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सौरजेश कुमार
9 नवंबर 2024

ट्रांसपोर्ट और माइनिंग के लिए एलएनजी पर दांव लगाएगी अडानी टोटल गैस

By सौरजेश कुमार News Date 09 Nov 2024

ट्रांसपोर्ट और माइनिंग के लिए एलएनजी पर दांव लगाएगी अडानी टोटल गैस

एलएनजी में विस्तार की योजना पर अडानी टोटल गैस का फोकस

प्रमुख शहरी गैस डिस्ट्रीब्यूटर कंपनी अडानी टोटल गैस लिमिटेड (ATGL) ने भारत में तरलीकृत प्राकृतिक गैस (LNG) के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ी पहल शुरू की है। सरकार की गैस नीति में ग्रीनहाउस गैस (GHG) उत्सर्जन को कम करने और स्वच्छ ऊर्जा को प्राथमिकता देने पर जोर दिया गया है। इसी के तहत, ATGL ने एलएनजी के विकास में निवेश करने का फैसला लिया है, जिससे कंपनी को देश में अधिक हरित और स्वच्छ ऊर्जा विकल्पों की दिशा में काम करने का मौका मिलेगा। एलएनजी के क्षेत्र में वृद्धि करने की यह योजना न केवल ATGL के व्यवसाय को मजबूती देगी बल्कि देश के ऊर्जा क्षेत्र में एक सकारात्मक बदलाव भी लाएगी।

लंबी दूरी के कमर्शियल वाहनों के लिए एलएनजी का मिलेगा सपोर्ट

अडानी टोटल गैस का प्राथमिक लक्ष्य है कि लंबी दूरी की यात्रा करने वाले कमर्शियल वाहनों में डीजल की जगह एलएनजी का प्रयोग किया जाए। कंपनी का मानना है कि डीजल के मुकाबले एलएनजी एक सस्ता, पर्यावरण-संवेदनशील और टिकाऊ ईंधन साबित हो सकता है, खासकर उन वाहनों के लिए जो भारी मात्रा में ऊर्जा की खपत करते हैं। इस उद्देश्य को हासिल करने के लिए ATGL ने वाहन निर्माताओं, मूल उपकरण निर्माता (OEM), परिचालकों, और रेट्रोफिटमेंट कंपनियों जैसे विभिन्न हितधारकों के साथ गठजोड़ किए हैं। कंपनी का मानना है कि इस प्रकार के सहयोग से न केवल एलएनजी को बढ़ावा मिलेगा बल्कि लंबी दूरी के वाहनों के लिए भी एक अधिक सुरक्षित और किफायती ईंधन का विकल्प उपलब्ध हो सकेगा।

अल्टरनेटिव फ्यूल को लेकर हुए महत्वपूर्ण समझौते

अडानी टोटल गैस ने ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने के अपने मिशन में अल्टरनेटिव फ्यूल के क्षेत्र में एक्सपर्ट संगठनों के साथ साझेदारियां की हैं। पिछले दो महीनों में, कंपनी ने वैकल्पिक ईंधन प्रणाली निर्माता शिगन, क्रायोजेनिक लिक्विड स्टोरेज के क्षेत्र में आईनॉक्स सीवीए और अडानी सीमेंट के साथ कई समझौता ज्ञापन (MoUs) पर हस्ताक्षर किए हैं। इन साझेदारियों का उद्देश्य एलएनजी के डिस्ट्रीब्यूशन और उपयोग के क्षेत्र में सुधार करना है ताकि अधिक से अधिक उद्योग और वाहन इस हरित ईंधन का लाभ उठा सकें। आने वाले महीनों में, ATGL ऐसी और भी साझेदारियां करेगी, जिनसे वैकल्पिक ईंधन क्षेत्र में वृद्धि हो सकेगी। इन समझौतों के माध्यम से ATGL एलएनजी के इंफ्रास्ट्रक्चर को और मजबूत बनाना चाहती है ताकि यह अधिक लोगों और कंपनियों के लिए आसानी से सुलभ हो सके।

हरित ऊर्जा की ओर ATGL का दृढ़ संकल्प

अडानी टोटल गैस का यह मानना है कि भारत में हरित ऊर्जा को तेजी से अपनाने की आवश्यकता है और इसके लिए एलएनजी एक महत्वपूर्ण माध्यम बन सकता है। सभी हितधारकों के साथ मिलकर कंपनी यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही है कि दीर्घकालिक लाभ को ध्यान में रखते हुए एलएनजी को एक मुख्य ऊर्जा स्रोत के रूप में स्थापित किया जा सके। इसके जरिए कंपनी देश के हरित ऊर्जा मिशन को समर्थन देने के साथ-साथ अपने व्यापारिक लक्ष्यों को भी पूरा करना चाहती है। ATGL की योजना न केवल ऊर्जा क्षेत्र में सुधार करने की है, बल्कि पर्यावरणीय लाभ भी प्रदान करने की है, जिससे देश की कार्बन फुटप्रिंट में भी कमी आएगी।

एलएनजी आउटलेट्स बढ़ाने में ओएमसी का सहयोग आवश्यक

मंगलानी ने इस बात पर जोर दिया कि एलएनजी के उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए पेट्रोलियम विपणन कंपनियों (OMCs) का सहयोग बेहद महत्वपूर्ण है। वर्तमान में एलएनजी आउटलेट्स की कमी होने के कारण वाहनों के परिचालक एलएनजी पर निर्भरता को लेकर आशंकित हैं। मंगलानी ने कहा कि पेट्रोलियम विपणन कंपनियों द्वारा एलएनजी आउटलेट्स की संख्या में वृद्धि करने से इस ईंधन को देशभर में एक व्यापक और सुलभ विकल्प के रूप में स्थापित किया जा सकता है। यदि अधिक संख्या में एलएनजी आउटलेट्स उपलब्ध होते हैं, तो कंपनियां और वाहन परिचालक एलएनजी के उपयोग में अधिक विश्वास दिखाएंगे, जो अंततः देश के परिवहन और उद्योगों में कार्बन उत्सर्जन को कम करने में मदद करेगा।

डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क की कमी बनी चुनौती

हालांकि एलएनजी को बढ़ावा देने के लिए ATGL की योजनाएं मजबूत हैं, लेकिन इसकी सबसे बड़ी चुनौती डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क की कमी है। एटीजीएल के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) सुरेश पी मंगलानी ने बताया कि देश में फिलहाल केवल कुछ ही एलएनजी डिस्ट्रीब्यूशन स्टेशन उपलब्ध हैं, जो एलएनजी को कमर्शियल स्तर पर अपनाने में बाधा पैदा कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि जब तक पूरे देश में एक मजबूत एलएनजी डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क तैयार नहीं होता, तब तक परिचालक भी इस ईंधन को बड़े पैमाने पर अपनाने में संकोच करेंगे। मंगलानी का मानना है कि एलएनजी को एक प्रमुख ईंधन के रूप में स्थापित करने के लिए सरकार, ओएमसी, और निजी कंपनियों को मिलकर काम करना होगा।

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