Posted On : 24 July, 2024
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2024-25 में घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने और जरूरी मिनरल के विदेशी एक्विजिशन और उनके रिसाइकल के लिए क्रिटिकल मिनरल मिशन की घोषणा की। 2024 के इस बजट में सरकार ने क्रिटिकल मिनरल मिशन के लिए बड़ी फंडिंग अलॉट की है। इसका यूज ईवी बैटरी प्रोडक्शन को बढ़ाने, एक्सप्लोर, आर एंड डी करने के लिए किया जाएगा। मिशन के तहत देश में ईवी के लिए जरूरी क्रिटिकल मिनरल जैसे लिथियम, कोबाल्ट, निकल आदि एलिमेंट्स को सिक्योर किया जाएगा। इस पहल के साथ, देश में इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) उत्पादन को अप्रत्यक्ष रूप से बढ़ावा देने के उद्देश्य से यह निर्णय लिया गया है। ये कदम मिनरल ई-मोबिलिटी और नवीकरणीय ऊर्जा के लिए बेहद सकारात्मक है। इस नीति में टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट, कुशल कार्यबल, बड़ी प्रोडक्शन कैपेसिटी और एक उपयुक्त फाइनेंसिंग सिस्टम भी दिया गया है।
फरवरी 2024 में पेश हुए अंतरिम बजट में, वित्त मंत्री ने एनर्जी सिक्योरिटी को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार की स्ट्रेटजी के बारे में उल्लेख किया था। सरकार द्वारा लिथियम, तांबा, कोबाल्ट सहित 25 महत्वपूर्ण मिनरल को एक्साइज ड्यूटी से छूट दी गई है। ये मिनरल परमाणु ऊर्जा, नवीकरणीय ऊर्जा, अंतरिक्ष, रक्षा, दूरसंचार और उच्च तकनीक वाले इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे क्षेत्रों में उपयोगी हैं।
सरकार के इस कदम का ऑटो उद्योग के दिग्गजों द्वारा स्वागत किया गया है क्योंकि यह अपने प्रोडक्शन के साथ-साथ भारत में जरूरी मिनरल के रिसाइकल को काफी बढ़ावा दे सकता है। एसीएमए और सुब्रोस की अध्यक्ष एवं मैनेजिंग डायरेक्टर श्रद्धा सूरी मारवाह ने बताया कि, ''लिथियम, तांबा, कोबाल्ट, निकल आदि जैसे महत्वपूर्ण मिनरल्स पर सीमा शुल्क नहीं लिए जाने से देश में बैटरी मैन्युफैक्चरिंग को प्रोत्साहन मिलेगा और देश में इलेक्ट्रिक वाहन इको सिस्टम विकसित होने में मदद मिलेगी।
बैटरी रीसाइक्लिंग कंपनी एटेरो का मानना है कि यह नीति भारत को महत्वपूर्ण खनिजों में आत्मनिर्भर बना सकती है और वैश्विक रीसाइक्लिंग हब भी बना सकती है। वित्त मंत्री द्वारा क्रिटिकल मिनरल मिशन की घोषणा से उद्योग को महत्वपूर्ण प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद है। 25 महत्वपूर्ण खनिजों पर सीमा शुल्क की छूट रिसर्च और बैटरी निर्माण को एक बड़ा प्रोत्साहन प्रदान करती है। इन उपायों से निर्माण और रीसाइक्लिंग उद्योगों को काफी बढ़ावा मिलेगा, जिससे भारत दुनिया में रीसाइक्लिंग और सभी जरूरी मिनरल का सेंटर केंद्र बन सकेगा।
यह पहल न केवल ईवी इंडस्ट्री के विकास को बढावा देती है, बल्कि यह एक स्वच्छ और ग्रीन मोबिलिटी इको सिस्टम की दिशा में भी सकारात्मक योगदान लाने में सक्षम है। कई ऑटो दिग्गजों ने लीथियम और कोबाल्ट जैसे महत्वपूर्ण खनिजों पर सीमा शुल्क में छूट देने के केंद्रीय बजट के फैसले की सराहना की है।
न्यूरॉन एनर्जी के सीईओ और को फाउंडर प्रतीक कामदार ने कहा, "यह बेहद महत्वपूर्ण कदम है जो बैटरी सेल की प्रोडक्शन लागत को काफी कम करेगा। इससे सीधे कंज्यूमर तक ज्यादा किफायती इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की पहुंच हो पाएगी। ओला के संस्थापक, भाविश अग्रवाल भी इस नीति के प्रति काफी सकारात्मक हैं, उन्होंने कहा, "क्रिटिकल मिनरल मिशन भारत की एनर्जी सिक्योरिटी सेगमेंट का गेम चेंजर होगा।
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