अब इन ट्रकों पर मिल सकती है सब्सिडी, वैज्ञानिकों ने दिया सुझाव
भारत में ग्रीन ट्रांसपोर्टेशन को बढ़ावा देने के लिए सरकार बड़ा कदम उठा सकती है। देश के प्रमुख वैज्ञानिकों के एक समूह ने सरकार को यह सुझाव दिया है कि दोपहिया और इलेक्ट्रिक 3 व्हीलर के अलावा सरकार को अब जीरो उत्सर्जन ट्रकों (Zero Emission Trucks - ZET) के लिए भी सब्सिडी देनी चाहिए। इस कदम से देश के महत्वाकांक्षी जीरो कार्बन उत्सर्जन लक्ष्यों को हासिल करने में मदद मिल सकेगी। शून्य कार्बन उत्सर्जन सरकार के लिए अब बड़ी प्राथमिकता बनी हुई है।
EMPS की तर्ज पर लागू हो ट्रकों के लिए सब्सिडी
वैज्ञानिकों ने सरकार को सुझाव दिया है कि शून्य उत्सर्जन ट्रकों को बढ़ावा देने के लिए एक प्रोत्साहन योजना लागू की जाए। जिस तरह वर्तमान में इलेक्ट्रिक दोपहिया, तीन पहिया वाहनों और बसों के लिए सरकार ने सब्सिडी स्कीम लागू की है उसी प्रकार ZET ट्रकों के लिए भी सरकार को सब्सिडी प्रदान करनी चाहिए। मौजूदा इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रमोशन स्कीम (EMPS) के तहत बैटरी के आकार के आधार पर विभिन्न प्रकार के वाहनों के लिए सब्सिडी प्रदान की जाती है। लेकिन, अभी तक इस योजना को ट्रकों पर लागू नहीं किया गया है। जिससे शून्य कार्बन उत्सर्जन ट्रक निर्माता कंपनियों और ग्राहकों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है।
सरकार की मौजूदा स्थिति
भारी उद्योग मंत्रालय इस साल 31 मार्च 2024 को समाप्त हुए फेम II (FAME II) के बाद फेम 3 (Faster Adoption and Manufacturing of Electric and Hybrid Vehicles) योजना पर गहनता से विचार कर रही है लेकिन अभी तक फेम के इस नए संस्करण की कोई ऑफिशियल घोषणा नहीं की गई है। ऐसे में यह क्लियर नहीं है कि सरकार मौजूदा सब्सिडी योजनाओं को जारी रखेगी या नहीं।
ZET ट्रकिंग पॉलिसी को मिलेगा बढ़ावा
हाल ही में वैज्ञानिकों के एक समूह ने "भारत जीरो एमिशन ट्रकिंग पॉलिसी एडवाइजरी" नामक एक नई रिपोर्ट जारी की है। जिसके तहत ZET को बढ़ावा देने की मांग की गई है। रिपोर्ट में यह कहा गया है कि अगर सरकार ZET के लिए बजट का आवंटन करती है, तो इससे ट्रकिंग इंडस्ट्री में एक नई क्रांति आ सकती है। वर्तमान में, भारत में ऐसा कोई भी वाहन नहीं बेचा जा रहा है, लेकिन अगर सरकार इन ट्रकों को प्रोत्साहन देती है तो इसकी बिक्री में तेजी आ सकती है।
यूएस, यूरोप और चीन आदि देशों में दिया जाता है बढ़ावा
ZET ट्रकों को दुनिया के प्रमुख और विकसित देशों में तेजी से बढ़ावा दिया जा रहा है। वैज्ञानिकों ने कई वैश्विक उदाहरणों का भी हवाला दिया है। कैलिफ़ोर्निया का 'Hybrid and Zero-Emission Truck and Bus Voucher Incentive Project (HVIP)' प्रोजेक्ट एक ऐसा ही उदाहरण है, जो प्रति वाहन औसतन 21% लागत में बचत प्रदान करता है। इसके अलावा, यूरोपीय यूनियन के कुछ देश और चीन भी इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए इसी तरह की प्रोत्साहन योजनाओं को लागू कर रही हैं।
वैज्ञानिकों और ट्रकिंग इंडस्ट्री के सुझावों पर अमल करते हुए अगर सरकार इस दिशा में कदम बढ़ाती है, तो यह कदम न सिर्फ पर्यावरण के संरक्षण में मददगार होगा, बल्कि यह ट्रकिंग इंडस्ट्री के लिए भी एक बड़ा और सकारात्मक बदलाव ला सकता है। अब देखना यह होगा कि सरकार इस सुझाव को कब और कैसे लागू करती है।
ओमेगा सेकी के संस्थापक ने क्या कहा, जानिए
ओमेगा सेकी के संस्थापक उदय नारंग ने कहा, "हम इस बात से सहमत हैं कि इलेक्ट्रिक ट्रकों को सरकार से सब्सिडी और समर्थन की आवश्यकता है जैसे कि फेम I और II योजनाओं में अन्य वाहन श्रेणियों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। अभी ट्रकों के लिए सरकार के द्वारा कोई सब्सिडी प्रावधान नहीं लाया गया है।"
पिछले साल ओमेगा सेकी ने 2 इलेक्ट्रिक ट्रक लांच किए थे। जिसके कीमत की बात करें तो फिलहाल 1 टन के ट्रक के लिए 15 लाख रुपये और 3 टन ट्रक 25 लाख रुपये में पेश किए गए थे। अब कंपनी इन ट्रकों को कम कीमत पर बैटरी स्वैप और फास्ट चार्जिंग विकल्पों के साथ फिर से लॉन्च करने की योजना बना रही है, जिससे कीमतें और भी ज्यादा कम हो सकती हैं।
ट्रक इंडस्टी से संबंधित नवीनतम अपडेट के लिए हमसे जुड़ें -
☞ Facebook - https://bit.ly/TruckFB
☞ Instagram - https://bit.ly/TruckInsta
☞ YouTube - https://bit.ly/TruckYT