वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री का आंकड़ा 2,49,806 तक पहुंचा
वित्त वर्ष 2022 में गत वित्त वर्ष 2021 की तुलना में भारत में वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री में साल दर साल वृद्धि हुई है। जनवरी और मार्च के बीच वाणिज्यिक वाहन श्रेणी के वाहनों की बिक्री लगभग 19 प्रतिशत तक बढ़ गई। इससे इन वाहनों की बिक्री का आंकड़ा 2,49,806 तक पहुंच गया। वहीं गत वित्त वर्ष की इसी समान अवधि में वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री 2,10,356 इकाइयों की हुई। यहां बता दें कि सरकार की ओर से कमर्शियल वाहन निर्माण कंपनियों को बुनियादी ढांचे पर अधिक खर्च बढ़ाए जाने के कारण इन वाहनों की बिक्री में इजाफा हुआ। यहां आपको ट्रक जंक्शन की इस पोस्ट में अलग-अलग वाणिज्यिक वाहन निर्माता कंपनियों की साल दर साल बिक्री के आंकड़ों के साथ तथ्यात्मक जानकारी दी जा रही है।
माल ढुलाई और सडक़ों के निर्माण गतिविधियों में हुआ सुधार
वाणिज्यिक वाहनों की साल दर साल बिक्री में वृद्धि के पीछे जहां एक ओर सरकार की ओर से आधारभूत ढांचे पर पहले से अधिक खर्च बढ़ाना एक प्रमुख कारण रहा है वहीं जनवरी 2022 से लेकर मार्च तक की अवधि में माल परिवहन के साथ ही सडक़ निर्माण जैसी आर्थिक गतिविधियों में भी सुधार हुआ है। इधर कई छोटे शहरों में वैकल्पिक ईंधन की उपलब्धता के साथ पूरे भारत में सीएनजी की मांग बढ़ रही है।
हल्के वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री बढ़ी
वित्त वर्ष 2022 में गत वित्त वर्ष 2021 की तुलना में वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री में 19 प्रतिशत की वृद्धि हुई। यदि इन कमर्शियल वाहनों की अलग-अलग श्रेणियों की बिक्री की बात की जाए तो सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स के ताजा आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2022 में एलसीवी (LCV) की कुल बिक्री 20 प्रतिशत बढ़ कर 1,55, 822 इकाई हो गई जो पिछले साल की इसी समान अवधि में 1,29,822 इकाई थी। भारत की शीर्ष वाणिज्यिक वाहन निर्माता कंपनी टाटा मोटर्स की मानें तो वित्त वर्ष 2022 की चौथी तिमाही में इसकी बिक्री 1,10, 027 इकाई दर्ज की गई जो पिछली तिमाही और 2021 की तुलना में लगभग 21 प्रतिशत अधिक थी। पिछले वर्ष की समान अवधि में भी इन वाहनों की बिक्री में वृद्धि का दौर रहा।
मध्यम और भारी वाणिज्यिक वाहन खंड में 51 प्रतिशत की वृद्धि
आपको बता दें कि मध्यम और भारी वाणिज्यिक वाहन खंड में पिछली तिमाही की तुलना में 51 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई। वहीं पिछले साल की इसी तिमाही से 20 प्रतिशत अधिक एमएचसीवी की बिक्री दर्ज की गई। इसका मुख्य कारण सडक़ निर्माण एवं खनन गतिविधियों में सुधार होना है। टाटा मोटर्स के कार्यकारी निदेशक गिरीश वाघ ने हाल ही में कहा है कि केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा बुनियादी ढांचों के खर्च में सुधार हुआ। उन्होंने यह भी कहा है कि सबसे ज्यादा प्रभावित सीवी यात्री खंड में भी रिकवरी के संकेत देखे गए हैं।
घरेलू एमएचसीवी की मांग में भी रही बढ़ोतरी
यहां बता दें कि घरेलू एमएचसीवी और मध्यवर्ती एवं एलसीवी की मांग को लेकर भी प्रमख सभी कंपनियों को अच्छी बिक्री की आशा है। इस संबंध में टाटा मोटर्स कंपनी के कार्यकारी निदेशक गिरीश वाघ ने कहा है कि हम घरेलू एमएचसीवी एवं आईएलसीवी की मांग के संबंध में सतर्क और आशावादी हैं। अब बात करते हैं महिंद्रा एंड महिंद्रा की जिसने मार्च में19,837 वाहन बेचे जो पिछले साल इसी माह की 17,116 इकाइयों की तुलना में 16 प्रतिशत अधिक है। कंपनी ने हाल ही में अपने छोटे वाणिज्यिक वाहन उत्पाद लाइन के लिए सीएससी ग्रामीण ई स्टोर्स के साथ साझेदारी की घोषणा की, ताकि यह दूरदराज के गांवों तक पहुंच सके।
सीएससी ग्रामीण ई-स्टोर बने बिक्री वृद्धि में मददगार
यहांं बता दें कि सीएससी ग्रामीण ई- स्टोर सीएससी ई गर्वनेंस सर्विसेज की सहायक कंपनी है। यह ग्राहक नजदीकी स्टोर पर जाकर महिंद्रा सुप्रो और महिंद्रा जीतो जैसे चुनिंद्रा महिंद्रा एससीवी मॉडल के बारे में पूछताछ कर सकते हैं। ऑटोमोटिव डिवीजन में एससीवी के बिजनेस हैड अमित सागर ने कहा कि यह साझेदारी हमारे ग्रामीण पैर को और मजबूत करने के लिए एक उपयुक्त कदम है। यह हमारे ग्राहक अनुभव को बेहतर बनाने में हमारी मदद करने के लिए ग्र्रामीण ई स्टोर से बेहतर कोई भागीदारी नहीं हो सकता। इस तरह महिंद्रा कंपनी के लिए सीएससी ग्रामीण ई-स्टोर वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री बढ़ाने में खासे मददगार साबित हो रहे हैं।
व्यावसायिक वाहनों पर फिटनेस जुर्माना नहीं देना पड़ेगा
कमर्शियल वाहनों की सेल बढऩे के पीछे कई कारण हैं। इसमें राज्य सरकारों की ओर से लिए गए कई निर्णय या आदेश भी इन वाहनों की बिक्री बढ़ाने में सहायक सिद्ध होते हैं। बता दें कि हाल ही दिल्ली में आप पार्टी की सरकार ने व्यावसायिक वाहनों के फिटनेस जुर्माना को माफ कर दिया है। इस संबंध में दिल्ली सरकार ने केंद्रीय परिवहन मंत्री को एक पत्र भी प्रेषित किया है। इसमें व्यावसायिक वाहन फिटनेस जुर्माने पर रोक लगाने की बात कही गई है। दिल्ली सरकार के एक अधिकारी ने कहा है कि केंद्र सरकार के आदेश पर छोटे व्यावसायिक वाहनों की फिटनेस तारीख निकल जाने पर लगने वाली जुर्माना राशि बढ़ाई गई थी। केंद्र की ओर से नई जुर्माना राशि एक अप्रैल से बढ़ाए जाने का निर्देश था।
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