Posted On : 29 April, 2024
भारत में बैटरी निर्माण के लिए अब कंपनियां आगे आने लगी है। हाल ही में भारत की 7 प्रसिद्ध कंपनियों ने बैटरी निर्माण प्लांट लगाने में अपनी रुचि दिखाई है। इन कंपनियों के लिए भारत में बैटरी निर्माण का व्यवसाय बेहद लाभप्रद हो सकता है, क्योंकि सरकार भी इस व्यवसाय के लिए कंपनियों को बढ़ावा दे रही है। इस प्लांट के लिए सरकार पीएलआई यानी प्रोडक्शन लिंक्ड स्कीम का लाभ कंपनियों को देगी।
बता दें कि भारत की प्रसिद्ध कंपनियां जैसे रिलायंस इंडस्ट्रीज, जेएसडब्ल्यू नियो एनर्जी, एसीएमई क्लीनटेक सॉल्यूशन, अमरा राजा बैटरी आदि कंपनियों ने बैटरी विनिर्माण इकाई लगाने में अपनी अभिरुचि दर्ज की है। हाल ही में भारी उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी वैश्विक निविदा में कंपनियों ने अपना आवेदन दिया है और इस प्लानिंग को उद्योग जगत से बेहद सकारात्मक और अच्छा रिस्पॉन्स प्राप्त हुआ है। चलिए इस खबर को विस्तार से समझते हैं।
भारी उद्योग मंत्रालय की ओर से 24 जनवरी को 10 GWh की संचयी क्षमता वाला निविदा जारी किया गया। जिसके रिस्पॉन्स में कंपनियों ने 24 जनवरी को जबरदस्त प्रतिक्रिया दी और मंत्रालय ने 10 GWh के बदले 70 GWh की बोली प्राप्त की। मंत्रालय के विनिर्माण अनुमान का यह 7 गुना है। बता दें कि इस योजना का उद्देश्य भारत में बैटरी भंडारण को बढ़ावा देना और जल्द से जल्द 50 गीगावाट की घरेलू विनिर्माण क्षमता को प्राप्त करना है।
सरकार ने कहा कि उसे 3,620 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ 10 जीडब्ल्यूएच क्षमता की बैटरी विनिर्माण सुविधाएं स्थापित करने के लिए उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहनों के लिए रिलायंस इंडस्ट्रीज और जेएसडब्ल्यू नियो एनर्जी सहित 7 कंपनियों से बोलियां मिली है। इस लिस्ट में अन्य कंपनियां भी शामिल है जैसे एसीएमई क्लीनटेक सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, अमारा राजा एडवांस्ड सेल टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड, अन्वी पावर इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड, लुकास टीवीएस लिमिटेड और वारी एनर्जी लिमिटेड शामिल हैं। भारत में बैटरी निर्माण प्लांट लगने से बैटरी सस्ती होगी साथ ही इलेक्ट्रिक वाहनों की लागत में भी कमी आएगी |
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