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सड़क सुरक्षा : देश में 14 राज्यों की सड़कों पर खर्च होंगे 7270 करोड़ रुपए

Posted On : 28 September, 2021

सड़कों की मरम्मत : 14 राज्यों की सड़कें हुई चिन्हित, ट्रक ट्रांसपोर्ट होगा सुगम 

भारत की सड़कों पर दुर्घटना अनुपात शून्य करने के लिए केंद्र सरकार ने महत्वाकांक्षी योजना तैयार की है। जल्द ही सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की ओर से देश की सड़कों के दुरूस्तीकरण का काम शुरू कर दिया जाएगा। इससे सबसे ज्यादा फायदा ट्रक, ट्रेलर, मिनी ट्रक, पिकअप आदि बड़े वाहन मालिको को मिलेगा क्योंकि राजमार्गों से ये वाहन ही सबसे अधिक गुजरते हैं।  

बता दें कि मंत्रालय ने देश के 14 राज्यों की ऐसी सड़कों को चिन्हित कर लिया है जिन पर सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं होती हैं। सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़ों को कम करने और लोगों को बेहतर परिवहन मार्ग उपलब्ध कराने के लिए सरकार 7,270 करोड़ की लागत से खराब सड़कों को दुरूस्त कराएगी। यहां बता दें कि सड़कों पर खर्च की जाने वाली कुल राशि में 3,635 करोड़ रुपये सड़क एवं परिवहन मंत्रालय वहन करेगा जबकि 1,818 करोड़ रुपये की राशि एशियाई विकास बैंक से ऋण के बतौर ली जाएगी। इसके अलावा कुल लागत में से 6,725 करोड़ रुपये 14 राज्यों को उनके प्रदर्शन के आधार पर वितरित किए जाएंगे। आइए जानते हैं कौन-कौन से राज्यों की सड़कों का होगा दुरूस्तीकरण और क्या मिलेगा इसका मुख्य फायदा। 


सड़क सुरक्षा के उपाय (Road Safety Measures) : इन 14 राज्यों की सड़कों का होगा कायाकल्प 

यहां बता दें कि सड़क सुरक्षा के लिए केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय की ओर से चलाए जाने वाले सड़क सुरक्षा कार्यक्रम के तहत चिन्हित 14 राज्यों को फायदा मिलेगा। इनमें उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, कर्नाटक, राजस्थान, तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश, गुजरात, बिहार, तेलंगाना, पश्चिमी बंगाल, ओडिसा, हरियाणा और असम शामिल है। यह योजना राज्य सरकारों को सड़क दुर्घटनाएं रोकने  और मृत्यु दर में कमी लाने के मकसद से जमीनी स्तर पर सड़क सुरक्षा में सुधार लाने में सहायता करेगी। 

सड़क सुरक्षा कार्यक्रम एक आउटपुट और परिणाम संचालित योजना है। इसमें प्रदर्शन के आधार पर राज्यों को अनुदान वितरित किया जाएगा। इस प्रदर्शन का मूल्यांकन 11 अनिवार्य और तीन वैकल्पिक संकेतकों पर किया जाएगा। सरकार की नई नीति के अंतर्गत सभी राज्यों को हाइवे और शहरी सड़कों का सड़क सुरक्षा ऑडिट करना भी शामिल है। इसके अलावा वर्ष 2022-23 से परिवहन मंत्रालय चेलैंज राउंड शुरू करेगा। इसका मुख्य उद्देश्य राज्यों को सड़क सुरक्षा और गुणवत्ता के आधार पर प्रोत्साहन प्रदान करना होगा। मंत्रालय का मानना है कि इससे राज्यों के बीच सड़क सुरक्षा को लेकर प्रतिस्पर्धा की एक अच्छी शुरूआत हो सकेगी। 


दुर्घटना संभावित ब्लाक स्पॉट भी होंगे दुरूस्त 

केंद्र सरकार के सड़क सुरक्षा कार्यक्रम के तहत वर्ष 2027 तक सड़क दुर्घटनाओं में मृत्यु दर को 30 प्रतिशत तक कम करना  मुख्य उद्देश्य है। इसी के तहत सभी हाइवे और जिला स्तरीय सड़कों के दुर्घटना संभावित ब्लैक स्पॉट दुरूस्त किए जाएंगे। आपको बता दें कि भारत में वर्ष 2019 में 4.49 लाख सड़क दुर्घटनाओं में लगभग 1.51 लाख लोगों की मौत हुई। कुल मौतों में से 1.27379 मौतें 14 चिन्हित राज्यों में हुईं। पिछले साल देश भर में 1.32 लाख सड़क दुर्घटनाएं हुई। 


नेशनल हाइवेज की ऑडिट है जारी 

यदि देश के प्रमुख राजमार्गों की बात की जाए तो गत नवंबर से राष्ट्रीय राजमार्गों का ऑडिट कार्य चल रहा है। इसके अंतर्गत सड़क सुरक्षा विशेषज्ञों की टीम देश के विभिन्न राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का ऑडिट कर रही है। ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर कंपनियों को निर्माण में बदलाव करना होगा। इस पहल का मुख्य उद्देश्य हाइवे पर दुर्घटनाओं में कमी लाना है। 


वाहन निर्माताओं को सुरक्षा बढ़ाने का दिया सुझाव 

देश की सड़कों पर कम से कम दुर्घटनाएं हों, इसके लिए सरकार एक  हजारों करोड़ की लागत से सड़कों को दुरूस्त कराएगी वहीं केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की। इसमें गडकरी ने वाहन निर्माताओं से कारों की सुरक्षा को बढ़ाने के लिए उनमें 6 एयरबैग्स लगाने का सुझाव दिया। गडकरी ने समूह से कहा कि इससे सड़क हादसों में होने वाली मृत्यु दर को प्रभावी रूप से कम किया जा सकता है। यहां बता दें कि 1 अप्रैल 2021 से कार कंपनियों को सभी नई कारों में डुअल एयरबैग अनिवार्य कर दिया गया है जबकि पुरानी कारों में डुअल एयरबैग लगवाने की समय सीमा को 31 दिसंबर 2021 तक बढ़ा दिया गया है। 


सड़क सुरक्षा के नियम : ये दस यातायात नियम हैं जरूरी 

सरकार सड़क दुर्घटनाओं की दर भारत में शून्य करने की प्लानिंग के तहत कई सड़क सुधार कार्यक्रम संचालित कर रही है लेकिन सबसे ज्यादा जरूरी है यातायात नियमों का सही तरीके  से पालन करना। यहां आपको कुछ चुनिंदा ऐसे यातायात नियमों की जानकारी दी जा रही है जो दुर्घटनाओं से बचाव के लिए आवश्यक हैं। 

  • ग्रीन सिंगनल में वाहन ही रोड क्रॉस करें या फिर ट्रैफिक पुलिस का निर्देश मानें। 
  • जो लोग पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करते हैं उन्हे ध्यान रखना चाहिए कि कभी भी भाग कर बस नहीं पकड़े, इसके अलावा हैंडसैट पर तेज वॉल्यूम में गाने नहीं सुनें इससे हॉर्न नहीं सुनाई देगा। 
  • सड़क क्रॉस करते समय दोनो तरफ अच्छी तरह से देख कर ही क्रॉस करें, कीप लेफ्ट के बांई ओर वाहन चलाएं। 
  • लेन कट कर कभी क्रॉस नहीं करें। जैसे आपको बांई तरफ कट लेना है तो गाडी को दांई तरफ रख कर फिर बांई तरफ का जोखिम नहीं उठाएं। शुरू से ही बांई ओर गाडी रखें। 
  • अगर दांई ओर मुडना है तो पहले सड़क के बीच सुरक्षित तरीके से आएं, फिर दांहिनी ओर मुड़ते हैं तो टर्न लेने के बाद गाडी वापस सड़क के बांई ओर रख कर ही ड्राइव करें। 
  • यू टर्न लेते वक्त भी इंडिकेशन जरूर दें और टर्न की अनुमति नहीं है तो वहां से यू टर्न कभी नहीं लें। 
  • वाहन चलाते और सवारी के वक्त सीट बेल्ट पहनना, हेलमेट लगाना जैसे सुरक्षा उपायों को अपनाएं। 
  • ट्रक, थ्री व्हीलर, पिकअप या कोई भी वाहन चलाते है तो फोन पर बात नहीं करें। इसके चौपहिया वाहनों पर अलावा सीट बेल्ट पहनना एवं दोपहिया वाहन पर  हेलमेट लगाना नहीं भूलें।

 

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