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प्लास्टिक कचरे से बन रही सडक़ें, 703 किमी हाइवे का निर्माण

Posted On : 02 August, 2021

प्लास्टिक कचरे से बन रही सडक़ें, 703 किमी हाइवे का निर्माण - प्लास्टिक से होने वाले  प्रदूषण पर लगेगी लगाम  

देश में प्लास्टिक प्रदूषण ( plastic pollution ) पर नियंत्रण की दिशा में केंद्रीय परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की ओर से अभिनव प्रयोग किया गया है। हाल ही केंद्रीय परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने एक लिखित उत्तर में  अनुपयोगी प्लास्टिक से 703 किलोमीटर हाइवे के निर्माण की महत्वपूर्ण जानकारी दी। उन्होंने लोकसभा में बताया कि परिवहन मंत्रालय ने पांच लाख से अधिक आबादी वाले शहरी क्षेत्र के 50 किलोमीटर के दायरे में राष्ट्रीय राजमार्गों पर हाटॅ मिक्स के साथ समय-समय पर नवीनीकरण और सर्विस रोड की कटिंग में अपशिष्ट प्लास्टिक के अनिवार्य उपयोग के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए हैं। गौरतलब यह है कि सडक़ निर्माण में प्लास्टिक कचरे का उपयोग बेकार प्लास्टिक के दुष्प्रभाव से पर्यावरण की रक्षा करता है। वहीं आपको बता दें कि वेस्ट प्लास्टिक से निर्मित सडक़ों पर सबसे अधिक ट्रक, पिकअप आदि वाहन बिना रूकावट के दौड़ सकेंगे। 


प्लास्टिक की सडक़ों में 6-8 प्रतिशत ही प्लास्टिक का उपयोग 

प्लास्टिक की सडक़ों में 6-8 प्रतिशत ही प्लास्टिक उपयोग किया जाता है। इसके अलावा करीब 94 फीसदी बिटुमेन का इस्तेमाल होता है। केंद्रीय पर्यावरण  एवं राजमार्ग मंत्री गडकरी ने यह भी कहा कि अब तक देश के 11 राज्यों में सडक़ निर्माण में बेकार प्लास्टिक का उपयोग हो चुका है। यदि भारत में प्रतिदिन के हिसाब से बेकार प्लास्टिक कचरे का आंकलन किया जाए तो केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की वर्ष 2018-19 की रिपोर्ट के अनुसार भारत में 33 लाख मीट्रिक टन प्लास्टिक कचरा उत्पन्न हुआ जो 9200 टन प्रतिदिन है। वहीं इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कुल नगर पालिका सॉलिड वेस्ट उत्पादन 55 से 65 मिलियन टन है। इसमें से प्लास्टिक कचरा लगभग पांच से छह प्रतिशत होता है। प्लास्टिक के उपयोग को नियमित करने के लिए  केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन  मंत्रालय ने प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2021 का मसौदा तैयार किया है। यह मसौदा एक जनवरी 2022 से स्पेसिफिक सिंगल यूज वाले प्लास्टिक के निर्माण, आयात, स्टाकिंग, वितरण, बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध  लगाने का प्रस्ताव करता है। 


कोरोना महामारी प्रतिबंध अवधि में राजमार्ग निर्माण में रही तेजी 

राजमार्गों के निर्माण की गति कोरोना वैश्विक महामारी में प्रतिबंध के दौरान तेज रही। यह जानकारी केंद्रीय परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री  नितिन गडकरी ने लोकसभा में देते हुए कहा कि वर्ष 2020-21 में राजमार्ग निर्माण की गति 36.5 किलोमीटर प्रतिदिन तक पहुंच गई थी जो राष्ट्रीय राजमार्गों के लिए अब तक की सबसे अधिक निर्माण गति मानी जा रही है। इसी दौरान वेस्ट प्लास्टिक से राजमार्ग निर्माण भी शुरू हुआ। 


26 किलोमीटर बिटुमेन सडक़ 21 घंटे में बनाने का विश्व रिकार्ड 

आपको यह जानकर आश्चर्य हो सकता है कि वेस्ट प्लास्टिक से बनाई जाने वाली सडक़ के निर्माण की गति भी काफी तेज रही। केंद्रीय परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने ट्वीट के जरिए इस बात की भी जानकारी दी है कि देश में  26 किमी बिटुमेन सडक़ मात्र 21 घंटों में बना कर विश्व रिकार्ड स्थापित किया गया है। वहीं भारत ने  केवल 24 घंटे में 2.5 किमी. फोर लेन कंकरीट सडक़ बनाने का भी विश्व रिकार्ड बना लिया है। 


सडक़ निर्माण गति बरकरार रखने के विशेष प्रयास 

भारत सरकार सभी हाइवे के तेजी से निर्माण की गति को बरकरार रखने के लिए निरंतर प्रयासरत है। इस संदर्भ में केंंद्रीय परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि हाइवे सडक़ों के निर्माण की गति में तेजी रखने के लिए सरकार कई आवश्यक कदम उठा रही है। इनमें ठेकेदारों को समर्थन, अनुबंध प्रावधानों में छूट, उप ठेकेदारों को सीधे भुगतान और साइट पर काम करने वालों को भोजन एवं चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराना आदि शामिल हैं। इसके साथ ही इन परियोजनाओं में गुणवत्ता नियंत्रण सुनिश्चित करने के लिए एमओआरटीएच निर्देशों की पालना पर भी बल दिया जा रहा है। 


प्लास्टिक कचरे का सही निस्तारण है जरूरी 

आजकल हर जगह प्लास्टिक का उपयोग होता है। इसके मानव स्वास्थ्य पर भी विपरीत असर पड़ रहा है। वहीं पर्यावरण प्रदूषण बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है। यह अक्सर देखने में आता है कि कस्बों से लेकर महानगरों में प्लास्टिक पन्नियों और अन्य वेस्ट प्लास्टिक के फेंके गए कचरे से नाले-नालियां अवरुद्ध हो जाते हैं। इससे बारिश के दिनों में अनेक आवासीय कॉलोनियों में नालों का गंदा पानी जमा होने से कई तरह की मौसमी संक्रामक बीमारियां   फैलती  हैं। ऐसे में वेस्ट प्लास्टिक का सही इस्तेमाल होना बहुत जरूरी है। बेकार प्लास्टिक से केंद्रीय परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की ओर से सडक़ों का निर्माण करने का अभिनव प्रयोग अभिनंदनीय कदम है।  


अब प्लास्टिक हाइवे पर दौड़ेंगे ट्रक

यह सच है कि भारत में ट्रांसपोर्ट बिजनेस के तहत सडक़ों पर सबसे ज्यादा ट्रकों का परिवहन होता है। सरकार की नवीन नीति के तहत वेस्ट प्लास्टिक से बनाये  जाने वाले हाइवे पर ट्रकों का बेहतर संचालन हो सकेगा। इसके अलावा टाटा 407 और पिकअप के अलावा ऑटो टिपर  आदि तेज गति से दौड़ सकेंगे। वहीं इन सडक़ों से डीजल ट्रक और पेट्रोल ट्रक का माइलेज भी शानदार बना रहेगा।

 

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