फंडिंग की राशि से देश और दुनिया को सबसे अच्छे ईवी पेश करने की योजना
देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल इंडस्ट्री लगातार तेजी से ग्रोथ कर रही है। प्रमुख दिग्गज कंपनियों सहित नए प्लेयर अपने इनोवेटिव प्रोडक्ट के जरिए ईवी सेक्टर में अपना मार्केट शेयर बढ़ा रहे हैं और इसके लिए बड़ा निवेश भी कर रहे हैं। इस बीच, प्रमुख इलेक्ट्रिक व्हीकल निर्माता कंपनी काइनेटिक ग्रीन ने ईवी बिजनेस को रफ्तार देने के लिए प्रमुख वैश्विक निजी इक्विटी फर्म ग्रेटर पैसिफ़िक कैपिटल (GPC) से 25 मिलियन अमरीकी डॉलर (करीब 209 करोड़ रुपए) का फंड हासिल करने की घोषणा की। हालांकि कंपनी का लक्ष्य FY 25 के अंत तक सीरीज ए के तहत 40 मिलियन डालर का फंड प्राप्त करना है। कंपनी को 25 मिलियन डालर की फंडिंग मिल चुकी है। अब कंपनी शेष 15 मिलियन डालर की फंडिंग के लिए निवेशकों से बातचीत कर रही है। आइए, ट्रक जंक्शन की इस पोस्ट में काइनेटिक ग्रीन के ईवी बिजनेस और फंडिंग के बारे में विस्तार से जानें।
2030 तक 100 में से 30 वाहन इलेक्ट्रिक बिकेंगे
पिछले कुछ सालों के दौरान भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में काफी अच्छी ग्रोथ देखी गई है। इलेक्ट्रिक थ्री व्हीलर और 2 व्हीलर की बिक्री हर साल नए रिकॉर्ड बना रही है। भारत में ईवी बिक्री की ग्रोथ 6 प्रतिशत तक पहुंच गई है। साथ ही साल-दर-साल इसमें तेज वृद्धि का अनुमान लगाया जा रहा है। सरकार का लक्ष्य 2030 तक इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री की दर 30 प्रतिशत तक पहुंचाने का है। इसके लक्ष्य को हासिल करने के लिए सरकार ईवी पर सब्सिडी दे रही है। फेम (FAME) और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रमोशन स्कीम (EMPS) जैसी स्कीम्स से सरकार करोड़ों रुपए ईवी सब्सिडी पर खर्च कर चुकी है। आकड़ों के अनुसार फेम-II योजना के तहत 5,829 करोड़ रुपए से अधिक की सब्सिडी दी गई है।
इस साल एक लाख से ज्यादा काइनेटिक ईवी बेचने का प्लान
इलेक्ट्रिक व्हीकल सेगमेंट में काइनेटिक ग्रीन एक प्रमुख कंपनी बन चुकी है। कंपनी ने 2016 में इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र में प्रवेश किया और अब तक 1 लाख से ज्यादा ईवी की बिक्री कर चुकी है जिससे ब्रांड की कुल बिक्री 1000 करोड़ रुपए से अधिक हो गई है। कंपनी इस साल 1 लाख से अधिक इलेक्ट्रिक व्हीकल बेचने की उम्मीद कर रही है। इसके लिए कंपनी पहले से ही अपने डीलरशिप नेटवर्क की पहुंच को व्यापक बनाने के लिए काम कर रही है। काइनेटिक के लोकप्रिय थ्री व्हीलर्स में काइनेटिक सफर स्मार्ट, काइनेटिक सफर शक्ति, काइनेटिक सफर जंबो, काइनेटिक सुपर डीलक्स, काइनेटिक डीएक्स है। इनकी शुरुआती कीमत 1.35 लाख रुपए से शुरू है।
कंपनी ऐसे खर्च करेगी फंडिंग की राशि
काइनेटिक ग्रीन ने पहली बार बाहर से फंड जुटाया गया है। कंपनी इस फंड को सुपा (महाराष्ट्र) स्थित अपनी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट में प्रोडक्टशन बढ़ाने, मौजूद इलेक्ट्रिक थ्री व्हीकल की मार्केटिंग व डिस्ट्रीब्यूशन तथा नए प्रोडक्ट के रिसर्च एंड डवलपमेंट पर खर्च करेगी। कंपनी भारत में इलेक्ट्रिक दोपहिया और तिपहिया वाहनों की बिक्री बढ़ाने के अलावा, काइनेटिक ग्रीन के ग्लोबल विस्तार पर भी ध्यान केंद्रित करेगा, विशेष रूप से अपनी प्रीमियम गोल्फ कार्ट रेंज के लॉन्च के माध्यम से, जिसे इटली के लेम्बोर्गिनी परिवार के साथ एक विशेष संयुक्त उद्यम के माध्यम से डिजाइन, विकसित और निर्मित किया गया है।
भारत की बड़ी आबादी को ईवी उपलब्ध कराने का लक्ष्य
इस फंडिंग के संबंध में जीपीसी के संस्थापक और सीईओ, केतन पटेल ने कहा, “भारत अगले 4-5 वर्षों में वैश्विक रूप से तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा और इसका मध्यम वर्ग तेजी से विस्तार करेगा। परिवहन का विद्युतीकरण इस परिवर्तन का एक महत्वपूर्ण तत्व होगा।
उन्होंने आगे कहा, "काइनेटिक ग्रुप पिछले 50 वर्षों से भारत के ऑटोमोटिव क्षेत्र में इनोवेशन के मामले में सबसे आगे रहा है और काइनेटिक ग्रीन तथा ई-लूना जैसे उत्पादों के साथ, भारत की बड़ी आबादी को इनोवेटिव ईवी प्रदान करने के लिए अच्छी स्थिति में है। हम काइनेटिक ग्रीन के साथ साझेदारी करके उत्साहित हैं।
काइनेटिक ग्रीन की संस्थापक और सीईओ सुलज्जा फिरोदिया मोटवानी ने कहा, “ग्रेटर पैसिफ़िक कैपिटल के साथ साझेदारी काइनेटिक ग्रीन के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है। हमारा मिशन इलेक्ट्रिक वाहनों की पहुंच को आसन बनाना रहा है। जैसे-जैसे भारत अपने 2030 ईवी लक्ष्यों की ओर बढ़ रहा है, काइनेटिक ग्रीन इस परिवर्तन में एक प्रमुख प्लेयर बनने के लिए अच्छी स्थिति में है।”
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