Posted On : 13 April, 2022
शिक्षा, चिकित्सा, प्रशासन, न्यायपालिका, मीडिया, एविएशन, राजनीति, खेल, विज्ञान, खेती, व्यापार जैसे लगभग सभी क्षेत्रों में आज महिलाएं पुरुषों के कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है। लेकिन खतरों और जोखिम से भरा एक ऐसा भी पेशा है जहां महिलाओं की उपस्थिति को हैरत भरी नजरों से देखा जाता है।, जी, हां ट्रक ड्राइवरी एक ऐसा पेशा है जहां अभी तक पुरुषों का ही आधिपत्य है और इस पेशे में महिलाओं की संख्या नाम मात्र की है। ट्रक जंक्शन की इस पोस्ट में हम आपको भारत की ऐसी महिला ट्रक ड्राइवर से रूबरू करा रहे हैं, जिन्हें भारत की पहली महिला ट्रक ड्राइवर कहा जाता है। ये हैं भोपाल निवासी योगिता रघुवंशी है जो वकालत का पेशा छोडक़र ट्रक डाइवर बनी है। आईए, जानते हैं यह महिला वकालत का पेशा छोडक़र क्यों ट्रक ड्राइवर बनी। इसके पीछे क्या कहानी है?
योगिता रघुवंशी का जन्म यूपी में हुआ और इनका लालन-पालन व शिक्षा नंदुरबार महाराष्ट्र में हुई। 1991 में योगिता की शादी भोपाल निवासी युवक से हुई। युवक पेशे से वकील था और साइड में ट्रांसपोर्ट का बिजनेस करता था। शादी के बाद योगिता ने पति की सलाह से कानूनी शिक्षा हासिल की और लॉ ग्रजुएट की डिग्री लेकर वकालात की प्रेक्टिस शुरू की। इस दौरान वे दो बच्चों याशिका और यशविन की मां भी बन चुकी थी। जिंदगी में सबकुछ ठीकठाक चल रहा था। इस दौरान सन् 2001 एक सडक़ हादसे में उनके पति की मौत हो गई। परिवार की सारी जिम्मेदारी योगिता के ऊपर आ गई। इस हादसे के बाद योगिता ने जूनियर वकील के रूप में अपनी प्रेक्टिस शुरू की लेकिन इससे जो आमदनी होती थी वह बच्चों की परवरिश के लिए अपर्याप्त थी। वकालात में लंबे समय तक संघर्ष करने के बाद उन्हें ज्यादा सफलता नहीं मिली। परिवार की बिगड़ती आर्थिक स्थिति के बीच उन्होंने पति के ट्रांसपोर्ट व्यवसाय को संभालने का मन बनाया।
योगिता के पति तीन ट्रक छोडक़र गए थे। शुरु में योगिता ने इन ट्रकों को चलाने के लिए ड्राइवर और सहयोगी रखे। कुछ समय बाद उनके ट्रक का हैदराबाद के पास एक्सीडेंट हो जाता है और ट्रक ड्राइवर मौक पर ट्रक को छोडक़र भाग जाता है। योगिता भोपाल से एक मैकेनिक और हेल्पर लेकर जाती है और चार दिन तक वहीं रुककर ट्रक को सही कराती है। इसके बाद वह ट्रक को भोपाल लाती हैं। अब उन्होंने ड्राइवर की गैर हाजिरी में खुद ट्रक चलाने का निर्णय लिया। इसके लिए पूरी तरह से ट्रक ड्राइविंग सीखी। आज योगिता को ट्रक चलाते 20 साल से अधिक का समय हो चुका है। अब योगिता 30 टन का भारी-भरकम और 14 पहियों का कार्गो ट्रक चलाती है। पहले तो लोगों ने योगिता के ट्रक चलाने पर खूब मजाक बनाया लेकिन योगिता के जज्बे और संघर्ष को देख सबकी बोलती बंद हो गई।
योगिता ट्रक चलाते समय सिर पर पगड़ी व पुरुषों जैसी वेशभूषा में रहती है। उन्होंने बताया कि एक बार हाईवे पर सडक़ किनारे खाना बनाते समय तीन लोगों ने मुझ पर हमला कर दिया। मैंने उनका हिम्मत से मुकाबला किया और उन्हें भगा दिया। उस दौरान मैं महिलाओं की तरह रहकर ट्रक चलाती थी। इसके बाद मैंने पुरुषों जैसी वेशभूषा पहननी शुरू की।
योगिता की पहली यात्रा भोपाल से अहमदाबाद तक की थी। इस दौरान उन्हें यह भी पता नहीं था कि कौनसी सडक़ किस राजमार्ग तक जाती है। उन्होंने लोगों से रास्ता पूछ-पूछकर अपना सफर पूरा किया। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुडक़र नहीं देखा। योगिता के मीडिया में प्रकाशित बयानों के अनुसार मुझे ट्रक के साथ देशभर के शहरों और हाईवे पर काम करना अच्छा लगता है। जब लोग मुझे देखते हैं तो उन्हें भरोसा नहीं होता कि मैं ट्रक ड्राइवर हूं। वे सोचते हैं कि मैं किसी ट्रक ड्राइवर की पत्नी हूं। हाईवे पर मैकेनिक, ढाबों पर पुरुष व अन्य जगहों पर लोग जब मुझे ड्राइवर सीट पर बैठा देखते हैं तो उनका नजरिया बदल जाता है। आज तक योगिता से कोई दुर्घटना नहीं हुई है और उन्हें माल की डिलीवरी हमेशा सही समय पर की है। वे एक सफल बिजने वुमन हैं। पति की मौत के बाद योगिता ने सहानुभूति की जगह संघर्ष को चुना, ऐसी महिला शक्ति को ट्रक जंक्शन का सलाम।
क्या आप नया ट्रक खरीदना, डीज़ल ट्रक, पेट्रोल ट्रक, इलेक्ट्रिक कमर्शियल वाहन या पुराना ट्रक बेचना चाहते हैं, किफायती मालाभाड़ा से फायदा उठाना चाहते हैं, ट्रक लोन, फाइनेंस, इंश्योरेंस, अपना ट्रक चुनें व अन्य सुविधाएं बस एक क्लिक पर चाहते हैं तो देश के सबसे तेजी से आगे बढ़ते डिजिटल प्लेटफार्म ट्रक जंक्शन पर विजिट करें और अपने फायदे की हर बात जानें।
ट्रक इंडस्टी से संबंधित नवीनतम अपडेट के लिए हमसे जुड़ें -
FaceBook - https://bit.ly/TruckFB
Instagram - https://bit.ly/TruckInsta
Youtube - https://bit.ly/TruckYT