Posted On : 01 October, 2021
आजकल हर प्रकार के वाहन जैसे कार, बाइक, ट्रक, पिकअप, मिनी ट्रक, बस, जीप आदि की आरसी और लाइसेंस के अलावा पॉल्यूशन सर्टिफिकेट (Pollution certificate) भी बहुत जरूरी हो गया है। इसके अभाव में वाहन का चालान किया जा सकता है और भारी जुर्माने साथ वाहन मालिक को जेल की हवा भी खानी पड़ सकती है। यहीं नहीं आपका ड्राइविंग लाइसेंस निरस्त हो सकता है। इस झंझट से बचने का एक आसान तरीका यह है कि आप एक साथ एक साल का पॉल्यूशन सर्टिफिकेट बनवा लें।
यहां जानकारी के लिए बता दें कि आम तौर पर पीयूसी तीन महीने के लिए ही बनाया जाता है लेकिन सरकार ने वाहन संचालकों की परेशानी को देखते हुए प्रदूषण जांच कराए जाने की अवधि तीन माह से बढ़ाकर एक साल कर दी है। इसमें भी खास बात यह है कि वाहन प्रदूषण जांच सर्टिफिकेट के लिए आपको जो पैसा देना होगा वह तीन माह के शुल्क के बराबर ही होगा फिर भी आपको एक साल का पीयूसी प्रदान कर दिया जाएगा। सरकार की पीयूसी अपडेट की इस नई नीति के बारे में आपको यहां बताया जा रहा है।
जैसे- जैसे दिल्ली सहित सभी प्रदेशों में प्रदूषण जांच अभियान तेज हो रहा है वैसे-वैसे पॉल्यूशन सर्टिफिकेट की भी जरूरत बढ़ती जा रही है। पहले पॉल्यूशन सर्टिफिकेट एक बार में तीन माह के लिए ही बनाया जाता था। यह अवधि जल्दी समाप्त होने के कारण वाहन मालिक समय रहते नया पॉल्यूशन सर्टिफिकेट नहीं बनवा पाते थे। ऐसे में ये पुलिस एवं परिवहन विभाग की ओर से जांच में आसानी से फंस जाते थे। पुलिस पीयूसी नहीं होने पर आवश्यक कानूनी कार्रवाई करती है। अब सरकार की नई पीयूसी नीति से यह फायदा हो जाएगा कि आप महज तीन माह के पुराने शुल्क पर ही एक साल तक का पीयूसी बनवा सकते हैं।
बता दें कि दुपहिया वाहन के लिए यह राशि 70 रुपये है जबकि कार एवं दूसरे बड़े वाहनों के लिए 100 रुपये में पॉल्यूशन सर्टिफिकेट बन जाएंगे। गौरतलब है कि केंद्रीय मोटर वाहन नियम 1989 के अनुसार सीएनजी या एलपीजी पर चलने वाले वाहनों सहित हर वाहन के लिए एक वैध पीयूसी प्रमाण पत्र होना अनिवार्य नहीं है।
दिल्ली पॉल्यूशन सर्टिफिकेट को लेकर सरकार ने सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। यहां अब पीयूसी को रियल टाइम बनाया जा रहा है। आपको पॉल्यूशन जांच कराते समय अपना रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर देना होता है, इस मोबाइल नंबर को वाहन के रजिस्टे्रशन के डेटाबेस के साथ जोड़ा जा गया है। जैसे ही आपका पॉल्यूशन सर्टिफिकेट की मियाद खत्म होने के नजदीक आती है तो आपके मोबाइल पर मैसेज आने लगते हैं।
दिल्ली सहित अन्य लगभग सभी प्रदेशों में अब वाहनों की प्रदूषण जांच कराना अनिवार्य कर दिया गया है। इसके लिए पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट जारी किया जाता है, इसे पीयूसी भी कहा जाता है। पीयूसी जारी कराने के लिए वाहन मालिकों को यह ध्यान देना होगा कि अवधि समाप्त होने के अंतिम दिवस से पहले वे वाहन की प्रदषण जांच करवा कर पीयूसी प्राप्त कर लें। इससे आपको हजारों रुपये की बचत होगी। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि दिल्ली परिवहन निगम की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि यदि पीयूसी नहीं होगा तो संबंधित वाहन मालिक को 10,000 रुपये तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है। इसके अलावा जुर्माना राशि जमा नहीं कराने पर छह माह अथवा एक साल तक की जेल की सजा भी हो सकती है।
नया संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट 2021 लागू हुआ है तब से वाहनों की प्रदूषण जांच के लिए अभियान चल रहा है। जगह-जगह वाहन चालकों को रोक कर पुलिस और परिवहन विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी आवश्यक वाहन दस्तावेजों के साथ पीयूसी भी चेक कर रहे हैं। इसके कारण प्रदूषण जांच केंद्रों पर भी भीड़ होने लगी है। लोग जुर्माना राशि और अन्य सख्त कार्रवाई से बचने के लिए फटाफट पॉल्यूशन सर्टिफिकेट बनवा रहे हैं।
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