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नितिन गडकरी का बड़ा बयान-दो साल में और सस्ते होंगे इलेक्ट्रिक व्हीकल्स

Posted On : 01 April, 2022

इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की कीमत डीजल-पेट्रोल वाहनों के बराबर हो जाएगी

इन दिनों देश भर में इलेक्ट्रिक वाहनों के अपनाने की मुहिम चल रही है। दिल्ली, महाराष्ट्र, कर्नाटक, उत्तरप्रदेश, बिहारी आदि राज्यों में इलेक्ट्रिक वाहनों का पंजीयन तेजी से बढ़ा है वहीं अन्य सभी राज्यों में भी इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रति लोगों का रुझान बढऩे लगा है। केंद्र और राज्य सरकारों की ओर से इन वाहनों को खरीदने के लिए आर्थिक अनुदान के साथ रोड टैक्स, पंजीयन आदि में छूट दी जा रही है। इसके बावजूद इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर एक कशक लोगों  के मन में बनी हुई है वह है इनकी कीमत डीजल और पेट्रोल वाहनों के मुकाबले अधिक होना। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हाल ही केंद्रीय सडक़ परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने संसद में इलेक्ट्रिक वाहनों की भविष्य की कीमतों को लेकर सदन को विश्वास दिलाया कि दो साल के भीतर इनकी कीमतों में गिरावट आ जाएगी। ये वाहन डीजल और पेट्रोल के वाहनों के बराबर कीमत में उपलब्ध हो सकेंगे। यहां ट्रक जंक्शन की इस पोस्ट में आपको बताएंगे केंद्रीय परिवहन मंत्री के इस बड़े बयान के क्या मायने हैं? 

दो साल में बदलेगी देश की दशा

इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमतों में जैसे ही गिरावट आने लगेगी तो दो साल के भीतर देश की दशा ही बदल जाएगी। यह कहना है कि केंद्रीय सडक़ और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का। उन्होंने संसद में कहा कि मैं सदस्यों को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि अगले दो साल में इलेक्ट्रिक गाडियों की कीमत घट कर डीजल और पेट्रोल वाहनों के बराबर हो जाएगी। गडकरी का कहना है कि चाहे वह दोपहिया वाहन हो या फोर व्हीलर इन सभी इलेक्ट्रिक व्हीकल की कीमतों में गिरावट आएगी और ये जरूरतमंद लोगों की पहुंच में होंगी। इसके बाद निश्चित रूप से देश की दिशा बदलेगी। 

इलेक्ट्रिक वाहन पर्यावरण संरक्षित करने में सहायक 

बता दें कि इलेक्ट्रिक वाहनों से प्रदूषण की समस्या का स्वत: ही अंत होता दिखाई देता है। इनमें शून्य उत्सर्जन होने के कारण किसी तरह का प्रदूषण नहीं होता। ऐसे में इन्हे पर्यावरण मित्र कहा जाए तो गलत नहीं होगा। यही कारण है कि इलेक्टिक वाहनों को अधिक से अधिक अपनाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों ने अपनी ईवी  पॉलिसी लागू की है। वहीं नई स्क्रैपिंग पॉलिसी के अंतर्गत भी इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने की मुहिम जारी है। भारत एक विकासशील देश है जहां अभी इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमतें अभी ज्यादा हैं। अब वह दिन दूर नहीं जब इन इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमतों में कमी आएगी। सडक़ एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी  ने दिलाया है कि आगामी दो सालों में इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमतों में गिरावट आएगी। 

सभी सरकारी परिसरों में बनेंगे चार्जिंग स्टेशन 

बता दें कि भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने के लिए जिस तरह से सरकारी स्तर पर एक जनजागरण चल रहा है उसके साथ ही सरकार इन वाहनों के चार्जिंग के लिए स्टेशनों का निर्माण करवा रही है। इस संबंध में केंद्रीय सडक़ एवं परिवहन राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने लोकसभा स्पीकर ओम बिडला द्वारा चार्जिंग स्टेशन निर्माण के संबंध में कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग स्टेशन सभी सरकारी परिसरों में तैयार करवाए जाएंगे। यह सुविधा पार्किंग सिस्टम की तरह होगी। गडकरी ने कहा है कि बिजली मंत्रालय ने इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए चार्जिंग इंफ्रास्ट्रैक्चर तैयार करने के लिए नोटिस जारी किया है।  

देश में बनेगा हाइड्रोजन ईंधन 

ईंधन बचत एवं नये विकल्प के तौर पर अब देश में हाइड्रोजन से चलने वाले वाहनों का निर्माण भी होने लगा है। बता दें कि हाइड्रोजन से चलने वाली कार से सडक़ परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी 30 मार्च 2022 को संसद पहुंचे थे। यह देश की पहली हाइड्रोजन कार है। इसे जापान की टोयोटा कंपनी ने बनाया है। इसमें हाइड्रोजन ईंधन फरीदाबाद के तेल पंप से भरा गया था। इस गाडी से संसद पहुंचने के बाद गडकरी ने कहा था कि ‘हम  आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना को साकार करने के लिए ग्रीन हाइड्रोजन को अपने स्तर पर बनाएंगे।’ इसे विदेश से मंगाने पर लगाम लगाएंगे। इससे हमारे देश में रोजगार बढ़ेगा। 

इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण लागत कम करने की कोशिशें जारी 

बता दें कि इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमतें फिलहाल डीजल और पेट्रोल  वाहनों से कहीं ज्यादा हैं। इसकी मुख्य वजह है इसकी निर्माण लागत ज्यादा होना। इधर सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रति लोगों के रुझान को बढ़ाने के लिए इन वाहनों की कीमतें डीजल और पेट्रोल वाहनों जितनी करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। इस संबंध में केंद्रीय  सडक़ परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने पिछले दिनों कहा था कि इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पर जीएसटी 5 प्रतिशत ही ली जा रही है जबकि पेट्रोल वाहनों पर यह 48 प्रतिशत है। इसके बावजूद ये वाहन महंगे हैं। मौजूदा समय में इलेक्ट्रिक व्हीकल की बैटरी में इस्तेमाल किया जाने वाला लिथियम की ज्यादा कीमत ने इन वाहनों की लागत को बढ़ा रखा है। निकट भविष्य में सरकार के प्रयासों के चलते लिथियम के ज्यादा प्रोडक्शन से कीमतों में कमी आएगी। इसकी वजह से इलेक्ट्रिक वाहन की कीमत में भी गिरावट देखने को मिलेगी। 

चार्जिंग प्वाइंट पर हो रहा लगातार काम 

इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमतों को कम करने के लिए सरकार इन वाहनों के लिए चार्जिंग प्वाइंट पर भी लगातार काम कर रही है। इससे इन वाहनों को अपनाने वालों को सुविधा मिलेगी और ज्यादा से ज्यादा वाहनों की बिक्री होगी। वहीं इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए ईवी इंफ्रास्ट्रेक्चर का विस्तार किया जा रहा है। 

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