Posted On : 24 August, 2021
आजकल सब कुछ डिजीटाइजेशन हो रहा है। अगर आप गाडी लेकर कहीं घूम रहे हैं और आपके वाहन दस्तावेज घर पर रह गए हैं तो आपको यह चिंता सताती रहती है कि कहीं चेकिंग हो गई तो क्या होगा? मान लीजिए आपने अपने वाहन के दस्तावेज अपनी ई मेल आईडी या व्हाट्सअप पर भी सेंड करवा लिए लेकिन परिवहन विभाग या ट्रैफिक पुलिस अधिकारी इसे मान्यता नहीं दे रहे तब क्या विकल्प रह जाता है। इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए दिल्ली सरकार ने अब नई व्यवस्था लागू कर दी है। सरकार ने एक नोटिस जारी कर दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में डिजीटल वाहन दस्तावेजों को रखने की अनुमति दे दी है। यानि अब वाहन से संबंधित दस्तावेजों की हार्ड कापी रखने की कोई जरूरत नहीं होगी। इनकी जगह सरकार द्वारा अनुमोदित ऐप्स का उपयोग किया जा सकेगा। यह नया नियम दस्तावेजों की जांच के लिए मान्य होगा। इसका सीधे-सीधे अर्थ यही है कि अगर आप डिजीलॉकर या एम परिवहन जैसे ऐप में स्टोर किए गए दस्तावेजों को दिखाते हैं तो पुलिस आपको अपने वाहन ड्राइविंग लाइसेंस या वाहन आरसी की ओरिजनल कॉपी प्रस्तुत करने के लिए बाध्य नहीं कर सकती।
दिल्ली सरकार ने वाहन दस्तावेजों के डिजीटल सत्यापन के लिए समान रूप से कानूनी मान्यता प्रदान कर दी है। हाल ही दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग ने एक नोटिस जारी कर कहा है कि डिजी लॉकर और एम परिवहन ऐप वाहन दस्तावेजों और प्रमाण पत्रों के भंडारण, साझाकरण और सत्यापन के लिए क्लाउड आधारित प्लेटफार्म है। नोटिस में यह भी कहा गया है कि यातायात पुलिस, परिवहन विभाग की प्रवर्तन शाखा डिजी लॉकर और एम परिवहन ऐप में दिखाए जाने पर ड्राइविंग लाइसेंस एवं पंजीकरण प्रमाण पत्र के इलेक्ट्रोनिक फार्म को विधिवत स्वीकार करती है। नए नियम के तहत डिजीटल रूप में उपलब्ध ड्राइविंग लाइसेंस और पंजीकरण प्रमाण पत्र मोटर वाहन अधिनियम 1988 के तहत वैध दस्तावेज माने जाएंगे। यहां यह भी गौरतलब है कि डिजीटल रूप में वाहन दस्तावेजों को संग्रहीत करने के लिए उपयोग किए जाने वाले अन्य ऐप मूल में स्वीकार नहीं किए जाएंगे।
आपको यह भी बता दें कि दिल्ली में पंद्रह दिवस के भीतर सरकार ने ई चालान काटने संबंधी नियम भी लागू करए दिए हैं। नए नियमों के अनुसार ट्रैफिक रूल्स की अवहेलना करने पर 15 दिवस के भीतर ई चालान जारी कर दिया जाएगा। इस संबंध में एक सूचना में मंत्रालय ने कहा है कि यातायात की निगरानी के लिए स्पीड कैमरा, क्लोज सर्किट, टेलविजन कैमरा, स्पीड गन, बॉडी वियरेबल, डैशबोर्ड कैमरा, ऑटोमैटिक नंबर प्लैट रिकॉग्निशन, वेट इन मशीन जैसे उपकरणों का इस्तेमाल किया जाएगा। वहीं ई चालान की सूचना अपराध की घटना के पंद्रह दिनों के भीतर भेजी जाएगी। इलेक्ट्रिक निगरानी के माध्यम से एकत्र किए गए रिकार्ड को चालान निपटाने तक संग्रहीत किया जा सकेगा।
जिस तरह से दिल्ली सरकार ने वाहन के डिजीटल दस्तावेजों के ऐप्स को कानूनी मान्यता प्रदान कर दी है उसी तर्ज पर राजस्थान, बिहार, गुजरात, मध्यप्रदेश या अन्य राज्यों में यह सिस्टम लागू किया जा सकता है। इससे पुलिस और वाहनधारी इन दोनों को ही सहूलियत मिलती है। कई बार दस्तावेजों की हार्ड कापी गुम हो जाती है तो दूसरा लाइसेंस या अन्य मोटर वाहन दस्तावेज बनवाने पड़ते हैं। अब ऐप्स में ये पूरी तरह से सुरक्षित भी रहेंगे और बार-बार दस्तावेजों को संभालने की जरूरत नहीं पड़ेगी। दिल्ली एनसीआर में परिवहन विभाग की ओर से जारी नोटिस के आधार पर डिजी लॉकर एवं एम परिवहन ऐप्स डिजीटल दस्तावेजों के लिए अधिकृत किए गए हैं। इसी तर्ज पर अन्य ऐप्स क्रियट किए जा सकते हैं।
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