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अशोक लेलैंड विकसित करेगी 600 हार्स पावर का इंजन

Posted On : 17 December, 2021

CVRDE  के साथ स्वदेशी युद्ध इंजन बनाने का किया करार 

भारत की प्रमुख वाणिज्यिक वाहन कंपनी अशोक लेलैंड ने CVRDE कंपनी के साथ मिल कर भविष्य में निर्मित होने वाले युद्धक व्हीकल्स के लिए 600 हॉर्स पावर के स्वदेशी इंजन को विकसित करने और इसका उत्पादन करने का निर्णय लिया है। इसके लिए अशोक लेलैंड ने CVRDE के साथ महत्वपूर्ण करार किया है। बता दें कि भारतीय सेना को मोबिलिटी साल्यूशंस उपलब्ध कराने के लिए अशोक लेलैंड डीआरडीओ से संबंधित कॉम्बैक्ट व्हीकल्स रिसर्च एंड डेवलपमेंट स्टेबलिसमेंट के साथ स्वदेशी इंजन को विकसित करेगी। आइए, जानते हैं अशोक लेलैंड का यह करार क्या है और किस तरह से यह कंपनी डिफेंस के लिए काम करेगी? 

अशोक लेलैंड विगत 5 दशक से कर रही डिफेंस कारोबार 

यहां आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अशोक लेलैंड विगत पांच दशक से सेना के लिए वाहन उत्पादन का कार्य कर रही है। अब कंपनी ने स्वेदशी इंजन को विकसित कर इनका उत्पादन करने का फैसला लिया है। कंपनी ने नये करार के बारे में जारी एक बयान में कहा है कि CVRDE  के साथ ईंधनों के विकास के लिए किया गया यह करार देश की सुरक्षा जरूरतों को पूरा करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। वहीं एक डेवलपमेंट कम प्रोडक्शन के रूप में अशोक लेलैंड कोविड 19 की वजह से लागू टोटल लॉकडाउन के बावजूद आधुनिक तरीकों और तकनीकों से रिकार्ड समय में इंजनों के उत्पादन का काम पूरा किया है। अशोक लेलैंड ने कहा है कि उसका डिफेंस बिजनेस सिर्फ कंपनी के कारोबार की वृद्धि के लिए नहीं है बल्कि यह कंपनी के लिए गर्व का विषय है। पिछले करीब 5 दशकों से अधिक समय से यह कंपनी सेना के लिए कामकर आत्मनिर्भर भारत का उदाहरण पेश कर चुकी है। 

इंजन की पहले होगी लैब में टेस्टिंग

बता दें कि अशोक लेलैंड कंपनी ने जिस उद्देश्य से युद्धक वाहनों के इंजन विकसित करने के लिए CVRDE के साथ यह करार किया है उससे सुरक्षा जरूरतों को पूरा करने की दिशा में बहुत योगदान मिलेगा। 600 हॉर्स पावर इंजन  की लैब में पहले टेस्टिंग की जाएगी। अगर यह इंजन टेस्टिंग में सही पाया जाता है तो इसको टैंकों में फिट किया जाएगा। 

जानिए, अशोक लेलैंड कंपनी के बारे में 

भारत की जानी-मानी ऑटोमोबाइल उत्पादक कंपनी अशोक लेलैंड देश की दूसरी सबसे बड़ी कमर्शियल व्हीकल्स बनाने वाली कंपनी है। इसका मुख्यालय चेन्नई में है। इसकी स्थापना रघुनंदन सरन द्वारा की गई थी। ट्रकों के निर्माण में दुनिया की शीर्ष 16 कंपनियों में अशोक लेलैंड का नाम शामिल है। वहीं यह कंपनी भारतीय सेना के लिए युद्धक वाहन बनाने में महत्वपूर्ण योगदान करती है। अशोक लेलैंड कई प्रकार के वाणिज्यिक वाहनों का उत्पादन करती है। यह हिन्दुजा समूह की एक कंपनी है जो 1948 से ग्राहकों के लिए गुणवत्तापूर्ण वाहनों की आपूर्ति करती आ रही है। इसके वाहन किफायती और उच्च गुणवत्तापूर्ण होते हैं। जनवरी 2014 में कंपनी ने पहले मॉडल कप्तान 2523 टिपर को खनन क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन और उच्च उत्पादकता मानक प्रदान करने के लिए डिजायन एवं लांच किया था। 

अशोक लेलैंड के वाहनों की मुख्य विशेषताएं 

अशोक लेलैंड कंपनी अपने वाहनों की विशेषताओं के कारण देश -दुनिया में जानी जाती है। इसके द्वारा निर्मित सभी श्रेणी के वाहनों की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं-: 

  •  अशोक लेलैंड के ट्रक कम रखरखाव वाले होते हैं। 
  •  इस कंपनी के वाहनों की ग्राहकों के बीच विश्वसीनयता इसलिए है क्योंकि ये ज्यादा टिकाऊ होते हैं। 
  •  अशोक लेलैंड ट्रकों का विनिर्माण मानकों का समान रूप से अनुसरण करता है। 
  •  अशोक लेलैंड ट्रक डिजायन हमेशा ग्राहकों की आवश्यकताओं को ध्यान में रख कर बनाए जाते हैं। 

2008 से भारतीय सेना को अशोक लेलैंड की सेवा है जारी 

अशोक लेलैंड की रक्षा सेवा की बात की जाए तो बता दें कि वर्ष 2008 से यह कंपनी भारतीय सेना के लिए काम कर रही है। यह कंपनी भारतीय सशस्त्र बलों के लिए वाहनों के डिजायन, इनके विकास और निर्माण में भागीदार रही है। वर्तमान में अशोक लेलैंड का दुनिया के सबसे बड़े मध्यम शुल्क रक्षा वाहनों के उत्पादकों में प्रमुख स्थान है। यही नहीं अशोक लेलैंड विशेष एप्लिकेशन लॉजिस्टिक एवं तकनीकी वाहनों तक जमीनी समर्थन की अनेक भूमिकाओं में  सेना की सेवा कर रहा है। कंपनी ने लाइट स्पेशलिटी व्हीकल्स, माइन प्रोटेक्टेड व्हीकल्स, जनरल सर्विसेज रोल, लाइट रिकवरी व्हीकल और 1.5 से 16 टन तक के सैन्य पेलोड के साथ कई लॉजिस्टिक वाहनों को विकसित कर भारतीय सेना के आधुनिकीकरण में योगदान दिया है। 

जबलपुर में भारतीय सेना के लिए अलग से प्लांट 

बता दें अशोक लेलैंड का भारतीय सेना के लिए वाहन तैयार करने के लिए जबलपुर में बड़ा कारखाना है। यह प्लांट स्टालियन कई प्रकार के सैन्य और सामरिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए रक्षा वाहन तैयार करता है। भारतीय सेना द्वारा उपयोग किए जाने वाले 60,000 से अधिक स्टालियन के साथ भारतीय सशस्त्र बलों की लॉजिस्टिक रीढ़ बनाता है जो सभी वाहन जबलपुर स्थित फैक्ट्री में निर्मित होते हैं। 

वायुसेना को हल्के बुलेटप्रूफ वाहन कराए उपलब्ध 

बता दें कि इसी वर्ष अप्रैल माह में भारतीय वायुसेना को अशोक लेलैंड कंपनी ने हल्के बुलेटप्रूफ वाहनों की एक खेप डिलीवर की। कंपनी के अनुसार वायुसेना को डिलीवर किए गए सभी वाहनों को विशेष रूप से सेना के उपयोग को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। ये वाहन पूरी तरह से स्वदेशी हैं। कंपनी का कहना है कि सेना के लिए काम करना गर्व की बात है। 
 

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