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केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने किया स्क्रैपिंग यूनिट का उद्घाटन

Posted On : 12 May, 2022

स्क्रैपिंग प्लांट अभिषेक ग्रुप और जापान की कंपनी कैहो सांगयो के संयुक्त वेंचर के तहत स्थापित

देश में जब से इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने के लिए सरकार ने ईवी पॉलिसी बनाई है और राष्ट्रीय वाहन कबाड़ नीति लागू हुई है तब से एक के बाद एक स्क्रैपिंग प्लांट खुल रहे हैं। पुराने अवधिपार वाहनों को रीसायकल करने की वाहन कबाड़ नीति के तहत ऐसे वाहनों की धरपकड़ भी प्राय: सभी बड़े शहरों में तेज हो गई है। वहीं नये वाहन खरीदने के लिए राज्य सरकारों की ओर से सब्सिडी दी जा रही है। इससे स्क्रैपिंग बिजनेस फलने-फूलने लगा है। यहां आपको बता दें कि केंद्रीय सडक़ परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही हरियाणा के नूंह जिले में खोले गए वाहन स्क्रैपिंग यूनिट का उद्घाटन किया है। यह स्क्रैपिंग प्लांट अभिषेक ग्रुप और जापान की कंपनी कैहो सांगयो के संयुक्त वेंचर के तहत स्थापित किया गया है। आगामी कुछ महीनों में यह संयुक्त वेंचर देश के अन्य कई हिस्सों में भी 7-8 यूनिट स्थापित कर सकता है। यहां आपको ट्रक जंक्शन की इस पोस्ट के माध्यम से नूंह में खोले गए वाहन स्क्रैपिंग प्लांट और स्क्रैपिंग पॉलिसी के बारे में पूरी जानकारी दी जा रही है। 

इस स्क्रैपिंग प्लांट में हर माह 1800 वाहन होंगेे रीसायकल  

यहां बता दें कि हरियाणा के नूंह जिले में जिस व्हीकल स्क्रैपिंग यूनिट का उद्घाटन केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने किया। उसमें हर माह करीब 1800 वाहनों को रीसायकल किया जा सकेगा। इस यूनिट में वाहनों को स्क्रैप करने और रीसायकल करने के लिए कई तरह के आधुनिक उपकरण लगाए गए हैं। स्क्रैपिंग यूनिट के  उद्घाटन अवसर पर केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा कि केंद्र सरकार देश के प्रमुख शहरों में 150 किलोमीटर के दायरे में एक स्क्रैपिंग सेंटर खोलने का लक्ष्य रखती है। उनकी योजना भारत को दक्षिण एशिया का वाहन स्क्रैपिंग हब केंद्र बनाने की है। उन्होंने कहा कि ऑटोमोबाइल और ट्रांसपोर्ट उद्योग को विकास के केंद्र में रखते हुए वाहन स्क्रैपिंग नीति भारत सरकार की एक दूरगामी योजना है। 

ऐसे होते हैं पुराने वाहन रीसाकल 

कबाड़ हो चुके वाहनों को स्क्रैपिंग प्लांट में ले जाकर वहां इन्हे पिघलाया जाता है। प्लास्टिक का सामान अलग कर लिया जाता है। बाद में इसे भी पिघलाया जाता है। इस तरह स्टील, लोहा और प्लास्टिक को पिघला कर रीसायकल किए गए स्टील और प्लास्टिक का उपयोग अन्य चीजों को बनाने के लिए किया जाता है। बता दें कि नूंह के अलावा कुछ महीने पहले केंद्रीय परिवहन मंत्री गडकरी ने नोएडा में भी इसी तरह एक व्हीकल स्क्रैपिंग और रीसायकलिंग यूनिट का उद्घाटन किया था। यह यूनिट मारुति सुजुकी और तोयुत्सु व्हीकल की साझेदारी में लगाया गया है। 

नई वाहन स्क्रैपिंग नीति में वाहन कलेक्शन सेंटर होंगे शुरू 

आपको बता दें कि केंद्र सरकार की अगस्त 2021 में शुरू हुई नई वाहन स्क्रैपिंग नीति लागू होने के बाद अब देश में पुराने और खराब वाहनों को हटाने के साथ कम उत्सर्जन करने वाले वाहनों को शामिल  किया जाएगा। वाहन स्क्रैपिंग नीति सभी तरह के छोटे-बड़े निवेशकों को एक तय नियम के अनुसार देश में स्क्रैपिंग प्लांट लगाने की अनुमति देती है। वहीं वाहन स्क्रैपिंग प्लांट शुरू होने से कई शहरों में कलेक्शन सेंटर भी शुरू किए जा सकेंगे जिनमें पुराने वाहनों को लिया जा सकेगा और उनके वाहनों को डी रजिस्टर करने के साथ उन्हे डिपोजित सर्टिफिकेट भी जारी किए जाएंगे। केंद्रीय मंत्री गडकरी ने बताया कि शहरों में स्क्रैपिंग सेंटर खुलने से 2025 तक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 5 करोड़ लोगों को रोजगार मिलेगा। 

स्क्रैपिंग पॉलिसी से प्रदूषण पर  नियंत्रण होगा 

सरकार की नई स्क्रैपिंग नीति लागू होने के कारण अब देश के दिल्ली सहित अन्य महानगरों में प्रदूषण पर काफी हद तक नियंत्रण होगा। देश में प्रदूषण फैलाने वाले पुराने वाहनों को व्यवस्थित ढंग से कबाड़ करने के लिए वाहन स्क्रैपिंग नीति लाई गई। इस नीति को 1 अप्रैल 2022 से लागू कर दिया गया है। यह एक महत्वपूर्ण नीति है। इसमें पुराने वाहन फिट वाहनों की तुलना में 10 से 12 गुना अधिक पर्यावरण को प्रदूषित करते हैं। मौजूदा समय में देश में लगभग 51 लाख ऐसे हल्के  मोटर वाहन हैं जो 20 साल से पुराने हो चुके हैं और 34 लाख हल्के मोटर वाहन हैं जो 15 साल से ज्यादा पुराने हैं। इसके अलावा 17 लाख मध्यम और भारी वाणिज्यिक है जो वर्ष से अधिक पुराने हैं और वैध फिटनेस प्रमाण पत्र के चलाए जा रहे हैं। 

10 साल पुराने कमर्शियल और 15 साल पुराने निजी वाहनों को मिलेगी छूट 

बता दें कि सरकार की नई स्क्रैपिंग नीति 1 अप्रैल 2022 से लागू हो गई है। पर्यावरण को संरक्षित करने और प्रदूषण कम करने के उद्देश्य से इस नीति के तहत फिलहाल 10 साल पुराने कमर्शियल और 15 साल पुराने निजी वाहनों को यूज करने की छूट रहेगी। इनको फिटनेस सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं होगी। अगर ये वाहन फिटनेस टेस्ट में फेल होते हैं तो इन्हे सडक़ से दूर कर कबाड़ में तब्दील कर दिया जाएगा। 

क्या है नई वाहन स्क्रैप पॉलिसी 

यहां बता देंं कि अगस्त 2021 में केंद्र सरकार ने नई वाहन स्क्रैप पॉलिसी की घोषणा की थी। इसमें वाहनों की बॉडी और इंजन के आधार पर फिटनेस टेस्ट से गुजरना होगा। वहीं एमिशन स्टेट्स और फ्यूल एफिसिएंशी सेफ्टी स्टेट्स जैसे कई फीचर्स की जांच होगी। अगर आपका पुराना वाहन टेस्ट में फेल हो जाता है उसका रजिस्ट्रेशन निरस्त कर दिया जाएगा और उसे स्क्रैप में भेज दिया जाएगा। 

कैसे मिलेगा स्क्रैप होने पर वाहन मालिक को फायदा 

बता दें कि स्क्रैपिंग पॉलिसी के अंतर्गत केंद्र सरकार ने जो मापदंड तय किए हैं उनके मुताबिक लोगों को फायदा मिलेगा। अगर आपका वाहन कबाड़ में जाता है तो इसके बदले आपको स्क्रैप प्रमाण पत्र मिलेगा जो 2 साल तक मान्य रहेगा। इस सर्टिफिकेट के जरिए आपको किसी भी कंपनी का नया वाहन खरीदते समय पुराने वाहन के स्क्रैप के मूल्य के बराबर नई गाडी पर डिस्काउंट मिलेगा जो नई गाड़ी के मूल्य का अधिकत 5 प्रतिशत होगा। इसके अलावा नये वाहन पर कोई पंजीयन शुल्क अदा नहीं करना होगा। राज्य सरकारें निजी वाहन के लिए 25 प्रतिशत और वाणिज्यिक वाहन पर 15 प्रतिशत तक का रोड टैक्स माफ कर सकती हैं।
 

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