Posted On : 03 July, 2024
हाल ही में राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण नियंत्रण (पीयूसी) प्रमाणन केंद्र की मांगों को लेकर बड़ी अपडेट सामने आ रही है। दिल्ली के पीयूसी प्रमाणन केंद्र की ओर से कुछ समय से हड़ताल जारी है। बता दें कि राष्ट्रीय राजधानी में पेट्रोल पंप एसोसिएशनों ने सोमवार से पीयूसीसी केंद्रों को बंद करने की धमकी दी थी। जिसका बड़ा कारण ये है कि पेट्रोल पंप एसोसिएशनों ने सरकार से यह मांग की है कि अब पीयूसी सर्टिफिकेट पर शुल्क में वृद्धि की जाए। अंतिम बार इसके शुल्क में 2011 में वृद्धि की गई, उसके बाद से प्रदूषण प्रमाण पत्र के लिए लगने वाले शुल्क में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है। जिससे पंप संचालकों को वित्तीय असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है। एसोसिएशन ने कहा था कि अगर शुल्क में वृद्धि नहीं की जाती है तो वो सोमवार से अपना काम रोक देंगे। हालांकि अब ये पीयूसी केंद्र सोमवार को भी काम करते रहेंगे क्योंकि एसोसिएशन ने परिवहन मंत्री की ओर से यह आश्वासन मिलने के बाद अपनी हड़ताल टाल दी है और शुल्क वृद्धि की उनकी मांग पर विचार किया जा रहा है।
पेट्रोल और सीएनजी से चलने वाले 2 और 3 व्हीलर वाहनों के मामले में प्रदूषण की जांच के लिए शुल्क 60 रुपये रखा गया है। वहीं 4 व्हीलर वाहनों (पेट्रोल) के लिए 80 रुपये और डीजल से चलने वाले चार पहिया वाहनों के लिए 100 रुपये का चार्ज निर्धारित है। कार्बन मोनोऑक्साइड (CO) और कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) जैसे विभिन्न प्रदूषकों के लिए वाहनों का उनके उत्सर्जन मानकों के हिसाब से समय-समय पर परीक्षण किया जाता है जिसके बाद उन्हें पीयूसी प्रमाणपत्र दिए जाते हैं। अधिकारियों के अनुसार पेट्रोल पंप मालिकों से बातचीत की गई और उन्हें आश्वासन दिया गया कि उनकी मांगों पर गौर किया जाएगा। पिछली बार 2011 में पीयूसीसी की फीस बढ़ाई गई थी।
देशभर में बनाए जाने वाले पीयूसी सर्टिफिकेट के लिए तैयार किए गए फॉर्म का एक ही प्रारूप देखने को मिलेगा। किसी भी राज्य का कोई भी व्यक्ति अगर अपने निजी वाहन के लिए पॉल्यूशन सर्टिफिकेट के लिए अप्लाई करते हैं तो उन्हें एक ही प्रारूप को फॉलो करना होगा।
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