Posted On : 06 July, 2024
देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को तेजी से बढ़ावा मिलने वाला है, क्योंकि केंद्र सरकार अपने कार्यकाल में पहले 100 दिनों के दौरान इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने और मैन्युफैक्चरिंग से जुड़ी सभी प्रमुख योजनाओं का रिव्यू शुरू करेगी और रिव्यू कर इन योजनाओं पर महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाएंगे। निर्माण के अलावा एडवांस टेक्नोलॉजी, बैटरी की लोकल मैन्युफैक्चरिंग और पब्लिक ट्रांसपोर्ट नेटवर्क द्वारा इलेक्ट्रिक बसों की तेजी से खरीद के लिए सरकार द्वारा तीन बड़ी योजनाओं को तेजी से ट्रैक करने की संभावना है।
गौरतलब है इलेक्ट्रिक वाहनों के स्कोप में लगातार तेजी से वृद्धि हो रही है और लोग इलेक्ट्रिक वाहनों को अपना रहे हैं। सरकार भी देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को तेजी से बढ़ावा दे रही है, ताकि देश के जीरो कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य को पूरा किया जाए।
भारत में बैटरी निर्माता कंपनियों को भी सरकार पर्याप्त लाभ प्रदान कर रही है। सूत्रों के मुताबिक जिन योजनाओं को मंजूरी देने पर विचार किया जा रहा है, उनमें एडवांस्ड बैटरी बनाने के लिए लोकल यूनिट स्थापित करने के लिए पीएलआई एसीसी (एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम) के तहत 10 जीडब्ल्यूएच क्षमता का आवंटन किया जाएगा। इसमें वाहन निर्माताओं को ब्याज मुक्त पूंजी दी जाएगी और बिजली की व्यापक खरीद और तैनाती की सुविधा के विकास में भी मदद मिलेगी। बता दें कि इसके अलावा सरकार बसें और इलेक्ट्रिक वाहनों के फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग (FAME 3) सब्सिडी योजना को भी ट्रैक और रिव्यू करेगी।
इस घटनाक्रम पर एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि शून्य कार्बन उत्सर्जन के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए सरकार तेजी से काम कर रही है और ग्रीन मोबिलिटी की ओर बढ़ रही है। सरकार पीएलआई, emps और फेम 3 सहित सभी तीन योजनाओं को 100-दिवसीय एजेंडे में शामिल करेगी। प्रधानमंत्री इस महीने के अंत में सभी मंत्रालयों के सचिवों की एक बैठक की अध्यक्षता करने वाले हैं।
अधिकारी ने कहा, सरकार की प्राथमिकता बसों को इलेक्ट्रिक करना और ज्यादा से ज्यादा इलेक्ट्रिक बसों को सड़क पर लाना है। सरकार ने FAME 2 के तहत 7,000 इलेक्ट्रिक बसों की खरीद को प्रोत्साहित किया। नई योजना से खरीद के लिए सब्सिडी वाली इलेक्ट्रिक बसों की संख्या में बढ़ोतरी होगी।
बैटरी निर्माण को लेकर भी सरकार पूरा प्रयास कर रही है ताकि देश में ही ज्यादा से ज्यादा बैटरी का निर्माण किया जा सके। इस स्कीम के तहत केंद्र को 3,620 करोड़ रुपये के बजटीय खर्च के साथ बैटरी कंपनियों को सहायता करनी है। 10 GWh क्षमता को फिर से आवंटित करने के लिए सरकार को सात बोलियां मिली हैं। जल्द ही इन कंपनियों को टेंडर दिया जाएगा। फरवरी में आयोजित बोली पूर्व परामर्श में रिलायंस इंडस्ट्रीज और जेएसडब्ल्यू नियो एनर्जीज सहित 18 खिलाड़ियों ने भाग लिया था। गौरतलब है कि बैटरियों की लोकल मैन्युफैक्चरिंग बेहद महत्वपूर्ण है और इससे इलेक्ट्रिक वाहनों की लागत कम करने में मदद मिलेगी।
☞ Facebook - https://bit.ly/TruckFB
☞ Instagram - https://bit.ly/TruckInsta
☞ YouTube - https://bit.ly/TruckYT