Posted On : 14 July, 2023
भारत में माल ढुलाई के लिए सबसे अधिक ट्रकों का ही उपयोग किया जाता है। क्योंकि ट्रक्स एक मात्र ऐसे वाहन होते हैं, जो सड़क परिवहन के माध्यम से सेफ्टी के साथ अधिक माल की डिलीवरी निर्धारित समय तक कर पाते हैं। इंडियन कमर्शियल मार्केट में ट्रक की डिमांड हमेशा रहती है और इनका महत्वपूर्ण योगदान देश की अर्थव्यवस्था में भी होता है। लेकिन तेजी से बढ़ते पेट्रोल - डीजल के दाम और ट्रकों से बढ़ता प्रदूषण सभी के लिए एक बड़ी समस्या बन गए हैं। लेकिन ट्रकों को फ्यूचर में बनाए रखने के लिए व्हीकल निर्माता कंपनियों ने इन्हें अलग अलग फ्यूल टाइप में पेश करना शुरू कर दिया है। भारत में इलेक्ट्रिक, एलएनजी और हाइड्रोजन के माध्यम से ट्रकों का संचालन शुरू हो गया है। ट्रक जंक्शन के इस आर्टिकल में आज हम आपको इलेक्ट्रिक, एलएनजी और हाइड्रोजन ट्रक्स के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं।
भारत में इन दिनों सबसे अधिक इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाया जा रहा है। पैसेंजर, पर्सनल और अब कमर्शियल सेगमेंट में धीरे धीरे इलेक्ट्रिक वाहन अपनी जगह इंडियन मार्केट में बना रहे हैं। गैर-नवीकरणीय या पारंपरिक ईंधन के कम उपयोग के कारण, ये वाहन कम ईंधन लागत के साथ चलते हैं और शून्य कार्बन फुटप्रिंट उत्पन्न करते हैं। सीवी इलेक्ट्रिक मॉडल आमतौर पर लाइट से लेकर हैवी कमर्शियल व्हीकल्स की रेंज में आते हैं, जो बैटरी से संचालित होते हैं। इन्हें शहरी परिवहन अनुप्रयोगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए सबसे उपयुक्त माना जा रहा है, क्योंकि इन्हें चलाने में कम से कम खर्च आता है और ई ट्रक्स के माध्यम से जबरदस्त बचत मिलती है। आपको बता दें, इंडियन कमर्शियल व्हीकल मार्केट में ई-मिनी ट्रक से लेकर इलेक्ट्रिक टिपर समेत कई कैटेगिरी मौजूद है। शहरों के भीड़भाड़ वाले स्थानों में ड्राइविंग की थकान को कम करने के लिए इलेक्ट्रिक ट्रक को शामिल किया गया है, क्योंकि इन्हें डायरेक्ट ड्राइव टेक्नोलॉजी के साथ चलाया जा सकता है। इलेक्ट्रिक कमर्शियल वाहनों का उपयोग शहरी क्षेत्रों में ई-कॉमर्स, एफएमसीजी, पार्सल आदि जैसे इंटरसिटी या इंट्रासिटी परिवहन के लिए किया जाता है। इलेक्ट्रिक कमर्शियल व्हीकल 100% टेलीमैटिक्स के साथ आते हैं, जो बेहतर बिजनेस लाभ और बेस्ट ऑपरेटिंग एफिशिएंसी प्रदान करते हैं। सरकारी फंडिंग, इंफ्रास्ट्रक्चर सपोर्ट और चार्जिंग स्टेशनों के साथ भारत में इलेक्ट्रिक कमर्शियल वाहनों को अपनाया जा रहा है। अर्थव्यवस्था और पर्यावरण को संतुलित रखने के लिए कई वाहन निर्माता भारत में ही अपने इलेक्ट्रिक वाहनों को निर्मित कर रहे हैं। देश के सबसे पॉपुलर इलेक्ट्रिक कमर्शियल वाहनों में - टाटा मैजिक ईवी वैन, महिंद्रा ट्रेओ जोर, पियाजियो आपे ई सिटी एफएक्स, अल्टिग्रीन नीव लो डेक और ओलेक्ट्रा 6x4 इलेक्ट्रिक टिपर शामिल है।
भारत में बढ़ते पॉल्युशन से निपटने के लिए LNG यानी लिक्विफाइड नेचुरल गैस के माध्यम से कमर्शियल वाहनों का संचालन शुरू हो गया है। आपको बता दें, ट्रकों और गैस उद्योग के माध्यम से सड़क माल उद्योग को डीकार्बोनाइज करने के लिए पुल प्रोद्योगिकी के रूप में बढ़ावा दिया जा रहा है। अपने हाई एनर्जी डेंसिटी के कारण, एलएनजी क्लास 7 और 8 ट्रक जैसे लंबी दूरी के ट्रकों के लिए सबसे बेस्ट है। आपकी जानकारी के लिए बता दें, एलएनजी एक प्राकृतिक गैस है, जिसे कम तापमान पर ठंडा करके तरल में बदल लिया जाता है। ऐसा करने से गैस की मात्रा कम हो जाती है, और लंबी दूरी के ट्रांसपोर्टेशन को आसानी से पूरा किया जा सकता है। भारत में एलएनजी से चलने वाले ट्रक डीजल से संचालित ट्रकों के मुकाबले कार्बन उत्सर्जन (Co2 एमिशन) में कमी लाते हैं और पारिस्थितिकी संतुलन वाले होते हैं। एलएनजी की कीमत प्रति यूनिट, वर्तमान में डीजल से कम है। डीजल से चलने वाले इंजनों की तुलना में LNG इंजन वाले वाहन शांत और स्वच्छ है। फ्यूल चोरी आज के समय में आम है, लेकिन LNG -162 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर क्रायोजेनिक होने के कारण, इसकी चोरी नहीं की जा सकती। बता दें, LNG भविष्य में ऊर्जा सुरक्षा, लागत अर्थशास्त्र और उत्सर्जन जैसे लाभ प्रदान कर सकता है। यह मौजूदा ईंधन विकल्पों का एक प्रक्टिकल विकल्प भी हो सकता है। इंडियन कमर्शियल व्हीकल मार्केट में LNG से चलने वाले 7 मॉडल्स मौजूद है। लेकिन यदि हम टॉप 5 बेस्ट LNG ट्रक की बात करें, तो इसमें वोल्वो एफएम 420 4x2 एलएनजी ट्रेलर, आयशर प्रो 8055 टीटी ट्रेलर, ब्लू एनर्जी 5528 4x2 ट्रक, टाटा प्राइमा जी.35के टिपर और अशोक लेलैंड 5532 एएन ट्रक शामिल है।
कमर्शियल व्हीकल मार्केट में एक बड़ा बदलाव हाइड्रोजन से चलने वाले व्हीकल भी ला रहे हैं। यह हरित ईंधन विकल्पों में से एक है, जिन्हें पर्यावरण और उपभोक्ता दोनों के लिए काफी फायदेमंद माना जा रहा है। हाइड्रोजन फ्यूल से चलने वाले कमर्शियल वाहनों का उपयोग भारत में लगातार बढ़ रहा है और लगभग सभी ब्रांड अब हाइड्रोजन फ्यूल टेक्नोलॉजी पर आधारित ट्रकों को बाजार में लॉन्च करने में लगे हैं। हाइड्रोजन फ्यूल वर्तमान में डीजल के मुकाबले सस्ता है, यह हैवी लोडिंग कमर्शियल वाहनों के लिए बहुत ही किफायती साबित हो रहा है। हाइड्रोजन से संचालित ट्रक पारंपरिक डीजल ट्रक के बराबर ही परफॉर्मेंस देते हैं। इन ट्रकों में शोर कम होता है और इनकी परिचालन लागत भी कम है। हाइड्रोजन फ्यूल से चलने वाले ट्रकों का बहुत कम कार्बन उत्सर्जन है। यह सरकार के शून्य कार्बन उत्सर्जन नीति मिशन को पूरा करने में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। भारत में लोकप्रिय हाइड्रोजन ट्रक में टाटा प्राइमा ई.55एस ट्रेलर, आयशर प्रो 3015 फ्यूल सेल ट्रक, अशोक लेलैंड 4125 एचएन ट्रक और टाटा प्राइमा एच.55एस ट्रक शामिल है।
ट्रक जंक्शन आपके लिए भारतीय कमर्शियल व्हीकल्स मार्केट से जुड़ी सभी अपडेट लेकर आता रहता है। भारत में किसी भी ब्रांड का नया ई रिक्शा, 3 व्हीलर, पिकअप, मिनी ट्रक, टेंपो ट्रैवलर, ट्रक, ट्रेलर, टिपर या ट्रांजिट मिक्सर के लॉन्च होते ही हम सबसे पहले आपको उसकी स्पेसिफिकेशन्स और फीचर्स की संपूर्ण जानकारी देते है। देश-विदेश में लॉन्च होने वाले या लॉन्च हो चुके सभी कमर्शियल व्हीकल्स के मॉडल और ट्रांसपोर्ट से जुड़ी खबरें ट्रक जंक्शन पर रोजाना प्रकाशित की जाती है। इसके अलावा, ट्रक जंक्शन पर ट्रकों की प्रमुख कंपनियां जैसे टाटा मोटर्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा, अशोक लेलैंड और वोल्वो सहित कई कंपनियों की मासिक सेल्स रिपोर्ट भी प्रकाशित की जाती है, जिसमें ट्रकों की थोक व खुदरा बिक्री की विस्तृत जानकारी शामिल होती है। यदि आप भी हमसे जुड़ना चाहते हैं तो हमारी इस ट्रक जंक्शन बेवसाइट के माध्यम से मासिक सदस्य के रूप में आसानी से जुड़ सकते हैं।
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