74 में से 50 पीएलआई आवेदन को मिली स्वीकृति, ईवी को होगा फायदा
सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माण को बढ़ावा देने और देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को सस्ती कीमत पर उपलब्ध कराने के लिए अपनी प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजना के लिए वाहन निर्माताओं से प्राप्त 74 आवेदनों में से 50 को मंजूरी दे दी है। शेष 24 आवेदन अभी प्रक्रियाधीन हैं।
सरकार द्वारा ये मंजूरी मिलने से ईवी बनाने वाली कंपनियों को आंशिक रूप से ईवी विनिर्माण में होने वाले नुकसान की भरपाई करने में मदद मिलेगी। वर्तमान में ईवी की बिक्री कम है। कंपनियों की बात करें तो, बजाज ऑटो ने अपने इलेक्ट्रिक स्कूटर चेतक और 3 व्हीलर के लिए दायर सभी 13 आवेदनों के लिए स्वीकृति प्राप्त कर ली है और सभी आवेदन पर स्वीकृति प्राप्त करने वाला यह एकमात्र ऑटोमेकर कंपनी है।
महिंद्रा के 23 में से 16 आवेदन हुए अप्रूव, जानिए अन्य कंपनियों के आंकड़े
महिंद्रा एंड महिंद्रा को 23 में से 16 आवेदनों के लिए मंजूरी मिल चुकी है, वहीं इसके अलावा देश की अन्य ऑटो मनुफैक्चरर कंपनी टाटा मोटर्स को 27 में से 15, ओला इलेक्ट्रिक को पांच में से चार, टीवीएस मोटर को पांच में से दो को मंजूरी मिली है। वहीं आयशर को अभी एक भी मंजूरी नहीं मिली है।
कितनी मिलती है सब्सिडी
पीएलआई प्रोत्साहन योजना के तहत, एक ऑटोमेकर एक साल के दौरान ईवी के बिक्री मूल्य का 13-15% सरकारी अनुदान प्राप्त कर सकता है। यह आमतौर पर कंपनी के कुल राजस्व में बढ़ोतरी करता है और नई तकनीक में निवेश से जुड़ी उच्च लागतों को कम करने में मदद करता है। ताकि ICE (आंतरिक दहन इंजन) और EVs के बीच मार्जिन अंतर को कम किया जा सके। इसके अलावा, अगर कोई कंपनी पीएलआई अवधि के पांच वर्षों के भीतर 10,000 करोड़ रुपये से अधिक की बिक्री करती है, तो वह अतिरिक्त 2% सरकारी सहायता प्राप्त कर सकता है। कंपनी ने एक इन्वेस्टर कॉल में कहा कि, ओला इलेक्ट्रिक, जिसे योजना के तहत अपने चार इलेक्ट्रिक स्कूटर मॉडल स्वीकृत हुए हैं, को निर्धारित बिक्री मूल्य का 13-18% प्रोत्साहन मिलने की संभावना है।
किन वाहनों को मिलता है लाभ
यह योजना बैटरी इलेक्ट्रिक वाहनों और दोपहिया, तिपहिया, यात्री वाहनों, वाणिज्यिक वाहनों आदि पर लागू होती है। इसके अलावा किसी भी अन्य उन्नत ऑटोमोटिव तकनीक में फैले सेगमेंट में हाइड्रोजन ईंधन सेल वाहनों पर भी यह स्कीम लागू होती है। सरकार से पीएलआई की मंजूरी मिलने से ये सभी वाहन कंपनियां आगे चलकर लाभप्रदता में सुधार कर सकेंगी।
पीएलआई योजना को वाहन निर्माताओं को स्वच्छ, उन्नत तकनीक में निवेश करने, नई तकनीक के लिए आयात पर निर्भरता कम करने और 2023-24 से शुरू होने वाले अपने पांच साल के कार्यकाल के माध्यम से बाद के वर्षों में श्रेणीबद्ध तरीके से विनिर्माण को बढ़ाने में मदद करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए डिजाइन किया गया था।
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