BH-Series : ट्रक ड्राइवरों को मिलेगी रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC) ट्रांसफर से निजात
केंद्रीय परिवहन मंत्रालय ने मौजूदा मोटर व्हीकल एक्ट में बदलाव करते हुए हाल ही एक सूचना जारी की है। इसके मुताबिक अब सभी प्रकार के वाहनों का बीएच श्रेणी में रजिस्ट्रेशन करवाया जा सकता है। मंत्रालय ने कहा है कि बीएच यानि भारत सीरीज श्रेणी के वाहनों का पंद्रह सितंबर से देश भर में पंजीयन शुरू कर दिया जाएगा। जो वाहन मालिक बीएच सीरीज में रजिस्ट्रेशन चाहते हैं वे नये वाहन पर भी बीएच रजिस्ट्रेशन ले सकते हैं। बीएच सीरीज वाहनों के पंजीयन के तहत ट्रक्र, पिकअप, कार, बस, थ्री व्हीलर, लोडिंग वाहन एवं अन्य सभी प्रकार के निजी और सरकारी वाहनों के लिए बीएच सीरीज के अंतर्गत पंजीयन की सुविधा लागू होगी। केंद्रीय परिवहन मंत्रालय ने अभी इस नियम को हार्ड-एंड फास्ट नहीं बनाते हुए वाहन मालिकों को विकल्प दिया है कि वे चाहे तो अपनी गाडी का पंजीकरण बीएच सीरीज में करवा सकते हैं। नया वाहन खरीदने पर भी बीएच सीरीज में पंजीयन की बाध्यता नहीं है लेकिन आपको यहां बता दें कि सरकार की यह नई व्यवस्था वाहन मालिकों के लिए खासी लाभदायक साबित हो सकती है।
बीएच सीरीज (BH-Series ) में रजिस्ट्रेशन से यह मिलेगी सहूलियत
वाहनों का बीएच सीरीज पंजीयन कराने पर सबसे ज्यादा फायदा ट्रक मालिकों और ड्राइवरों को मिलेगा। अब केंद्रीय परिवहन मंत्रालय की ओर से जारी सूचना के अनुसार यदि ट्रक मालिक अपने वाहन का बीएच सीरीज में रजिस्ट्रेशन करा लेंगे तो उन्हे एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने पर रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC) ट्रांसफर करवाने की समस्या से निजात मिल जाएगी। इसकी मुख्य वजह यह है कि ट्रकों को एक राज्य से दूसरे राज्यों में जाना पड़ता है। ऐसे में उन्हे मौजूदा नियमों के तहत बार-बार रजिस्ट्रेशन ट्रांसफर करने की जरूरत होती है। इसके अलावा केंद्र एवं राज्य सरकारों के ऐसे कर्मचारी जिन्हे एक राज्य से दूसरे राज्य में जाना अनिवार्य होता है जैसे रक्षा विभाग, ऐसे प्रावइेट संस्थान जिनके दफ्तर एक से अधिक राज्यों में हैं। उनके कर्मचारी भी अपने वाहनों का बीएच श्रेणी में पंजीयन करवा सकते हैं।
जानें, BH सीरीज के लिए कौन कर सकता है आवेदन?
देश में बीएच सीरीज के लिए वे कर्मचारी आवेदन कर सकते हैं जिनके ऑफिस चार या ज्यादा राज्यों में है। नई BH सीरीज के लिए प्राइवेट और सरकारी दोनों ही सस्थानों के कर्मचारी आवेदन कर सकते हैं। इनमें रक्षा कर्मियों के वाहन, केंद्र और राज्य सरकारों के कर्मचारियों के वाहन, सार्वजनिक उपक्रमों के वाहन, निजी क्षेत्र की कंपनियों के वाहन और संगठनों के स्वामित्व वाले निजी वाहन शामिल हैं।
क्या है बीएच सीरीज की स्टेप बाय स्टेप प्रक्रिया
यहां आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बीएच सीरीज में रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया स्टेप बाय स्टेप चलती है। बीएच सीरीज में रजिस्ट्रेशन कराने से पहले इस प्रक्रिया को समझ लेना बहुत जरूरी है।
आवेदन की यह प्रकिया इस प्रकार है-
पहला चरण- बीएच सीरीज के नंबर के लिए सबसे पहले आपको अपने गृह राज्य से एनओसी लेनी होगी जहां आपके वाहन का पहले से रजिस्ट्रेशन है। इसके बाद ही आप दूसरे राज्य के बीएच रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन कर सकते हैं। बीएच रजिस्ट्रेशन का फार्मेट YY बीएच 5529 xxyy के अनुसार रखा गया है। इसमें क्रमानुसार पहले रजिस्ट्रेशन का साल भारत सीरीज कोड 000 से 9999 तक संख्या और अंत में AA से ZZ तक के अल्फाबेट्स हो सकते हैं।
दूसरा चरण- बीएच सीरीज के अंतर्गत पंजीयन के लिए मोटर व्हीकल टैक्स दो साल अथवा 4, 6 और 8 साल के हिसाब से लगाया जाएगा। बीएच सीरीज रजिस्ट्रेशन वाले वाहनों को दूसरे राज्य में जाने के बाद नया रजिस्ट्रेशन नंबर लेने की जरूरत नहीं होगी। यह योजना नए राज्य में स्थानांतरित होने पर निजी वाहनों की मुफ्त आवाजाही की सुविधा प्रदान करेगी। 14 वें वर्ष में वार्षिक टैक्स लगाया जाएगा।
यह है रजिस्ट्रेशन की मौजूदा व्यवस्था
केंद्रीय परिवहन मंत्रालय ने जो सूचना जारी की है उसके मुताबिक बीएच सीरीज में रजिस्ट्रेशन कराने की अनुमति प्रदान की गई और साथ ही वाहन मालिकों को विकल्प भी दिया है। इधर मौजूदा मोटर व्हीकल एक्ट के तहत रजिस्ट्रेशन की बात करें तो वर्तमान में वाहन अधिनियम 1988 के अंतर्गत दूसरे राज्य में वाहन के इस्तेमाल के लिए 12 महीनों के भीतर ही पंजीयन करना पड़ता है। ऐसे लोगों को सबसे पहले जहां गाडी पंजीकृत है, वहां से अनापत्ति प्रमाण पत्र एनओसी लेनी पड़ती है। इसके बाद ही नए राज्य में टैक्स चुकाना होता है। इसके बाद जहां ट्रक या अन्य संबंधित वाहन का रजिस्ट्रेशन हुआ था वहां रोड टैक्स रिफंउ के लिए आवेदन देना होता है। राज्य बदलने पर यह प्रकिया दोबार दोहरानी पड़ती है।
वर्तमान व्यवस्था में हैं कई खामियां
अगर आप बीएच सीरीज में अपने वाहन का रजिस्ट्रेशन नहीं कराते हैं तो पुराने सिस्टम के अनुसार कई परेशानियों का सामना भी करना पड़ सकता है। इसका कारण यह है कि रजिस्ट्रेशन ट्रांसफर कराने की वर्तमान प्रकिया काफी लंबी है। यदि आप बिना रजिस्ट्रेशन के दूसरे राज्य में गाडी चला रहे हैं तो पुलिस आपकी गाडी का चालान भी काट सकती है।
बीएच सीरीज रजिस्ट्रेशन की नहीं है बाध्यता
बता दें कि केंद्रीय परिवहन मंत्रालय ने बीएच सीरीज रजिस्ट्रेशन की सूचना जारी अवश्य की है लेकिन अभी वाहन संचालकों के लिए इसके आधार पर बीएच सीरीज में रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य नहीं किया गया है। यह स्वैच्छिक रखा गया है। सूचना में बताया गया है कि यह वाहन मालिक या चालक पर निर्भर होगा कि वे अपने वाहन के लिए बीएच रजिस्ट्रेशन लेना चाहते हैं या नहीं। हां, यदि आप नौकरी पेशा हैं या ऐसे व्यापार से जुड़े हैं जहां आपको एक राज्य से दूसरे राज्य में आना-जाना पड़ता हो तो बेशक ऐसे वाहन मालिकों के लिए बीएच सीरीज लेना फायदेमंद रहेगा। इससे बार-बार पंजीकरण करवाने और रजिस्ट्रेशन ट्रांसफर करने की झंझट से मुक्ति मिलेगी।
कैसे होगी बीएच सीरीज की पहचान
आप अपने वाहन का बीएच सीरीज के अंतर्गत रजिस्ट्रेशन करवाना चाहते हैं। इससे पहले यह जानना भी जरूरी होगा कि आखिर बीएच-सीरीज की क्या पहचान है। आपको बता दें कि राज्यों के कोड नेम के आधार पर वाहनों की नंबर प्लेट होती है। अब भारत सीरीज के साथ ऐसा नहीं होगा। बीएच सीरीज में नंबर प्लेट की शुरूआत रजिस्ट्रेशन वर्ष से शुरू होगी। जैसा कि आपने यदि इसी साल रजिस्ट्रेशन करवाया है तो नंबर प्लेट की शुरूआत 21 अंक के साथ होगी। उसके बाद बीएच लिखा जाएगा। इसके बाद अगले क्रम में नंबर और अंत में दोबारा लेटर। इसे आप इस तरह से समझ सकते हैं जैसे 21 बीएच.. यहां वाहन नंबर अंकित होगा। इसके बाद दोबारा लेटर यानि यूयू या जैसे भी हो। नंबर प्लेट काले और सफेद कलर की होगी। सफेद बैक ग्राउंड पर काले रंग से नंबर लिखे जाएंगे।
नहीं काटने होंगे आरटीओ के चक्कर
बीएच सीरीज की गाडी यदि आपके पास है तो अलग-अलग राज्यों में जाने पर आपको दोबारा रजिस्ट्रेशन कराने की जरूरत नहीं होगी। आपको आरटीओ के चक्कर काटने की आवश्यकता नहीं है। आप बिना किसी टेंशन के अपना वाहन रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन ट्रांसफर करवा सकते हैं। इसके विपरीत बीएच सीरीज रजिस्ट्रेशन नहीं होने वाहन संचालक को एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने पर दोबारा रजिस्ट्रेशन करवाना पड़ता है। आरटीओ भी जाना पड़ेगा। वहीं मौजूदा प्रकिया ही अपनानी होगी। अब आप खुद ही सोच सकते हैं कि बीएच सीरीज नंबर लेना कितना फायदेमंद है।
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