भारी उद्योग मंत्रालय ने दिया ई-मीडियम और हेवी ड्यूटी ट्रकों पर सब्सिडी का प्रस्ताव
भारत में ई-मीडियम और हेवी ट्रकों के लिए इलेक्ट्रिफिकेशन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भारी उद्योग मंत्रालय (MHI) ने 10,000 रुपये प्रति kWh की सब्सिडी का प्रस्ताव रखा है। इस योजना से न केवल इलेक्ट्रिक ट्रकों की लागत कम होगी बल्कि प्रदूषण में भी कमी आएगी। मंत्रालय ने इस योजना पर उद्योग से सुझाव मांगे हैं ताकि इसे प्रभावी ढंग से लागू किया जा सके।
भारी उद्योग मंत्रालय (MHI) ने भारत में मध्यम और भारी इलेक्ट्रिक ट्रकों के लिए 10,000 रुपये प्रति किलोवाट-घंटा (kWh) सब्सिडी का प्रस्ताव रखा है। इसके लिए 500 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है और मंत्रालय उद्योगों से फीडबैक ले रहा है। इस सब्सिडी से ई-ट्रक के शुरुआती लागत को 20% से 40% तक कम किया जा सकेगा और इसके कुल संचालन लागत (TCO) में भी 11% से 29% तक की कमी आएगी।
कार्बन डाईआक्साइड उत्सर्जन में आएगी कमी
ICCT के अनुसार, ग्रिड आधारित बिजली से ई-ट्रक के उपयोग से डीजल ट्रकों की तुलना में 17%–29% कम ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन होता है और अक्षय ऊर्जा से संचालित होने पर यह 78%–83% तक कम हो सकता है। ICCT के भारत के MD अमित भट्ट ने बताया कि भारत में ट्रकों की संख्या भले ही 3% हो, लेकिन यह देश के कुल CO₂ उत्सर्जन का 44% हिस्सा है।
स्क्रैपिंग सर्टिफिकेट का होना जरूरी
ई-ट्रकों पर सब्सिडी के लिए पुराने ICE ट्रकों के लिए स्क्रैपिंग सर्टिफिकेट प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा। यह सर्टिफिकेट MoRTH द्वारा मान्यता प्राप्त वाहन स्क्रैपिंग सुविधाओं से जारी होना चाहिए। साथ ही, RVSF स्क्रैपिंग सर्टिफिकेट की ट्रांसफरबिलिटी का प्रावधान भी MoRTH के नियमों के तहत किया जाएगा।
कितने ट्रक को मिलेगी सब्सिडी, जानिए
10,000 रुपये प्रति kWh सब्सिडी से करीब 1975 ट्रकों को इस योजना के तहत प्रोत्साहन मिल सकता है। इससे ट्रक ऑपरेटर्स के लिए ई-ट्रक को अपनाना अधिक आसान होगा, जिससे डीजल ट्रकों और ई-ट्रकों की कुल लागत में काफी कमी आएगी। इसी प्रकार, अगर 15,000 रुपये प्रति kWh की सब्सिडी दी जाती है, तो यह संख्या 1342 होगी, और 20,000 रुपये प्रति kWh सब्सिडी पर केवल 1014 ट्रकों को प्रोत्साहन मिलेगा।
कितनी मिलेगी सब्सिडी, जानिए
मंत्रालय ने नोट में तीन स्तरों की सब्सिडी (10,000 रुपये, 15,000 रुपये और 20,000 रुपये प्रति kWh) का जिक्र किया है। 10,000 रुपये प्रति kWh सब्सिडी के तहत 3.5 से 7.5 टन की क्षमता वाले ट्रकों के लिए अधिकतम 8 लाख रुपये और 7.5 से 12 टन के लिए 15 लाख रुपये तक की सीमा तय की गई है। 12-25 टन की क्षमता वाले ट्रकों के लिए 20 लाख रुपये और 25 टन से अधिक क्षमता वाले ट्रक के लिए 30 लाख रुपये तक की सब्सिडी दी जाएगी। वहीं, 35 टन से अधिक वाले ट्रक के लिए सब्सिडी की सीमा 40 लाख रुपये रखी गई है।
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