Detect your location
Select Your location
Clear
  • Pune
  • Bangalore
  • Mumbai
  • Hyderabad
  • Chennai
Popular Cities
Pune
Bangalore
Mumbai
Hyderabad
Chennai
jaipur
ओला अगले साल लांच करेगा पहला इलेक्ट्रिक थ्री व्हीलर ऑटो एक्सपो 2025 : दिल्ली में 17 से 22 जनवरी तक होगा आयोजित, जानिए कंप्लीट डिटेल पीएम ई-ड्राइव योजना : इलेक्ट्रिक ट्रकों को प्रोत्साहन देने के लिए 500 करोड़ रुपए की सब्सिडी इलेक्ट्रिक वाहनों के उत्पादन में चीन को टक्कर देगा भारत, प्रमुख वैश्विक निवेशक की टिप्पणी दिल्ली में बना सिक्स लेन का नया हाईवे, हरियाणा, यूपी और राजस्थान जाने वालों को समय बचेगा महिंद्रा एंड महिंद्रा ने एलसीवी सेगमेंट में पकड़ी रफ्तार, पिकअप की बिक्री में उछाल फिलीपींस की सड़कों पर दौड़ेंगे इस भारतीय कंपनी के इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर टाटा मोटर्स के होंगे दो हिस्से, पैसेंजर व्हीकल और कमर्शियल व्हीकल कारोबार अलग-अलग होंगे
15 सितंबर 2021

ऑटो इंडस्ट्री को राहत : 26 हजार करोड़ की पीएलआई स्कीम को मिली मंजूरी

By News Date 15 Sep 2021

ऑटो इंडस्ट्री को राहत :  26 हजार करोड़ की पीएलआई स्कीम को मिली मंजूरी

घरेलू वाहन विनिर्माण और रोजगार को मिलेगा बढ़ावा 

भारत के ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को जल्द ही बड़ी राहत मिलने वाली है। केंद्र सरकार ने कोरोना महामारी की मार झेल रही ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को राहत प्रदान करने की तैयारी कर ली है। ताजा जानकारी के अनुसार केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को वाहन निर्माता कंपनियों के लिए उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए संशोधित पीएलआई योजना को मंजूरी प्रदान कर दी है। इस योजना के कारण घरेलू वाहन विनिर्माण और रोजगार को बढ़ावा मिल सकेगा। योजना के तहत खर्च को घटा कर 26 हजार करोड़ रुपये कर दिया गया है जबकि पिछले साल सरकार ने वाहन और कलपुर्जा क्षेत्र के लिए पांच वर्षों में 57 हजार 43 करोड़ रुपये की राशि की घोषणा की थी। आइए जानते हैं संशोधित पीएलआई योजना से ऑटो इंडस्ट्री को कैसे मिलेगी बड़ी राहत। कौन-कौन से उद्योगों को इससे बड़ा फायदा मिल सकता है। 

पीएलआई में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पर ज्यादा फोकस 

बुधवार को केंद्र सरकार ने ऑटो पीएलआई स्कीम पर निर्णय लेने के लिए बैठक आयोजित की। इसमें ऑटो पीएलआई योजना को सर्व सम्मति से केबिनेट की मंजूरी दे दी गई। इसमें ऑटो इंडस्ट्री मेंं कंपोनेट बनाने वाली कंपनियों के लिए 26 हजार करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की गई। इस योजना के लिए बुधवार को सुबह से ही ऑटो इंडस्ट्री की नजर टिकी हुई थी। बता दें कि योजना में इस बार इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पर ज्यादा फोकस किया गया है। इसके अलावा एजीआर भुगतान के लिए मोराटोरियम के साथ कई राहत टेलिकॉम कंपनियों को मिली है। 

इन उद्योगों को मिलेगा फायदा 

पीएलआई योजना के अंतर्गत ऑटो उद्योगों को मिलने वाली राहत की बात की जाए तो बता दें कि इससे ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन असेंबली, इलेक्ट्रोनिक पावर स्टीयरिंग, सिस्टम, सेंसर, सुपर कैपिसिटर, सनरूफ, अडाप्टिव फ्रंट लाइटिंग, ऑटोमैटिक ब्रेकिंग, टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम और कॉलिजन वार्निंग सिस्टम बनाने वाली कंपनियों को फायदा पहुंचेगा। 

ईंधन के इन विकल्पों पर भी ध्यान 

पीएलआई योजना 2021 में सरकार का पूरा ध्यान ईंधन के नए विकल्प जैसे बैटरी इलेक्ट्रिक, हाइड्रोजल ईंधन, इथोनॉल सेल आधारित वाहनों पर ज्यादा रहेगा। हालांकि योजना में आवंटित की जाने वाली राशि  को कम करने की कोई ठोस वजह नहीं बताई गई है। इससे पहले ऑटो उद्योग निकाय सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स ने कहा था कि इस योजना की घोषणा के बाद उद्योग में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी जिससे भारतीय वाहन उद्योग तरक्की के अगले चरण में पहुंच जाएगा। 

जानें, पीएलआई स्कीम क्या है 

जब संशोधित पीएलआई के जरिए ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को बड़ी राहत प्रदान करने की बात की जा रही है तो यह जानना जरूरी है कि पीएलआई  योजना आखिर क्या है? यहां बता दें कि यह योजना घरेलू औद्योगिक इकाइयों में निर्मित उत्पादों पर कंपनियों को प्रोत्साहन देने के लिए बनाई गई है। इसके लिए केंद्रीय बजट 2020-21 में सरकार ने 13 उद्योगों के लिए 1.97 लाख करोड़ रुपये की पीएलआई योजना की घोषणा की थी। इसमें ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए करीब 57 हजार करोड़ रुपये का बजट रखा गया था। 

पीएलआई से दूरसंचार क्षेत्र को मिला पैकेज 

यहां बताते चलें कि इधर केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पीएलआई योजना के तहत दूरसंचार के क्षेत्र में एक विशेष राहत पैकेज को भी मंजूरी दी है।  इसका उद्देश्य निजी दूरसंचार कंपनियों को जैसे वोडाफोन, आइडिया जैसी कंपनियों को राहत प्रदान करना है। इससे इन कंपनियों को बकाया हजारों करोड़ रुपये का भुगतान करने में आसानी रहेगी। इसके तहत बकाया चुकाने में अधिक मोहलत देना, एजीआर को फिर से परिभाषित करना, स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क में कटौती शामिल हैं। 

चीन पर निर्भरता कम होगी 

ऑटो उद्योगों को प्रोत्साहन देने और इलेक्ट्रिानिक और सेमिकंडक्टर कंपोनेंट के लिए चीन पर आयात की निर्भरता को कम करना संशोधित पीएलआई योजना का प्रमुख उद्देश्य रहेगा। यहां बता दें कि वर्तमान में ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री पूरी तरह घरेलू बाजार पर निर्भर नहीं है। भारत में निर्मित होने वाले वाहनों के कई उपकरण चीन से मंगाए जाते हैं। वर्तमान में ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री पूरी तरह घरेलू बाजार पर निर्भर नहीं है। केंद्रीय एडवाइजरी नीति आयोग के सीईओ अमिताभकांत का कहना है कि अगले दो सालों के दौरान बैटरियों के दाम नीचे आएंगे, जिससे इलेक्ट्रिक वाहनों की लागत कम होगी। इसके लिए जरूरी है कि हम आयात पर निर्भरता को कम करते हुए देश में इनोवेशन, क्षमता वर्धन और इनवेस्टमेंट को प्रोत्साहन देने के उपाय करें। 

 

क्या आप नया ट्रक खरीदना, डीज़ल ट्रक, पेट्रोल ट्रक, इलेक्ट्रिक ट्रक या पुराना ट्रक बेचना चाहते हैं, किफायती मालाभाड़ा से फायदा उठाना चाहते हैं, ट्रक पर लोन, फाइनेंस, इंश्योरेंस व अन्य सुविधाएं बस एक क्लिक पर चाहते हैं तो देश के सबसे तेजी से आगे बढ़ते डिजिटल प्लेटफार्म ट्रक जंक्शन पर लॉगिन करें और अपने फायदे की हर बात जानें।

Follow us for Latest Truck Industry Updates-
FaceBook  - https://bit.ly/TruckFB
Instagram - https://bit.ly/TruckInsta
Youtube    -  https://bit.ly/TruckYT

अन्य समाचार

टूल फॉर हेल्प

Call Back Button Call Us
scroll to top