Posted On : 30 September, 2021
केंद्र सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की ओर से भारत में करोड़ों की लागत से कई नए एक्सप्रेस वे निर्मित कराए गए हैं। इन एक्सप्रेसवे पर जिस तरह की सुविधाएं दी गई हैं उनके लिए सरकार आखिर पैसा तो वसूल करेगी ही। देश के सबसे बड़े दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे के निरीक्षण के बाद मीडिया के सामने केंद्रीय सड़क एवं परिवहन राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी पहले ही कह चुके हैं कि बेहतर सडक़ों पर चलना है तो रोडटैक्स से लेकर टोल टैक्स आदि जरूरी भुगतान करने के लिए तैयार रहना चाहिए। तो अब सभी कमर्शियल वाहन ( Commercial Vehicles ) मालिकों की जानकारी के लिए बता दें कि यमुना एक्सप्रेसवे पर वाणिज्यिक वाहनों के लिए बढ़ी हुई दरों से टोल टैक्स चुकाना होगा।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यमुना एक्सप्रेसवे ( Yamuna Expressway ) शुरू होने के बाद इस एक्सप्रेस वे पर टोल टैक्स की नई दरें भी तत्काल प्रभाव से लागू हो गई हैं। यमुना एक्सप्रेसवे पर वाणिज्यिक गाडियों के टोल टैक्स में वृद्धि की गई है। नई दरें तत्काल प्रभाव से लागू कर दी गई हैं। कमर्शियल गाडियों के लिए प्रति किलोमीटर पांच पैसे से 15 पैसे तक की बढोत्तरी की गई है। इस हिसाब से अब 10 किलोमीटर के लिए डेढ़ रुपये अधिक देने होंगे। यमुना एक्सप्रेस वे प्राधिकरण के अनुसार हल्के कमर्शियल वाहनों, मालवाहकों और मिनी बसों के लिए टोल दर बढ़ा कर 3.90 रुपये प्रति किलोमीटर कर दी गई है। इसके अलावा बस और ट्रक के लिए टोल टैक्स की दर 7.85 से बढ़ा कर 7.90 रुपये प्रति किलोमीटर हो गई है। वहीं हैवी कमर्शियल वाहनों को 15.40 रुपये की जगह 15.55 रुपये प्रति किलोमीटर टोल देना पड़ेगा।
आपको बता दें कि यमुना एक्सप्रेसवे पर फास्टेग से टोल का भुगतान का भुगतान करने के लिए सरकार ने एक्सप्रेस वे की संचालक कंपनी जेपी इंफ्राटेक को पूर्व में ही निर्देश जारी कर दिए हैं। इसके तहत टोल प्लाजा पर वाहन चालकों को फास्टैग की सुविधा प्रदान की जाएगी। एक्सप्रेस वे के तीनों टोल प्लाजा जेवर, मथुरा और आगरा में फास्टेग की जरूरी व्यवस्थाओं को पूरा कर लिया गया है। यमुना एक्सप्रेस वे प्राधिकरण के सीईओ अरुणसिंह ने कहा कि वाहन चालक फास्टैग से टोल टैक्स का भुगतान कर जल्दी निकल सकेंगे। इससे सफर के समय में बचत के साथ टोल प्लाजा पर लगने वाले जाम से भी निजात मिल सकेगी।
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आपको बता दें कि यमुना एक्सप्रेसवे यूपी के अंदर देश की सबसे महंगी सड़क है। इस पर फाइटर प्लेन भी उतर सकता है। एक बार ऐसा हो भी चुका है। आगरा में अमरीका के तत्कालीन राष्ट्रपति के संभावित दौरे के देखते हुए ऐसा किया गया था। अब नए एक्सप्रेस वे की एक किलोमीटर सड़क की लागत 30 करोड़ रुपये होगी। लेकिन इसका चौतरफा विरोध भी किया गया। दरअसल यह प्रोजेक्ट मायावती सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट था। इसे यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सरकार के समय अगस्त 2012 में शुरू किया गया था। 165 किलोमीटर लंबे यमुना एक्सप्रेस वे के निर्माण की कुल लागत 12,839 करोड़ 77 लाख रुपये आई थी।
उत्तरप्रदेश के आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे की कुल लागत को लेकर भी विवाद शुरू हो गया है। 302 किलोमीटर लंबाई वाली इस सडक़ का निर्माण कार्य आरंभ हो गया है। इधर यूपीईडा के सीईओ नवनीत सहगल ने ट्वीट पर जानकारी दी है कि आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे पर 9056 करोड़ की लागत आएगी जबकि इसकी कुल लागत 1500 करोड़ बताई जा रही है। वहीं यूपी के पूर्व रिटायर्ड आईएएस अधिकारी सूर्यप्रतापसिंह ने अपने ट्वीट में कहा है कि यदि इस सडक़ की कुल लागत में भूमि अधिग्रहण की राशि भी जोड़ दी जाए तो इसकी लागत प्रति किलोमीटर के हिसाब करीब 60 करोड़ हो जाएगी।
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