Posted On : 13 September, 2021
इलेक्ट्रिक वाहनों के बढते संचालन के बाद चार्जिंग स्टेशन तैयार करना भी सरकार की जिम्मेदारी बनती है। दिल्ली सहित कई राज्यों की सरकारों द्वारा ई व्हीकल्स के निर्माण और इनके संचालन को लगातार प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसी के तहत दिल्ली सरकार तेजी से काम कर रही है। यहां ट्रक जंक्शन पर बता दें कि अब इलेक्ट्रिक वाहनों में सिर्फ 2 Wheeler या 3 Wheeler वाहन ही नहीं बल्कि सभी प्रकार के 4 Wheeler वाहन और ट्रकों के अलग-अलग मॉडल भी इलेक्ट्रिक वेरिएंट में आ रहे हैं। दिल्ली में इलेक्ट्रिक वाहनों का तेजी से संचालन हो रहा है। यहां अरविंद केजरीवाल सरकार ने अब तक करीब 70 चार्जिंग स्टेशन तैयार करवा दिए हैं। सरकार ने कुछ माह पहले 100 चार्जिंग स्टेशन बनाने की घोषणा की थी। इलेक्ट्रिक वाहन ( electric vehicles ) चालकों के लिए सरकार ने बड़ी राहत प्रदान करते हुए अधिकांश चार्जिंग स्टेशन बस डिपो और मेट्रो स्टेशन परिसर में बनाने का निर्णय लिया है। इससे ईवी चालकों को बैटरी चार्ज करने में सहूलियत होगी।
यहां बता दें कि दिल्ली की आम आदमी सरकार जिस तरह से इलेक्ट्रिक वाहनों के संचालन को लगातार बढ़ावा दे रही है उससे दिल्ली में सभी श्रेणी के इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या में भी इजाफा होता जा रहा है। सरकार का लक्ष्य है कि आगामी 2025 तक दिल्ली में 5 लाख इलेक्ट्रिक वाहनों का संचालन किया जाएगा। इसके लिए सरकार की ओर से कई प्रकार के कदम उठाए जा रहे हैं। इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद में सब्सिडी के अलावा रोड टैक्स में छूट दी जा रही है। इसके परिणाम भी सामने आ रहे हैं।
पिछले कई माह से सीएनजी से ज्यादा दिल्ली में इलेक्ट्रिक वाहनों का पंजीकरण हो रहा है। दिल्ली में प्रदूषण को कम करने के लिए ईवी का ज्यादा से ज्यादा चलन जरूरी हो गया है। इलेक्ट्रिक वाहनों के अधिक संचालन के कारण इनके लिए चार्जिंग स्टेशनों का निर्माण कार्य सरकार के सामने बड़ी चुनौती है। दिल्ली सरकार इस दिशा में तेजी से काम कर रही है। फिलहाल पर्याप्त चार्जिंग स्टेशन नहीं होने से कुछ परेशानी आ रही है। आने वाले दिनों में इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या बढ़ेगी। ऐसे में चार्जिंग स्टेशनों की ज्यादा जरूरत पड़ेगी।
दिल्ली के अलावा महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, उत्तराखंड सहित कई राज्यों में भी इलेक्ट्रिक वाहनों के संचालन को सरकारों की ओर से बढ़ावा मिल रहा है। असम की बात की जाए तो इलेक्ट्रिक व्हीकल नीति की घोषणा करने वाला असम भारत का एक और राज्य बन गया है। असम सरकार ने घोषणा की है कि अगले पांच वर्षों में यानि 2026 तक असम की सडक़ों पर कम से कम 2 लाख इलेक्ट्रिक वाहन दौड़ेंगे। सरकार की नई नीति में इलेक्ट्रिक वाहनों के पंजीकरण का 25 प्रतिशत का लक्ष्य रखा गया है। बता दें कि असम सरकार पहले चरण में करीब 200 इलेक्ट्रिक बसें और 100 सीएनजी बसें खरीदेगी। वहीं इलेक्ट्रिक वाहनों खरीदने के लिए सरकार की ओर से खरीदारों को पंजीकरण शुल्क में छूट के अलावा रोड टैक्स और पार्किंग शुल्क में भी रियायत दी जाएगी। वहीं बता दें कि असम सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग स्टेशन खोलने के लिए उद्यमियों को पहले पांच वर्षों में बिजली बिलों में 90 प्रतिशत की छूट देगी।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि दिल्ली की तरह हरियाणा में भी सरकार की ओर से इलेक्ट्रिक वाहनों के संचालन को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। राज्य सरकार हरियाणा में करीब 500 स्थानों पर ई चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने की तैयारी कर रही है। प्रत्येक तीन किलोमीटर के क्षेत्र में ई-चार्जिंग स्टेशन होगा। a
हरियाणा सरकार ने तो यह भी घोषणा कर डाली है कि अभी तक पेट्रील और डीजल से चलने वाली गाडियां सरकारी ट्यूर पर जाने के लिए हायर की जाती रही हैं लेकिन अब इन गाडियों को हायर नहीं किया जाएगा। अब इलेक्ट्रिक गाडियों को ही सरकारी ट्यूर के लिए किराए पर ले जाया जाएगा। इससे ई वाहनों को और ज्यादा बढ़ावा मिलेगा। इसके साथ ही पर्यावण संरक्षण की दिशा में अधिक तेजी से काम होगा।
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