Posted On : 20 December, 2024
आरटीओ ऑफिस में ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना अब पहले से ज्यादा आधुनिक और आसान हो जाएगा। देश की प्रमुख वाहन निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी अब कई शहरों के आरटीओ कार्यालयों में ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक को ऑटोमेट करेगी। मारुति सुजुकी ने कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) पहल के तहत 5 ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक को ऑटोमेट करने की जिम्मेदारी ली है और परिवहन विभाग, बिहार सरकार के साथ एमओए (समझौता ज्ञापन) पर हस्ताक्षर किया है। जल्द ही बिहार के कुछ चुनिंदा शहरों में ड्राइविंग लाइसेंस लेने के लिए ऑटोमेटेड ड्राइविंग ट्रैक पर लोग वाहन चलाने का टेस्ट देते दिखाई देंगे।
मारुति सुजुकी की ओर से बिहार के भागलपुर, दरभंगा, गया, पूर्णिया और सारण में ड्राइविंग लाइसेंस टेस्ट ट्रैक्स को ऑटोमेट किया जाएगा। यहां कैमरे और अत्याधुनिक तकनीक से लैस ट्रैक पर ड्राइविंग टेस्ट लिया जाएगा। परिवहन विभाग के इस निर्णय का उद्देश्य लोगों को बिना किसी परेशानी के ड्राइविंग लाइसेंस बनाना है। साथ ही ड्राइविंग लाइसेंस की प्रक्रिया में जड़ जमा चुके भ्रष्टाचार को समाप्त करना है।
ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक के ऑटोमेशन से कुशल और प्रशिक्षित ड्राइवरों को तैयार करने में सहायता मिलेगी। साथ ही दुर्घटनाओं में भी कमी आएगी और सुरक्षित यातायात में मदद मिलेगी। इसके लिए पूर्व से बने टेस्टिंग ट्रैक का ऑटोमेशन होगा। मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड, कॉर्पोरेट अफेयर्स के एक्जीक्यूटिव ऑफिसर राहुल भारती के अनुसार, “सड़क सुरक्षा का एक महत्वपूर्ण पहलू चालक का कौशल और ट्रैफिक नियमों का ज्ञान है। ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक यह सुनिश्चित करेंगे कि लाइसेंस प्राप्त करने वाले बेहतर तरीके से तैयार हों और केवल योग्य चालक ही ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त कर पाएं।
वहीं, इस समझौता ज्ञापन पर बिहार की परिवहन मंत्री शीला कुमारी और परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए गए। एमओए पर बिहार सरकार के राज्य परिवहन आयुक्त नवीन कुमार और मारुति सुजुकी के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट, कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी, तरुण अग्रवाल ने हस्ताक्षर किए।
बिहार के जिन शहरों में ऑटोमेटेड ड्राइविंग ट्रैक शुरू होगा वहां पर कैमरे की निगरानी में अत्याधुनिक तकनीक के माध्यम से ड्राइविंग का टेस्ट लिया जाएगा। टेस्ट में पास होने के बाद आवेदकों का लाइसेंस जारी किया जाएगा। परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक के ऑटोमेशन का निर्णय लिया गया है। इस प्रक्रिया के तहत कंप्यूटर प्रणाली से बिना मानव हस्तक्षेप स्वचालित रुप से टेस्टिंग का कार्य पूर्ण किया जाएगा।
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