Posted On : 11 August, 2021
कोविड-19 के प्रभाव देश की ऑटो मोबाइल इंडस्ट्री भी प्रभावित हुई है। ऑटो मोबाइल इंडस्ट्री में शामिल ट्रक कंपनियां, ट्रैक्टर कंपनिया, ट्रांसपोर्ट कंपनियों का व्यापार खासा प्रभावित हुआ है। ट्रक इंडस्ट्री से जुड़े लोगों ने करीब डेढ़ साल तक कोविड-19 के कारण बिगड़ी अर्थव्यवस्था का सामना किया। हालांकि सरकार की ओर से ऑटो मोबाइल इंडस्ट्री को उबारने के लिए कई घोषणाएं की गई थी। जिसका लाभ ट्रक इंडस्ट्री को मिला। ट्रक जंक्शन की इस पोस्ट में आपको मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना (Mukhyamantri Kanya Sumangala Yojana) के बारे में जानकारी दी जा रही है। इस योजना के तहत ट्रक इंडस्ट्री, टांसपोर्ट इंडस्ट्री से जुड़े परिवारों की बेटियों को 15 हजार रुपए की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाती है ताकि उनकी पढ़ाई में किसी तरह की बाधा उत्पन्न नहीं हो।
देश की ट्रक इंडस्टी से लाखों ऐसे परिवार जुड़े हुए हैं जिनकी सालाना आय 3 लाख रुपए से कम है। इनमें ट्रक चालक, पिकअप चालक, इलेक्ट्रिक ट्रक चालक, खलासी, छोटे टांसपोर्ट कारोबारी, ट्रक मिस्त्री, ट्रक मजदूर आदि शामिल है। उत्तर प्रदेश में आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की बेटियों की शिक्षा और उनके उज्जवल भविष्य के लिए मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना संचालित है। योगी सरकार की इस योजना में बेटियों की शिक्षा और स्वास्थ्य दोनों का लाभ रखा जाता है। योजना के तहत बेटी के जन्म से लेकर उसके ग्रेजुएट होने तक 15 हजार रुपए मिलेंगे। इन उत्तरप्रदेश में ग्राम पंचायत स्तर से लाभार्थियों की चयन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। विभाग की ओर से लक्ष्य भी जारी किए गए हैं।
इस योजना के तहत प्रदेश के आर्थिक रूप से कमजोर परिवार की बेटियों को मदद की जाती है। बेटियों की शिक्षा और स्वास्थ्य दोनों का ख्याल रखा जाता है। योजना बेटियों की शिक्षा पर जोर देती है। योजना के लाभार्थियों के अकाउंट में रुपया डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर होता है। योजना का लाभ उन परिवारों को मिलेगा जिनकी सालाना आय सिर्फ 3 लाख रुपए या उससे कम है। योजना के तहत एक परिवार की दो बेटियों को इस स्कीम का लाभ मिलता है। अगर किसी महिला को जुड़वां बच्चियां होती हैं और इसके बाद तीसरी संतान भी बेटी होती है, तो तीसरी बेटी को भी इस योजना का लाभ मिलेगा। योजना के तहत जब तक बेटी वयस्क नहीं हो जाती तब तक सहायता की राशि मां के अकाउंट में ट्रांसफर की जाएगी। माता के निधन होने पर राशि को पिता के अकाउंट में ट्रांसफर किया जाएगा। यदि माता-पिता दोनों की मौत हो जाती है तो बेटी के अकाउंट में डायरेक्ट राशि ट्रांसफर की जाएगी।
योजना का लाभ लेने के लिए लाभार्थी परिवार का मूलरूप से उत्तर प्रदेश का निवासी होना चाहिए, साथ ही स्थाई निवास प्रमाण पत्र भी होना चाहिए। स्थाई निवास प्रमाण पत्र में राशन कार्ड, आधर कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, बिजली, टेलीफोन व पानी का बिल आदि शामिल है।
ट्रक जंक्शन की इस पोस्ट में अब आपको बताएंगे कि कन्या सुमंगला योजना का पैसा कब तक आएगा। योजना के तहत लाभार्थी परिवार को 6 चरणों में सरकार से 15 हजार रुपए की आर्थिक सहायता मिलती है।
मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना में रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन और ऑफ लाइन दोनों तरीकों से किया जा सकता है। योजना में आवेदन वेबसाइट https://mksy.up.gov.in/women_welfare/index.php पर ऑनलाइन किया जा सकता है। इसके अलावा जो लोग ऑनलाइन आवेदन के लिए जनसुविधा केंद्र/सीएससी सेंटर नहीं जा सकते हैं वो फॉर्म भरकर खंड विकास अधिकारी, एसडीएम, जिला परिवीक्षा अधिकारी, उपमुख्य परिवीक्षा अधिकारी कार्यालय में जमा कर सकते हैं।
आपको बता दें कि केंद्र की मोदी सरकार ने भी साल 2015 से बालिकाओं के लिए सुकन्या समृद्धि योजना संचालित कर रखी है। इस योजना में किसी बेटी के जन्म लेने के बाद और 10 साल की उम्र से पहले कम से कम 250 रुपए जमाकर बैंक में खाता खोजा जा सकता है। योजना में एक साल में अधिकतम 1.5 लाख रुपए जमा कराए जा सकते हैं। सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana) का खाता खोलने के बाद इसे बेटी के 18 या 21 साल के होने तक चलाया जा सकता है। खाता खोलने के बाद 14 साल तक राशि जमा करानी होती है। सुकन्या समृद्धि योजना का खाता किसी भी बैंक या पोस्ट ऑफिस में खुलवाया जा सकता है।
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