाइम जानकारी प्राप्त करते हैं। 

यातायात नियमों की पालना से दुर्घटनाओं में आएगी कमी

यह सच है कि तेज स्पीड से सबसे अधिक सडक़ दुर्घटनाएं होती हैं लेकिन जिंदगी बचाने से जुड़ी  बात है कि यदि हम यातायात नियमों की जानकारी अच्छी तरह से होगी और इनका पालन करेंगे तो निश्चित रूप से दुर्घटनाओं से बच सकते हैं।  यहां आपको कुछ खास यातायात नियमों के बारे में बताया जा रहा है जो हर वाहन चालक को दुर्घटनाग्रस्त होने से बचाने में सहायक सिद्ध हो सकते हैं-: 

वन वे का पालन करना

यातायात नियमों के तहत वन वे का पालन करना भी दुर्घटना होने से बचाता है। जब आप किसी एक दिशा में गाडी चला रहे होते हैं तो ध्यान रहे कि आप सही दिशा में ही वाहन को चलाएं। गलत साइड यूज करने से दुर्घटना की बहुत ज्यादा आशंका रहती है। यही नहीं आपकी गलती के कारण दूसरा व्यक्ति भी दुर्घटनाग्रस्त हो सकता है।

ओवरटेक नहीं करें

अक्सर लोग जल्दी घर या अपनी ड्यूटी पर पहुंचने के लिए वाहन को ओवरटेक करने की कोशिश करते हैं यह काफी खतरनाक है। किसी भी बड़ी गाडी को ओवरटेक करने से पहले 100 बार सोंचें। ओवरटेक करने से दुर्घटना होती है। ओवरटेक करने के पहले भली-भांति जांच ले कि आपके ओवरटेक करने से आपको और दूसरे वाहन चालकों को क्या परेशानी हो सकती है। जिंदगी बहुत कीमती है इसे यूं ही सुरक्षित रखें। 

लगातार हार्न का इस्तेमाल ना करें

आपने कई बार देखा होगा कि कुछ लोग वाहन चलाते समय लगातार हॉर्न बजाते हैं। ऐसे लोगों की सोच होती है कि वे इस तरह से लगातार हॉर्न बजाएंगे तो ट्रैफिक हट जाएगा। लेकिन यह गलत है हार्न एक दो बार ही बजाएं। इससे ध्वनि प्रदूषण तो फैलता ही है साथ ही कई बार तेज हार्न के कारण एक्सीडेंट भी हो जाता है।

बीच में यू टर्न लेना गलत 

यू टर्न लेना बहुत गलत साबित होता है। बीच में सडक़ में अगर आप यू टर्न लेते हैं तो खतरा कई गुना बढ़ जाता है। यू टर्न लेने के लिए जरूरी है कि पहले आप सडक़ किनारे अपना वाहन रोके और अपने पीछे का ट्रैफिक देखें। जब यातायात क्लीयर हो जाए तो यू टर्न ले सकते हैं। 

गति पर प्रतिबंध रखें

यहां बता दें कि जब भी आप सडक़ से गुजर रहे हों तो स्पीड को लेकर संकेतक या दिशा-निर्देश लिखे होते हैं। यदि लिखा है कि स्पीड 45 से ज्यादा नहीं हो तो इस पर ध्यान दें। इस तरह से यदि आप गति सीमा का ध्यान रखेंगे तो दुर्घटना से भी बचेंगे और कुशल ड्राइविंग सीख सकेंगे।  

यह भी पढ़े  - ड्राइवर रहें सतर्क : पांच बार चालान कटा तो परमिट होगा रद्द

लेन को क्रास नहीं करें 

दुर्घटना से बचाव के लिए यातायात नियमों में सिंगनल के दौरान निर्धारित लेन को जल्दबाजी में क्रास करने का प्रयास नहीं करें। इससे आप वाहनों की चपेट में आ सकते हैं। 

हाथ के संकेत और संकेतक चिन्ह 

यातायात नियमों के अंतर्गत हाथ के संकेत भी काफी सहायक होते हैं। रोड बदलने के समय हैंड सिंगनल देना या इंडीकेटर देना उपयुक्त होता है। अगर आप दांई ओर जा रहे हैं तो इसी तरफ का इंडीकेटर और हाथ का इस्तेमाल करें। अगर बांई ओर जा रहे हैं तो बांऐ इंडीकेटर या बाएं हाथ का ही प्रयोग करें। इससे आप सुरक्षित रहेंगे। 

दुर्घटना की स्थिति में थर्ड पार्टी बीमा कितना सहायक 

वाहन दुर्घटना किसी के साथ भी हो सकती है। जरूरी नहीं कि आपके वाहन से ही दुर्घटना हो। दुर्घटना के बारे में पहले से कुछ पता नहीं होता लेकिन संभावित दुर्घटना को लेकर यदि बीमा करवा लिया जाए तो इससे होने वाले नुकसान की क्षतिपूर्ति में लाभ मिल सकता है जैसे वाहन में टूट-फूट या व्यक्ति को हुए नुकसान के बाद चिकित्सा कराने में लाभ। यहां आपको बता दें कि फर्स्ट पार्टी इंश्योरेंस करवाने वाला, सेकंड पार्टी इंश्योरेंस कंपनी और थर्ड पार्टी वह व्यक्ति होता है जो  दुर्घटना के दौरान शारीरिक नुकसान जैसे घायल हो जाना या मृत्यु हो जाना आदि का शिकार बन जाता है। ऐसी स्थिति में बीमा कंपनी की यह जिम्मेदारी बनती है कि वह एक्सीडेंट में घायल व्यक्ति के नुकसान की भरपाई करे या मृत्यु की क्षतिपूर्ति राशि दे। 

थर्ड पार्टी मेंं यह नहीं होता कवर 

आपको यहां बता दें कि दुर्घटना के दौरान यदि आपके वाहन से किसी दूसरे व्यक्ति या उसकी सम्पत्ति को नुकसान हुआ है तो ही बीमा कवर मिलेगा। इसके विपरीत आपके वाहन को होने वाले नुकसान या आपको लगने वाली चोट इत्यादि के लिए थर्ड पार्टी बीमा कवर नहीं मिलेगा।

 

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