वाहन रजिस्ट्रेशन : नहीं हो सकेगा 20 साल पुराने वाहनों को पुन: पंजीयन
अगर आपका ट्रक, थ्री व्हीलर, पिकअप, मिनी ट्रक, कार अथवा कोई भी दुपहिया या चौपहिया वाहन 15 साल पुराना है तो इसका आरटीओ विभाग से इसका दोबारा रजिस्ट्रेशन करवाने की तैयारी कर लें। एनजीटी के कड़े आदेशों के बाद केंंद्रीय परिवहन विभाग ने एनसीआर सहित भारत के सभी राज्यों के लिए निर्देश दिए हैं कि 15 साल से अधिक पुराने वाहनों का पुन: पंजीयन कराएं। वहीं बीस साल से अधिक पुराने वाहनों का दोबारा पंजीयन नहीं किया जाएगा।
यहां बता दें कि केंद्रीय परिवहन विभाग की ओर से जारी इन निर्देशों के बाद वाहन मालिकों को अपने वाहनों का फिटनेस टेस्ट भी करवाने की जरूरत पड़ेगी। वाहन मालिकों को चाहिए कि वे आगामी 1 अप्रैल 2022 से पहले अपने वाहन का दोबारा रजिस्ट्रेशन करवा लें अन्यथा उन्हे 10 गुना तक अधिक पंजीयन शुल्क देना होगा। आइए, जानते हैं क्या हैं पुराने वाहनों के पंजीयन के नये आदेश।
पहले कराना होगा फिटनेस टेस्ट
केंद्र सरकार और एनजीटी पर्यावरण सुधार के लिए लगातार प्रयासरत हैं। इसी कड़ी में सरकार ने 15 वर्ष पुराने वाहनों के पंजीयन अनिवार्य रूप से कराने के निर्देश दिए हैं। इससे वाहनों द्वारा फैलने वाले वायु प्रदूषण के बारे में भी फिटनेस टेस्ट से पता लग जाएगा। पुराने वाहन मालिकों को सरकार के इन निर्देशों की पालना के तहत सबसे पहले अपने वाहन का फिटनेस टेस्ट कराना चाहिए। यदि फिटनेस टेस्ट रिपोर्ट सही आती है तो इस तरह के वाहनों की पंजीयन सीमा पांच साल के लिए बढ़ा दी जाएगी। वहीं दोबारा पंजीयन कराते समय नया वाहन खरीदने पर जमा टैक्स का 10 फीसदी ही देना होता है।
पुराने नियमों में किया यह संशोधन
यहां आपको बता दें कि आरटीओ के पुराने नियमों के तहत वर्ष 2006 के अनुसार चारपहिया वाहनों का पंजीयन शुल्क 6000 रुपये था और दोबारा पंजीयन के लिए 600 रुपये शुल्क लगता था लेकिन अब सरकार ने इन नियमों में बदलाव करते हुए दोबारा पंजीयन शुल्क की राशि 10 गुना तक बढ़ा दी है। आपको बता दें कि अब ट्रक का पुन: पंजीयन कराने पर 5,000 रुपये से बढ़ा कर 12,500 रुपये कार का 600 के स्थान पर 5,000,मिनी ट्रक का 10,000 रुपये और बाइक का 300 रुपये के स्थान पर 1000 रुपये कर दिया गया है। यह सब इसलिए भी किया गया है ताकि लोग पुराने वाहनों को जल्द से जल्द स्क्रैप कराएं जिससे प्रदूषण की समस्या पर काफी हद तक रोक लग पाएगी।
20 साल पुराने वाहनों का नहीं होगा दोबारा रजिस्ट्रेशन
केंद्र सरकार की ओर से जारी आदेशानुसार अब ऐसे वाहनों को दोबारा पंजीयन नहीं किया जा सकेगा जो बीस साल या इससे अधिक पुराने हो गए हैं। इन वाहनों को सडक़ों से हटाने की कवायद तेजी से चलाई जा रही है। दिल्ली सहित कई शहरों में तो सरकार की नई स्क्रेपिंग पॉलिसी के तहत 20 साल पुराने वाहनों को चिन्हित कर इनको जब्त करने की कार्रवाई को अंजाम देना भी शुरू कर दिया गया है। केंद्रीय सडक़ परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के निर्देशानुसार 15 साल पुराने वाहनों के दोबारा रजिस्टे्रेशन शुल्क में राज्य सरकारें चाहें तो कुछ रियायत दे सकती हैं लेकिन ऐसे पुराने वाहनों को सडक़ों पर चलने के लिए किसी तरह की छूट नहीं दी जा सकती। बढ़ती दुर्घटनाओं और प्रदूषण नियंत्रण के लिए यह बहुत जरूरी हो गया है।
अप्रेल 2022 से पहले कराना होगा पंजीयन
यहां बता दें कि केंद्र सरकार के नए निर्देशानुसार 15 साल पुराने वाहनों का आरटीओ में दोबारा पंंजीयन कराने की अवधि 1 अप्रैल 2022 तक की है। इसके बाद पंजीयन शुल्क दस गुना तक ज्यादा वसूला जाएगा। वहीं सभी प्रदेशों के परिवहन विभागों की ओर से इसकी प्रक्रिया अभी से शुरू कर दी गई है।
कर्नाटक और दिल्ली में सर्वाधिक चल रहे 20 साल पुराने वाहन
आपकी जानकारी के लिए यहां बता दें कि पिछले दिनों केंद्रीय पर्यावरण राज्य मंत्री अश्वनी चौबे ने संसद में एक सवाल के जवाब में पुराने वाहनों के आंकड़े साझा करते हुए कहा था कि देश में कर्नाटक और दिल्ली ऐसे दो राज्य हैं जहां अभी भी 20 साल से ज्यादा अवधिपार वाहन सबसे ज्यादा चल रहे हैं। दोनों राज्यों की बात करें तो ऐसे वाहनों की कुल संख्या 75 लाख से भी अधिक है। उन्होंने यह भी बताया कि वर्तमान में भारतीय सडक़ों पर करीब 2.15 करोड़ अवधिपार व्हीकल्स संचालित हो रहे हैं। अकेले कर्नाटक में 39.48 लाख वाहन 20 साल से ज्यादा पुराने हैं वहीं दिल्ली मेें 36. 14 लाख वाहन इस श्रेणी के हैं। कर्नाटक और दिल्ली के बाद उत्तरप्रदेश तीसरे स्थान पर है जहां 26.20 लाख वाहन 20 साल पुराने हैं।
नई स्क्रैपिंग पॉलिसी से मिलेगा लाभ
एक ओर से केंद्र सरकार ने पंद्रह साल पुराने वाहनों के दोबार पंजीयन की छूट दे दी है लेकिन दोबारा पंजीयन का शुल्क भी काफी बढा दिया गया है ऐसे में लोग नई स्क्रैपिंग पॉलिसी के तहत अपने खटारा वाहनों को स्क्रैप कराना ही ज्यादा उचित समझेंगे। इसका कारण यह भी है कि नई स्क्रैपिंग नीति में पुराने वाहन को स्क्रैप कराने पर केंद्र और राज्य सरकारों की ओर से कई तरह की छूट दी जा रही है जैसे रोड टैक्स में छूट, नया वाहन खरीदने पर पंजीयन में रियायत आदि। वहीं अगर पुराने वाहन मालिक अपने वाहनों को रखना चाहते हैं तो उन्हे फिटनेस टेस्ट करवाना जरूरी होगा। इससे रोड पर चलने के लिए उन्हे सरकार को टैक्स के रूप में ज्यादा पैसा देना पड़ेगा।
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