बिना आरटीओ गए अब कमर्शियल वाहनों का होगा रजिस्ट्रेशन
हाल ही में आई खबर महाराष्ट्र में कमर्शियल वाहनों के मालिकों के लिए राहत भरी है। अब राज्य के ऑटोमोबाइल डीलर बिना क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) गए ही कमर्शियल वाहनों का रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। इसमें टूरिस्ट टैक्सी, मालवाहक ऑटोरिक्शा, पिकअप और टैंपो जैसे वाहन शामिल हैं। सरकार की इस नई पॉलिसी का उद्देश्य वाहनों के पंजीकरण की प्रक्रिया को तेज, सरल और परेशानी मुक्त बनाना है।
सिर्फ इन वाहनों का हो सकेगा ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन
महाराष्ट्र सरकार ने इस महीने की शुरुआत में एक सर्कुलर जारी किया, जिसके तहत 7,500 किलोग्राम से कम ग्रॉस व्हीकल वेट (जीवीडब्ल्यू) वाले वाहनों का रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन किया जा सकेगा। इस प्रकार अब कमर्शियल वाहनों का रजिस्ट्रेशन डीलर्स द्वारा ही किया जा सकेगा। इससे पहले, राज्य के डीलर्स केवल निजी कारों और दोपहिया वाहनों का ही पंजीकरण कर पाते थे, जिन पर सफेद नंबर प्लेट लगती है। लेकिन राज्य सरकार की इस नई पॉलिसी के तहत, अब टूरिस्ट टैक्सी (बिना मीटर वाली), तीन पहिया और चार पहिया मालवाहक वाहनों का पंजीकरण भी डीलर्स के जरिए हो सकेगा। हालांकि, मीटर वाली टैक्सियों के रजिस्ट्रेशन का काम अभी भी आरटीओ द्वारा ही किया जाएगा।
वाहन मालिकों को होगा लाभ
ट्रांसपोर्टर्स ने सरकार के इस कदम का स्वागत किया है और उन्होंने कहा है कि इससे उनका समय और पैसा दोनों की बचत होगी। आरटीओ में बार-बार चक्कर काटने और अनावश्यक परेशानियों का सामना करने के बजाय, अब वे सीधे डीलरशिप से ही अपने वाहनों का रजिस्ट्रेशन करवा सकेंगे। इससे वाहनों को जल्दी से सड़क पर उतारा जा सकेगा और प्रक्रिया में और भी ज्यादा आसानी आएगी।
बता दें कि 2023 में महाराष्ट्र में कुल 23.63 लाख वाहनों का पंजीकरण किया गया था, जिनमें से 2.45 लाख कमर्शियल वाहन थे, जिनमें टैक्सी, ऑटोरिक्शा, बसें और भारी ट्रक शामिल हैं। सरकार की इस नई नीति से सालाना 2 लाख से ज्यादा कमर्शियल वाहनों के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया सरल हो जाएगी।
अधिकारियों ने नई पॉलिसी पर जताई चिंता
हालांकि, परिवहन विभाग के कुछ अधिकारियों ने इस नई पॉलिसी पर चिंता जताई है कि डीलर्स द्वारा वाहनों के सुरक्षा मानकों का पालन सुनिश्चित किया जाएगा या नहीं। विभाग का मानना है कि पंजीकरण के दौरान सुरक्षा मापदंडों पर ध्यान देना बेहद जरूरी है, और डीलर की तरफ से पंजीकरण होने पर हो सकता है कि वो इन चीजों पर पूरा ध्यान न दें। इसके लिए आरटीओ की भूमिका का होना इसमें बेहद महत्वपूर्ण है।
हालांकि यह नई पॉलिसी महाराष्ट्र के कमर्शियल वाहन मालिकों के लिए बड़ी राहत लेकर आई है। अब उन्हें आरटीओ में लंबी कतारों में लगने की जरूरत नहीं होगी और वे अपनी सुविधा के अनुसार डीलरशिप से ही अपने वाहनों का रजिस्ट्रेशन करवा सकेंगे।
VAHAN 4.0 सिस्टम का होगा इस्तेमाल
रजिस्ट्रेशन को आसान बनाने के लिए नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर (NIC) ने VAHAN 4.0 नामक एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म विकसित किया है, जिसका इस्तेमाल देशभर के वाहन रजिस्ट्रेशन डेटा को इकट्ठा करने के लिए किया जाता है। महाराष्ट्र में डीलर्स इसी सिस्टम का इस्तेमाल कर लाइट कमर्शियल वाहनों का पंजीकरण कर सकेंगे। इससे पंजीकरण की प्रक्रिया में तेजी आएगी और परिवहन विभाग के अधिकारियों पर भी बोझ कम होगा।
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