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कोरोना की दूसरी लहर : ट्रांसपोर्टरों को रोजाना एक हजार करोड़ रुपए का नुकसान

Posted On : 23 April, 2021

ईएमआई वसूली रोकने और कर और बीमा छूट पर छूट देने की मांग

कोरोना की दूसरी लहर के कारण देश में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। कोविड-19 प्रतिबंधों के चलते ट्रांसपोर्ट व्यवसाय ठप होने लगा है और उन्हें प्रतिदिन एक हजार करोड़ रुपए का नुकसान होने लगा है। इससे ट्रांसपोर्ट व्यवसायी परेशान हैं। 

ट्रक चालकों के निकाय ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस ने कहा कि कोविड-19 के कारण ताजा प्रतिबंधों और कुछ राज्यों में साप्ताहिक लॉकडाउन के कारण ट्रांसपोर्टरों को हरदिन करीब एक हजार करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है। कोविड-19 के मरीजों की बढ़ती संख्या के साथ उनका नुकसान भी बढ़ता जा रहा है। एआईएमटीसी ने कहा कि अगर स्थिति को संभालने के लिए सरकार द्वारा राहत उपाय नहीं किए गए तो ये नुकसान और भी बढ़ सकता है। अब ट्रांसपोर्टर नुकसान सहन करने की स्थिति में नहीं है। 


लॉकडाउन और प्रतिबंधों की तीव्रता और अवधि के साथ बढ़ रहा नुकसान

एआईएमटीसी ने एक बयान में कहा कि कोविड19 संक्रमण की रोकथाम के लिए महाराष्ट्र में 12 अप्रैल को सार्वजनिक पाबंदी लागू की गई थी। उस समय हर दिन 315 करोड़ रुपए के नुकसान का अनुमान लगाया गया था। अब ताजा आकलन के अनुसार परिवहन उद्योग को प्रतिदिन लगभग 1,000 करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है, जो कि महामारी के कारण लगाए गए लॉकडाउन और प्रतिबंधों की तीव्रता और अवधि के साथ बढ़ रहा है।


सरकार से राहत की मांग

ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस ने सरकार से अनुकूल कदम उठाने की मांग की। संगठन ने वाहनों के लिए लिए गए कर्ज की समान-मासिक किस्त (ईएमआई) की वसूली रोकने , कर और बीमा छूट पर छूट की मांग की है ताकि इस उद्योग पर आसन्न वित्तीय संकट से बचा जा सके। एआईएमटीसी का कहना है कि ट्रांसपोर्टरों को कर, बीमा की किश्त, ट्रकों की ईएमआई, ड्राइवरों और कर्मचारियों की सैलरी, प्रतिष्ठान के खर्चे इत्यादि का प्रबंध करना होगा। इसे लेकर उन्होंने राज्य सरकार से राज्य के कर, परमिट और फिटनेस शुल्क, खाली खड़े ट्रकों के लिए पार्किंग फीस से छूट इत्यादि को लेकर राहत देने की मांग की है।


प्रतिबंध से ट्रकों की मांग में 50 प्रतिशत की कमी

ट्रांसपोर्ट सेक्टर अभी 2020 के लॉकडाउन से हुए नुकसान से ही नहीं उबर पाए हैं। अब नए प्रतिबंध उनके लिए एक और सेटबैक है। एआईएमटीसी ने अपने बयान में कहा गया है कि दिल्ली, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, कर्नाटक और अन्य राज्यों ने भी गैर-जरूरी सामानों की आवाजाही पर सख्त प्रतिबंध लगाया है, जिसके परिणामस्वरूप ट्रकों की मांग में लगभग 50 प्रतिशत की कमी आई है। एआईएमटीसी ने कहा कि अगर हालात बिगडऩे पर लॉकडाऊन और प्रतिबंधों को कड़ा किया जाता है तो नुकसान और बढ़ेगा।

 

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