ऑटो सेक्टर : सरकार संशोधित पीएलआई योजना को जल्द दे सकती है मंजूरी
पेट्रोल और डीजल को विदेशों से देश में मंगाने पर सरकार की ओर से बहुत बड़ी धनराशि खर्च की जाती है। अगर यह राशि देश में खर्च हो तो देश का ज्यादा विकास होगा और पर्यावरण की भी सुरक्षा होगी और लोगों को अच्छा स्वास्थ्य मिलेगा। इसी सोच के साथ केंद्र सरकार का लक्ष्य 2030 तक देश की सडक़ों पर अधिक से अधिक इलेक्ट्रिक व्हीकल ( electric vehicle ) और हाइड्रोजन ईंधन वाले वाहनों के संचालन पर है। केंद्र सरकार की नीतियों में भी इलेक्ट्रिक वाहनों पर अधिक फोकस किया जा रहा है। इसी क्रम में उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन (प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव) योजना के तहत ऑटोमोबाइल सेक्टर के परिव्यय को केंद्र सरकार ने घटा दिया है। उल्लेखनीय है कि इलेक्ट्रिक ट्रक (electric truck ) , पिकअप, ( pick up ) थ्री व्हीलर ( three wheeler )का प्रचलन लगातार बढ़ रहा है।
प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजना : परिव्यय घटाने के प्रस्ताव को जल्द मंजूरी संभव
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार ने ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत के लिए परिव्यय को घटाकर लगभग 26 हजार करोड़ रुपए कर दिया है और इस प्रस्ताव को केंद्रीय मंत्रिमंडल से शीघ्र ही अनुमति मिलने की उम्मीद है। आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने पिछले साल ही ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट सेक्टर के लिए एक पीएलआई योजना की घोषणा की थी और इसमें परिव्यय 57 हजार 43 करोड़ रुपए निर्धारित किए थे, जिसे अब घटाकर 26 हजार करोड़ कर दिया गया है।
इलेक्ट्रिक और हाइड्रोजन ईंधन वाहनों पर अधिक फोक्स
हालांकि सूत्रों ने पीएलआई योजना के तहत परिव्यय संशोधित कर 25 हजार 938 करोड़ रुपए करने के कारण का खुलासा नहीं किया है, लेकिन जानकारी दी है कि अब सरकार की ओर से इलेक्ट्रिक व्हीकल और हाइड्रोजन फ्यूल व्हीकल पर अधिक फोकस दिया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार मंत्रिमंडल अगले सप्ताह इस प्रस्ताव पर विचार कर सकता है।
संशोधित पीएलआई स्कीम में इन घटकों (ऑटो कंपोनेंट) को शामिल करने की उम्मीद
पीएलआई योजना के तहत कुछ ऑटो कंपोनेंट को शामिल करने की उम्मीद है। इनमें ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन असेंबली, सेंसर, सुपर कैपेसिटर, इलेक्ट्रॉनिक पावर स्टीयरिंग सिस्टम, एडेप्टिव फ्रंट लाइटिंग, सनरूफ, टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम, कोलिजन वार्निंग सिस्टम और ऑटोमैटिक ब्रेकिंग शामिल हैं।
ऑटो सेक्टर में प्रतिस्पर्धा को बढ़ाएगी पीएलआई स्कीम
सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफक्चरर्स (SIAM) का कहना है कि संशोधित पीएलआई स्कीम ऑटो सेक्टर में प्रतिस्पर्धा को बढ़ाएगी और इस क्षेत्र का तीव्र विकास कर अगले स्तर पर ले जाएगी। पीएलआई स्कीम के तहत सरकार 13 सेक्टरों को प्रोत्साहित करती है। केंद्र सरकार ने केंद्रीय बजट 2021-22 में 1.97 लाख करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ इन 13 क्षेत्रों को प्रोत्साहित करने का कदम उठाया था। पीएलआई योजना प्रमुख क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण उत्पादों का निर्माण कर वैश्विक चैंपियन बनाने और उनका पोषण करने में मदद करेगी।
संशोधित पीएलआई स्कीम : देश में रोजगार को मिलेगा बढ़ावा
संशोधित पीएलआई स्कीम को अब केबिनेट से मंजूरी मिलने का इंतजार है। विशेषज्ञों का मानना है कि कैबिनेट द्वारा संशोधित पीएलआई स्कीम को मंजूरी देने के बाद देश में बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर पैदा होंगे। जो प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लोगों को मिलेंगे। इससे सरकार का एक्सपोर्ट बढ़ेगा और रेवेन्यू मं भी वृद्धि होगी। कुल मिलाकर संशोधित पीएलआई स्कीम के ऑटो सेक्टर के लिए फायदेमंद होने की बात कही जा रही है।
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