टाटा मोटर्स के नए कदम से नई स्क्रेपिंग पॉलिसी को मिलेगी मजबूती
टाटा मोटर्स कंपनी देश की नई स्क्रेपिंग नीति को बढ़ावा देने के लिए आगे आई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगस्त 2021 में देश की नई स्कै्रपिंग पॉलिसी लांच की थी। इसमें सरकार ने कई तरह के लाभ स्क्रेपिंग कराने वाले वाहन मालिकों को देने की घोषणाएं भी की हैं। आपको बता दें कि वर्तमान में देश में हर साल करीब 25 हजार ट्रक कबाड़ में बदलते हैं। इनके अलावा अन्य पुराने वाहन भी हजारों की तादाद में हर वर्ष कबाड़ में तब्दील होते हैं। इन वाहनों के अनुपयोगी हो जाने पर अभी तक इनके स्क्रेपिंग की सुविधाओं का विस्तार नहीं हो पाया है। अब टाटा मोटर्स जल्द ही गुजरात के अहमदाबाद में एक फ्रेंचाइजी के तहत आधुनिक कबाड़ केंद्र स्थापित करने जा रही है। अगले वित्त वर्ष में इस केंद्र के शुरू होने की संभावना है। आइए जानते हैं टाटा मोटर्स की यह नई कार्य योजना क्या है? इस स्क्रैपिंग सेंटर से एक वर्ष में कितने पुराने वाहनों को रिसायकल करने में मदद मिलेगी?
यूरोपीय विशेषज्ञ की मदद से तैयार होगा स्क्रैपिंग सेंटर
टाटा मोटर्स की ओर से गुजरात के अहमदाबाद में स्थापित किए जा रहे स्क्रैपिंग सेंटर को यूरोपीय विशेषज्ञ के साथ कंपनी द्वारा करार के तहत तैयार करवाया जा रहा है। कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा है कि टाटा मोटर्स एक फ्रेंचाइजी के अंतर्गत वाहन कबाड़ केंद्र स्थापित करने जा रही है। ऑटो प्रमुख ने इस साल की शुरूआत में गुजरात सरकार के साथ अहमदाबाद में एक वाहन स्क्रैपेज सुविधा की स्थापना का समर्थन करने के लिए हाथ मिलाया था। कंपनी ने कहा है कि आज देश में हर साल करीब 25,000 ट्रक नष्ट हो जाते है। हमारे पास इनके स्क्रैपेज की पर्याप्त सुविधाएं नहीं हैं। अब हमने एक यूरोपीय विशेषज्ञ के साथ करार किया है। इनकी मदद से एक स्क्रैपिंग सेंटर की स्थापना की जाएगी।
स्क्रैपिंग सेंटर का संचालन फ्रेंचाइजी व्यवस्था से होगा
यहां बता दें कि टाटा मोटर्स के कार्यकारी निदेशक और वाणिज्यिक वाहन (Commercial Vehicles) यूनिट के अध्यक्ष गिरीश वाघ ने एक ऑनलाइन प्रेस कॉन्फ्रेंस में संवाददाताओं से कहा कि हमने इस मॉडल को बनाया है और इस मॉडल को हम फ्रेंचाइजी व्यवस्था के माध्यम से संचालित करेंगे। उन्होंने कहा कि कंपनी ने फ्रेंचाइजी भागीदारों को स्क्रैपेज सुविधाएं स्थापित करने के लिए आशय पत्र भेजना शुरू कर दिया है। इस पहल की शुरूआत के लिए समयसीमा के बारे में पूछे जाने पर वाघ ने कहा कि हमे अगले वित्तीय वर्ष की शुरूआत में पहली बार आना चाहिए।
टाटा मोटर्स के स्क्रैपिंग सेंटर से बढ़ेगा स्टार्ट-अप
यहां बता दें कि गुजरात के अहमदाबाद में खुलने जा रहे टाटा मोटर्स कंपनी के स्क्रैपिंग सेंटर से राज्य के अनेक बेरोजगार युवाओं को रोजगार मिलने की संभावनाएं हैं। इस संबंध में कंपनी के कार्यकारी निदेशक और कमर्शियल वाहन ((Commercial Vehicles) यूनिट के अध्यक्ष गिरीश वाघ ने कहा है कि सरकार भी वाहन स्क्रैपिंग सुविधाओं की स्थापना के बारे में काफी उत्सुक है। सरकार का भी नजरिया है कि इससे रोजगार सृजन में मदद मिलेगी।
हर वर्ष 36,000 वाहन होंगे रिसायकल
यहां आपको बता दें कि गुजरात के अहमदाबाद में संचालित होने जा रहे टाटा मोटर्स के आधुनिक कबाड़ केंद्र में यात्री और वाणिज्यिक इन दोनों श्रेणी के अवधिपार वाहनों को रिसायकल करने की सुविधा होगी हर वर्ष करीब 36,000 वाहनों को रिसायकल करने की क्षमता इस स्क्रैपिंग सेंटर की होगी।
वित्त वर्ष 2021 में टाटा के वाणिज्यिक वाहनों की हुई बिक्री में वृद्धि
यहां बता दें कि टाटा मोटर्स ने वित्त वर्ष 2021 की पहली तिमाही में वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री में 44 प्रतिशत की बढ़ोतरी हासिल की। कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी गिरीश वाघ ने कहा है कि हमारी बाजार हिस्सेदारी में सुधार हुआ है। वहीं उम्मीद करते हैं कि सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि होनी चाहिए। जैसा कि आरबीआई ने संकेत दिया है कि इस वर्ष पिछले वर्ष की तुलना में उद्योग 20 प्रतिशत बढ़ेगा। उन्होंने कहा है कि उद्योग का आकार लगभग 7 लाख यूनिट होना चाहिए। वहीं उनका कहना है कि कंपनी जिंसों और चिप की ऊंची कीमतों से कारोबार पर असर पड़ रहा है। कंपनी दिन प्रतिदिन इस बाधा से निपट रही है। इसके अलावा कंपनी के साथ यह प्लस प्वाइंट भी है कि ईंधन की कीमतों में वृद्धि से सीएनजी वाहनों (Cng Vehicles) की बिक्री में भी वृद्धि हुई है। वाघ का कहना है कि कंपनी का अच्छा वक्त फिर से शुरू हो गया है।
जानें, वाहन कबाड़ नीति की दस मुख्य विशेषताएं
यहां बता दें कि टाटा मोटर्स की गुजरात में स्क्रैपिंग सेंटर खोलने की योजना के पीछे निश्चित तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अगस्त माह में लांच की गई वाहन कबाड़ नीति है। यहां ट्रक जंक्शन (Truck Junction) पर देश की स्क्रैपिंग पॉलिसी की जानकारी दी जा रही है ताकि लोग इस नीति का लाभ ले और पर्यावरण सुधार में अपना योगदान दें सकें। राष्ट्रीय वाहन कबाड़ नीति की दस मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं-:
- नेशनल व्हीकल्स स्क्रैपिंग पॉलिसी से देश में प्रदूषणकारी वाहनों को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने में मदद मिलेगी।
- वाहन कबाड़ नीति से भारत में करीब 10,000 करोड़ रुपये का निवेश होगा।
- इस नीति से पुराने वाहनों को कबाड़ में बदलने पर वाहन मालिक को सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा।
- राष्ट्रीय वाहन कबाड़ नीति से देश के मध्यम वर्ग को फायदा होगा।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस नीति को लांच करते समय कहा था कि इसका उद्देश्य पर्यावरण के अनुकूल अर्थव्यवस्था विकसित करना है।
- देश की नई स्क्रैपिंग पॉलिसी से स्क्रैपिंग कराने वाले वाहन मालिकों को नया वाहन खरीदने के लिए सरकार ने कुल कीमत में पांच प्रतिशत की छूट देने के निर्देश ऑटोमोबाइल कंपनियों को दिए हैं।
- केंद्रीय बजट 2021-22 में घोषित नई स्क्रैपिंग नीति में निजी वाहनों के लिए 20 साल बाद फिटनेस परीक्षण अनिवार्य कर दिया गया है। वहीं वाणिज्यिक वाहनों के लिए यह अवधि 15 साल की रहेगी।
- नई स्क्रैपिंग पॉलिसी के अंतर्गत 15 साल पुराने कमर्शियल वाहनों का डी-पंजीकरण किया जाएगा।
- इस नीति के लागू होने के साथ ही देश में अनेक युवा बेरोजगारों को स्टार्टअप शुरू करने से रोजगार के अवसर मिलेंगे।
- पुराने वाहनों के स्क्रैप होने से रिसायकल करने के लिए कच्चे माल और चिप की समस्या से वाहन निर्माता कंपनियों को निजात मिलेगी।
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