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ऑटोमोबाइल सेक्टर : इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्यात में भारत बनेगा नंबर वन

Posted On : 15 November, 2021

केंद्रीय सडक़ परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री गडकरी ने कहा 

वर्तमान में भारत का ऑटोमोबाइल उद्योग तेजी से ग्रोथ कर रहा है। वहीं इलेक्ट्रिक वाहनों का भविष्य भी बहुत उज्ज्वल है। बता दें कि इलेक्ट्रिक वाहनों का उत्पादन और इनकी डिमांड जिस तेजी के साथ बढ़ रही है उससे ना सिर्फ वाहन निर्माता कंपनियों में उत्साह का माहौल है बल्कि भारत सरकार भी इस प्रगति को लेकर उम्मीद जता रही है कि अगले 5 सालों में भारत ईवी निर्यात में विश्व में नंबर 1 बन सकता है। हाल ही केंद्रीय सडक़ परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि वर्तमान में देश में ऑटोमोबाइल उद्योग का टर्न ओवर 7.5 करोड़ रुपये है और आगामी 5 वर्ष में इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्यात में दुनिया में भारत सबसे आगे होगा।  आइए, जानते हैं कि कैसे बनेगा इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्यात में भारत नंबर वन। 

आयात कम करना और निर्यात बढ़ाने का प्रयास जारी 

भारत में ऑटोमोबाइल उद्योग के अंतर्गत इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण और इनके संचालन के लिए केंद्र एवं राज्य सरकारें भरसक प्रयास कर रही हैं। इसी का नतीजा है कि वर्तमान में इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग तेजी के साथ बढ़ रही है। इसे पूरा करने के लिए ईवी विनिर्माता कंपनियों को सरकार की ओर से पूरा प्रोत्साहन मिल रहा है। केंद्रीय सडक़ परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने संभावना व्यक्त की है कि पांच साल के भीतर हमारा यह उद्योग 15 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा हो जाएगा। यह उद्योग राज्य और केंद्र सरकारों को सबसे ज्यादा रोजगार, निर्यात और राजस्व प्रदान कर रहा है। उन्होंने यह सारी बातें अनंतकुमार स्मृति व्याख्यान के पहले संस्करण में उपस्थित उद्योगपतियों और अन्य गणमान्य लोगों के समक्ष कही। गडकरी का कहना था कि उनकी दृष्टि और प्रतिबद्धता पांच वर्षों में इलेक्ट्रिक कार, स्कूटर, बस और ऑटो रिक्शा एवं ट्रकों के निर्यात के लिए भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग को दुनिया में नंबर वन बनाना है। हमारा उद्देश्य निर्यात बढ़ाना, आयात कम करना है और साथ ही हम पारिस्थितिकी एवं पर्यावरण को लेकर सतर्क हैं।  

ईंधन विकल्पों की कई योजनाओं की दी जानकारी 

सडक़ परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्यात बढ़ाने के लक्ष्य के अलावा ईंधन के अन्य उन विकल्पों की भी चर्चा की जो पर्यावरण संरक्षण में योगदान देते हैं। इनमें अपशिष्ट जल इथेनॉल, फ्लैक्स इंजन से एलएनजी ग्रीन हाईड्रोजन को बढ़ावा देने की सरकार की योजनाओं के बारे में जानकारी दी गई। उनका कहना था कि भारतीय समाज के तीन महत्वपूर्ण स्तंभ हैं अर्थव्यवस्था, नैतिकता और पारिस्थितिकी एवं पर्यावरण हैं। गडकरी ने बंगलुरू में स्टार्टअप, व्यवसायों और अनुसंधान प्रतिष्ठिानों द्वारा किए गए कार्यों की सराहना की। उनका यह भी कहना था कि परिवहन क्षेत्र में पहली प्राथमिकता जलमार्ग, दूसरी रेलवे और तीसरी सडक़ रहेगी। विमानन सेवा चौथी प्राथमिकता होगी। मौजूदा समय में 90 प्रतिशत यातायात सडक़ आधारित है। 

हाइवे सडक़ निर्माण में भारत है सबसे आगे 

केंद्रीय सडक़ परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि जब उन्होंने अपना मंत्री पद का कार्यभार संभाला था तब देश में राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण की गति 2 किलोमीटर प्रतिदिन थी और अब यह 38 किमी प्रतिदिन हो गई है। उन्होंने यह कहा है कि हाइवे रोड के काम को रिकार्ड समय में पूरा करने में भारत अग्रणी देश बन गया है। आगामी तीन साल में भारतीय सडक़ों को यूएस-मानक के अनुरूप बनाना है। चेन्नई से बंगलुरू तक ग्रीन एक्सप्रैस हाइवे बनाया जा रहा है। इसके अलावा कर्नाटक के लिए बहुत सारी परियोजनाओं का आश्वासन देते हुए अपनी अगली यात्रा के दौरान गडकरी ने कहा कि वे बंगलुरू रिंग रोड पर भी काम कर रहे हैं और यह काम जल्द ही शुरू किया जाएगा। 


भारत की राज्य स्तरीय ईवी नीतियां 

भारत ने राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय इलेक्ट्रिक वाहन नीतियां बनाई हैं। ये नीतियां राष्ट्रीय एवं शहर स्तर की नीतियों की पूरक हैं। इनका मुख्य उद्देश्य भारत के आंंतरिक दहन इंजन वाहनों से इलेक्ट्रिक वाहनों में संक्रमण को बढ़ावा देना है। इन ईवी नीतियों के अनुसार राज्योंं में अलग-अलग सब्सिडी भी दी जा रही है। कुल मिला कर इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने वाली नीतियों के पीछे बेहतर पर्यावरण का निर्माण करना है। इनमें शुद्ध वायु, जलवायु परिवर्तन शमन, तेल आयात पर कम निर्भरता एवं भारत के इलेक्ट्रिक वाहनों के उद्योगों का विकास शामिल है। 

इन राज्यों में अपनाई गई है इलेक्ट्रिक वाहन नीति

भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री और उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए अलग-अलग राज्यों की सरकारों ने ईवी पॉलिसी तय की हैं। इस नीति में केंद्र सरकार की ईवी पॉलिसी को भी लागू करना  शामिल रहेगा। यहां बता दें कि अभी तक जो राज्य ईवी पॉलिसी लागू कर चुके हैं उनमें आंध्रप्रदेश, असम, बिहार, गोवा, गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, केरल, मध्यप्रदेश, महाराष्ट, मेघालय, उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश, ओडिशा, पंजाब, तमिलनाडु आदि हैं। 

 

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