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25 Jan 2022
Automobile

इलेक्ट्रिक कमर्शियल वाहन क्षेत्र में प्रवेश करेगा अडानी ग्रुप

By News Date 25 Jan 2022

इलेक्ट्रिक कमर्शियल वाहन क्षेत्र में प्रवेश करेगा अडानी ग्रुप

अडानी ग्रुप अब हरित परियोजनाओं के रूप में EV सेक्टर में करेगा एंट्री

देश की जाने-माने औद्योगिक घराने अडानी ग्रुप की जल्द ही इलेक्ट्रिक वाहन सेक्टर में एंट्री होगी। बता दें कि अडानी ग्रुप जल्द ही इलेक्ट्रिक वाहन खंड में कमर्शियल वाहनों की लांचिंग के साथ धमाकेदार प्रवेश करेगा। अडानी समूह ने हरित परियोजनाओं के अनुरूप ईवी सेक्टर में अपनी पैठ जमाने की तैयारियां लगभग पूरी कर ली हैं। इसके लिए यह ग्रुप विद्युत गतिशीलता परियोजनाओं के लिए गुजरात के मुंद्रा में रिसर्च एवं विकास केंद्र की स्थापना करेगा। आइए, जानते हैं अडानी ग्रुप की यह महत्वपूर्ण योजना क्या है? 

2070 तक शून्य उत्सर्जन के लक्ष्य की ओर अग्रसर 

जैसा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय सडक़ एवं परिवहन मंत्री कह चुके हैं कि भारत का प्रमुख लक्ष्य 2070 तक शून्य उत्सर्जन लाना है। इसी के चलते सरकार ने सभी ऑटोमोबाइल कंपनियों से इलेक्ट्रिक वाहनों को अधिक से अधिक बढ़ावा देने का आह्वान किया था। इसके लिए केंद्र सहित विभिन्न्न राज्य सरकारों ने अपनी ईवी पॉलिसीज के जरिए इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल को बढ़ावा प्रदान करने की योजनाएं भी संचालित कर रखी है। यहां बता दें कि टाटा और रिलायंस के बाद अब अडानी ग्रुप ने भी ईवी क्षेत्र में कदम रखने की तैयारियां कर ली हैं। अडानी गु्रप के प्रमुख  गौतम अडानी की लॉजिस्टिक्स-टू-एनर्जी ग्रुप की इकाई एसबी अडानी फैमिली ट्रस्ट अब हरित परियोजनाओं में एंट्री करने के लिए तैयार है। यह समूह ईवी सेक्टर में उतर रहा है। अपनी योजनाओं के हिस्से के रूप में इस समूह ने अपनी विद्युत गतिशीलता परियोजनाओं के लिए गुजरात  के मुंद्रा स्थित SEZ में शोध एवं विकास केंद्र की स्थापना करने का निर्णय लिया है। 

बंदरगाहों पर होगा कमर्शियल ईवी का उपयोग 

यहां बता दें कि अडानी ग्रुप सबसे पहले इलेक्ट्रिक वाणिज्यिक वाहनों की लांचिंग करेगा। इनमें ट्रक और बसों सहित अन्य श्रेणी के वाणिज्यिक वाहन होंगे। इन वाहनों का उपयोग अडानी समूह के स्वामित्व वाले बंदरगाहों पर होगा। भारत में वर्ष 2020-21 के दौरान बिकने वाले कुल इलेक्ट्रिक वाहनों की हिस्सेदारी करीब 1.3 प्रतिशत है। कंसल्टिंग फर्म RBSA एडवाइजर्स की  रिपोर्ट के अनुसार यह अनुमान है कि देश में ईवी बाजार वर्ष 2030 तक 90 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर से बढ़ कर 150 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है। 

नये ऊर्जा क्षेत्र में अडानी समूह हुआ सक्रिय 

बता दें कि अडानी ग्रुप नये ऊर्जा के क्षेत्र में पूरी तरह से सक्रिय हो गया है।  समूह के  शीर्ष अधिकारी गौतम अडानी ने 11 नवंबर 2021 को एक कार्यक्रम में कहा था कि वर्ष 2030 तक हम दुनिया की सबसे बड़ी अक्षय ऊर्जा कंपनी बनने की उम्मीद करते हैं। हमने अगले दशक में 70 अरब अमेरिकी डॉलर निवेश करने की योजना बनाई है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अडानी ग्रुप पहले से ही विश्व का सबसे बड़ा सौर ऊर्जा का उत्पादनकर्ता है। अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड भारत की सबसे बड़ी  नवीनतम ऊर्जा कंपनियों में एक है। इसका वर्तमान परियोजना पोर्टफोलियो 13,990 मेगावाट है और निर्माणाधीन संपत्तियों से 20,284 मेगावाट की लॉक-इन ग्रोथ है। वहीं वेंचुरा सिक्योरिटीज के विश्लेषकों ने कहा है कि 2030 तक अक्षय ऊर्जा से 450 GW हासिल करने के भारत के पूर्व में घोषित इरादे के साथ, अडानी ग्रुप एनर्जी इस मेगाट्रेंड से प्राप्त होने वाले लाभ के लिए तैयार है।  

देश की अक्षय ऊर्जा में 5.3 प्रतिशत हिस्सेदारी 

बता दें कि मौजूदा समय में अडानी ग्रुप की भारत की अक्षय ऊर्जा में 5.3 प्रतिशत हिस्सेदारी है जो 2030 तक 10 प्रतिशत तक बढऩे के लिए तैयार है। एक ब्रोकर के अनुसार भारत को 2070 तक नेट जीरो एमिशन हासिल करने के लिए अक्षय ऊर्जा पर बहुत अधिक निर्भर रहना होगा और अपनी कुल क्षमता को 14. 5 गुना बढ़ा कर 5,630 गिरावट करना होगा। 

अडानी समूह का होगा टाटा और रिलायंस से मुकाबला 

बता दें कि भारत को ग्रीन एनर्जी की ओर ले जाने के लिए अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड में फ्रांस की oil and gas-fossil fuel की बड़ी कंपनी Total SE ने 2 बिलियन डॉलर का निवेश किया है। इसके बदले फ्रांस की कंपनी को कुल 20 प्रतिशत हिस्सेदारी मिलेगी। यह Total SE का अडानी ग्रुप में दूसरा बड़ा इंवेस्टमेंट है। वर्ष 2018 में भी इस कंपनी ने अडानी गैस में निवेश किया था, जो Residential और Commercial क्षेत्र में गैस आपूर्ति करने वाली गुजरात की प्रमुख कंपनी है। 

बाजार के अनुरूप हैं अडानी ग्रुप की योजनाएं 

यहां बता दें कि अडानी ग्रुप की योजनाएं वर्तमान के ऑटोमोबाइल सेक्टर के बाजार के अनुकूल ही हैं। इलेक्ट्रिक वाहन के क्षेत्र में जिस तरह से इस कंपनी ने टाटा और रिलायंस समूह के खिलाफ अपने ईवी इंफ्रास्ट्रैक्चर को खड़ा करने की तैयारियां शुरू कर दी हैं, उससे साफ दिखाई दे रहा है कि आने वाले समय में इन दोनों समूहों से इसका मुकाबल रहेगा। 

अडानी ग्रुप ने स्थापित की नई सहायक कंपनी 

यहां बता दें कि ईवी सेक्टर में प्रवेश करने जा रहे देश के प्रमुख औद्योगिक घराने अडानी गु्रप ने अरबों डॉलर का निवेश करते हुए  नवीन ऊर्जा क्षेत्र में पूर्ण स्वामित्व वाली एक नई सहायक कंपनी स्थापित की है। इस कंपनी का नाम अडानी न्यू इंडस्ट्रीज लिमिटेड (ANIL)  है। ग्रीन हाइड्रोजन और पवन टरबाइन, मॉड्यूल और बैटरी जैसे अन्य उत्पादों के साथ, फर्म का लक्ष्य दुनिया की सबसे बड़ी अक्षय ऊर्जा कंपनी बनना है। 

जानें, अडानी समूह के बारे में, कौन हैं इसके मालिक? 

बता दें कि अडानी ग्रुप देश का प्रमुख औद्योगिक घराना है। अडानी कंपनी की स्थापना 20 जुलाई 1988 को गौतम अडानी ने की थी।  प्रारंभ में इस कंपनी का फोकस एग्रो कमोडिटी और पावर पर रहा। अडानी कंपनी कोयला व्यापार, कोयला खनन, तेल एवं गैस खोज, बंदरगाहों एवं मल्टी मॉडल लॉजिस्टक, बिजली उत्पादन एवं परीक्षण एवं गैस वितरण में विश्व का एकीकृत बुनियादी ढांचा कहा जा सकता है। यदि अडानी कंपनी की बात की जाए तो यह गौतम अडानी ने खुद शुरू की।  

जानिए, गौतम अडानी कैसे बने अरबपति 

अडानी कंपनी के मालिक गौतम अडानी का जीवन प्रारंभ में संघर्षपूर्ण रहा। इनका जन्म 24 जून 1962 को गुजरात में हुआ था। इनके पिता का नाम शांतिलाल अडानी, माता का नाम शांताबेन अदानी और पत्नी का नाम प्रीति अडानी है। इनके दो बेटे हैं जिनके नाम करन और जीत अडानी हैं। बता दें कि 8 भाई-बहनों में गौतम अडानी के घर की हालत ठीक नहीं थी लेकिन उन्होंने अरबपति बनने का ख्वाब देखा।  कहते हैं वे बहुत गरीब थे। यहां तक कि कालेज की पढ़ाई के दौरान उन्होंने बीकॉम में एडमिशन तो ले लिया लेकिन पैसों की कमी के चलते आगे पढ़ाई नहीं कर पाए। वे कुछ करने की ठान कर जेब में 100 रुपये लेकर मुंबई पहुंचे। यहां उन्हे पहली नौकरी महिंद्रा ब्रदर्स के मुंबई ब्रांच में मिली। उनका काम हीरे छांटना था। इस दौरान उन्होंने दिमाग में रणनीति बनाई।  वर्तमान में गौतम अडानी लगभग दस अरब डॉलर की सम्पत्ति के मालिक हैं। उनके पास देश की सबसे बड़ी एक्सपोर्ट कंपनी है। अडानी ने हाल ही में उत्तरप्रदेश में 35 हजार करोड़ के निवेश का ऐलान किया है। 

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