Posted On : 21 September, 2021
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे (Delhi-Mumbai expressway) का काम तेजी से जारी है। दिन-रात चल रहे एक्सप्रेस वे के निर्माण कार्य के वर्ष 2023 तक पूरा होने की संभावना है। जैसे ही भारत का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे बनकर तैयार होगा, इसकी विधिवत लांचिंग के बाद इस पर परिवहन शुरू हो जाएगा। यहां बता दें कि दिल्ली से मुंबई तक के इस हाइवे पर सबसे ज्यादा ट्रकों का ही आवागमन होगा। इनमें कमर्शियल ट्रकों की संख्या ज्यादा होगी।
केंद्र सरकार इस एक्सप्रेसवे से टोल के जरिए होने वाली कमाई को लेकर खासा उत्साहित है। केंद्रीय सडक़ एवं राजमार्ग परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने तो एक्सप्रेस वे से होने वाली कमाई के अनुमानित आंकड़ेे भी जारी कर दिए हैं। गडकरी ने हाल ही एक्सप्रेस वे के कार्य का निरीक्षण करने के बाद प्रगति समीक्षा की। इसमें उन्होंने कहा है कि मोस्ट अवेटेड राष्ट्रीय राजमार्ग यानि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के शुरू होने के बाद केंद्र सरकार को इससे हर महीने 1000 से 1500 करोड़ रुपये प्रति माह की कमाई हो सकती है। जानते हैं दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे को लेकर केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने और क्या-क्या कहा? वहीं इस एक्सप्रेस वे की क्या हैं विशेषताएं?
भारत में अलग-अलग राष्टीय राजमार्ग हैं। इनका संचालन और रखरखाव का जिम्मा नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया का है। भारत में वर्तमान में एनएचएआई द्वारा कई नए नेशनल हाइवे भी निर्मित करवाए जा रहे हैं। इनमें सबसे बड़ा हाइवे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे है। इसका निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है। निर्माण पूरा होने और इसे आम जनता के लिए खोलने के बाद इससे केंद्र सरकार को मोटी आय होगी। यहां बता दें कि केंद्रीय सडक़ परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने एनएचएआई को सोने की खान बताया है। उन्होंने दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे की प्रगति की समीक्षा के दौरान कहा कि अगले पांच साल में एनएचएआई की सालाना टोल आय बढ़कर 1.40 लाख करोड़ रुपये हो जाएगी। अभी यह टोल आय 40 हजार करोड़ रुपये से थोड़ी ज्यादा है।
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे का निर्माण तेजी से जारी है। इसके पूरा होने पर इसका संचालन शुरू होगा तो टोल टैक्स में से होने वाली सरकार की आय में जबर्दस्त बढोतरी होगी। यदि वर्तमान टोल टैक्स की दरों की बात करें तो यह वाहन की श्रेणियों के अनुसार अलग-अलग है। कार, जीप और वैन के लिए एक तरफा यात्रा के लिए 110 रुपये प्रति वाहन टोल टैक्स है। इसी तरह से वापसी पर 165 रुपये टोल देना होगा।
एलसीवी वाहन के लिए 180 सिंगल यात्रा के लिए और रिटर्न के लिए 270 रुपये देने होंगे। इसी तरह बस या ट्रक के लिए सिंगल यात्रा के 375 रुपये और वापसी के 565 रुपये टोल टैक्स होगा। एक्सल वाहन के लिए सिंगल यात्रा का 590 और रिटर्न यात्रा के लिए 885 रुपये टोल शुल्क का भुगतान करना पड़ता है। नई दरों के तय होने पर इनका भुगतान करने के लिए भी तैयार रहना होगा।
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के अलावा भारत के 4 राज्यों से होकर गुजरेगा। इससे इन राज्यों के लोगों को दिल्ली और मुंबई आना-जाना बहुत आसान हो जाएगा। दिल्ली से मुंबई की यात्रा 24 घंटों से घट कर 12 घंटों मे ही पूरी हो जाएगी। बता दें कि जिन चार राज्यों से होकर दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे गुजरेगा उनमें हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश और गुजरात राज्य शामिल हैं। निश्चित रूप से इन राज्यों के लिए यह एक्सप्रेस वे एक वरदान की तरह साबित होगा। इन प्रदेशों के व्यापारियों और आम लोगों को दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस के निर्माण पूरा होने का बेसब्री से इंतजार बना हुआ है।
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे के निर्माण कार्य की समीक्षा करते हुए केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने यह भी बताया कि एक बार इस एक्सप्रैस-वे का परिचालन शुरू हो जाएगा और इसे आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा तो सरकार को हर माह इससे 1,000 से 1,500 करोड़ रुपये की आमदनी होगी। यहां यह जानना भी जरूरी है कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे का निर्माण भारत परियोजना के पहले चरण के अंतर्गत किया जा रहा है।
राष्ट्रीय राजमार्ग अथॉरिटी ऑफ इंडिया पर लगातार कर्ज का भार बढ़ रहा है। मार्च 2021 में विभाग से संबंधित परिवहन, पर्यटन और संस्कृति पर संसद की स्थायी समिति ने एनएचएआई पर 97, 115 करोड़ रुपये की देनदारी की जानकारी दी गई थी। इसको लेकर राज्यसभा में चिंता भी जाहिर की गई थी। हाल ही में दी गई जानकारी के अनुसार आगामी मार्च माह के अंत तक एनएचएआई का कुल कर्ज बढ कर 3.06 करोड़ रुपये हो गया था।
यहां यह बता दें कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे की कुछ ऐसी खास विशेषताएं हैं जो इसे अन्य एक्सप्रैस वे से अलग दर्जा दिलाती हैं। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस की ये विशेषताएं इस प्रकार हैं-:
यहां यह बता दें कि बेहतरीन सडक़ों के लिए सरकार को करोड़ों की राशि से प्रोजेक्ट तैयार करना होता है। यदि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे की बात करें तो इसकी लागत 98,000 करोड़ रुपये है। सडक़ परिवहन मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि यह एक्सप्रेसवे दिल्ली के शहरी केंद्रों को कॉरिडोर के दिल्ली-फरीदाबाद-सोहना सेक्शन के साथ जेवर हवाई अड्डे और जवाहरलाल नेहरू पोर्ट को मुंबई से जोड़ेगा। वहीं महाराष्ट्र में प्रवेश करने से पहले एक्सप्रेसवे दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश और गुजरात को भी जोड़ेगा। इसके अलावा इस एक्सप्रेस वे से राजस्थान के जयपुर, अजमेर, किशनगढ, कोटा, चित्तौडग़ढ, उदयपुर, भोपाल, इंदौर, अहमदाबाद, बडोदरा और सूरत शहर के लोगों को भी इससे काफी फायदा पहुंचेगा।
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